Find the Latest Status about उर्वारुकमिव वंदना मृत्यु from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, उर्वारुकमिव वंदना मृत्यु.
_itni _si _baat _hai _vandana Upadhyay
जीवन बस मृत्यु शय्या है हम भम्र मे होते हैं कि जी रहे हैं ब्लकि हम बढ़ते रहते हैं मृत्यु कि ओर हर क्षण मृत्यु सत्य है अटल सत्य ©वंदना उपाध्याय मृत्यु शय्या वंदना उपाध्याय _v #WorldAsteroidDay
Vivem
पास होते तो तुमको पकड़ कर रो लेते हम; होकर मुतमईन फिर शायद सो लेते हम [#मुतमईन~#संतुष्ट] #प्रेम_विरह #वेदना #मुतमईन #मृत्यु
Thagaria Entertainment
महादेव तुझको समर्पण मेरा ये जीवन, एक और जीवन दान देने का शुक्रिया..., साल का पहला दिन मेरी जिन्दगी का आखिरी दिन होता, अगर शिव तु ना होता...! ©Thagaria Entertainment (@Rajkumar verma) #Thagaria_entertainment #RajkumarThagaria #Shiva #Bholenath ओम् त्र्यंबकम यजामहे सुगंधि पुष्टि वर्धनम उर्वारुकमिव वन्दना मृत्यु मोक्षिमामृत
SAURABH MAHENDRA VISHWAKARMA
🚩सभी मित्रों को सावन माह की शुभकामनाएं... ©SAURABH MAHENDRA VISHWAKARMA ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् | उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्|
Kapil Rajput
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ ॐ नमः शिवाय🙏🙏 ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
Amit Kumar Srivàstava
लोग कहते है कि वो मर गया है वो तो खुशबुओ मे बिखर गया है अब कोई इम्तिहान बाकी नही है बडे इत्मिनान से वो घर गया है अमित कुमार श्रीवास्तव पीलीभीत मृत्यु
Aniket Chakrwarty
होऊँगा मैं नींद में और मुझे इतना सजाएगा जाएगा बड़े प्यार से मुझे नहलाया जाएगा न जाने होगा वो कौनसा अजब खेल मेरे घर में बच्चे की तरह मुझे कंधे पर उठाया जाएगा होगा पास मेरा हर अपना उस वक़्त फिर भी मैं हर किसी के मन से भुलाया जाऊँगा जो कभी देखते भी न होंगे मोहब्बत की निगाहों से उनके दिल से भी प्यार मुझ पर लुटाया जाएगा मालूम नहीं क्यों हैरान होगा हर कोई मुझे सोते हुए देखकर ज़ोर ज़ोर से रो कर मुझे जगाया जाएगा काँप उठेगी मेरी रूह वो मंज़र देखकर जहाँ मुझे हमेशा के लिए सुलाया जाएगा मोहब्बत की इन्तेहाँ होगी जिन दिलों में मेरे लिए उन्हीं दिलों के हाथों उस दिन मुझे जलाया जाएगा #मृत्यु
Kamal bhansali
जीवन वक्त के अनुसार सिर्फ अपनी जरूरतों की पूर्ति चाहता है। दिल अपने सजाये ख्बाबों को पूर्णता से प्राप्त करना चाहता है। और आत्मा सदा अपनी वास्तिवकता से परिचित होना चाहती है। इस विवशता का अंत सिर्फ मृत्यु के पास है। यही सत्य है, इसे सनझकर चलना ही सही है।✍ कमल भंसाली मृत्यु