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Madhav Jha
और अकर्मण्यता के साथ भीरुता से मन का ह्रास होता है जिससे अंधकार और पतन हो व्यक्तित्व की क्षीणता हो जाती है। नमस्कार लेखकों! 🌺 आज का WOTD (Word Of The Day)— भीरुता or Cowardice. 🌻दिए गए शब्द का अपने लेखन में प्रयोग किजिये। 🌻अपने लेखन को आप अपनी म
उपकार वर्मा
नीरसता की विकल वेदना और मन घबराया सा है स्वप्न अनेको लेकर बैठा लेकिन अब सब जाया सा है एक उठती चिंगारी देखो फूंक रही है अपना ही घर अब पिछले दुख वाला पल फिर से यूं दोहराया सा है। नीरसता की विकल वेदना और मन घबराया सा है बहुत बोलने वाले देखो अब सी लेते हैं होठों को अब तुम देखो नीरसता में बदल रहे इन लोगों को सम्मुख बोलो सहज स्वरों में इसमें क्या दोराया सा है बोल सको तो मीठा बोलो वरना सब कुछ जाया सा है नीरसता की विकल वेदना और मन घबराया सा है बात एक है सब कुछ दुख सुख एक लालची माया का है अपने भीतर उसके भीतर क्या अंतर सब कुछ अपनी काया सा है मनुज मनुजता के बंधन में अब तो देखो बध जाओ तुम बाकी सब ठुकराया सा है नीरसता की विकल वेदना और मन घबराया सा है ©उपकार वर्मा #नीरसता
RK SHUKLA
प्रभु किन्हा भल एक उपाई। दिन्हि आशीष राम सम भाई।। भ्राता को समर्पित prk भ्राता के लिए
Vikas Sharma Shivaaya'
सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु बिद्यमान रन पाइ रिपु कायर कथहिं प्रतापु। बहादुर व्यक्ति अपनी वीरता युद्ध के मैदान में शत्रु के सामने युद्ध लड़कर दिखाते हैं और कायर व्यक्ति लड़कर नहीं बल्कि अपनी बातों से ही वीरता दिखाते हैं ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' वीरता
Dayal "दीप, Goswami..
मौसम बदला ,बदल गया हवाओं का रुख, तर धरती का आंचल सूखा, सूख चुका नयन जल, मन मेरे जो मिलन आश बची, अब वो भी हुईं निर्जल, कौन देश तुम सिधार गए, आज भी ढूंढे तुमको नयन । ये कैसा था, नीति का खेल निराला, उज्जवल तन भी पड़ गया जिसमें काला, भोर से सांझ हो गई, पर कैसे मुख जाए निवाला, विरह वेदना की जब सुलग रही हो इस मन में ज्वाला। ©Dayal "दीप, Goswami.. भ्राता विरह वेदना,
Mahesh Lokhande
वंदन तुज भारता वंदन तुज भारता भारता वंदन तुज भारता॥धृ॥ कणांकणांतून तुझ्या जन्मल्या नररत्नांच्या कथा॥1॥ हर्ष वाटे या मनाला गीत तुझे गाता॥2॥ तुच आमची माता पिता तुच खरी देवता॥3॥ वेगवेगळे धर्म असूनी नांदे इथे एकता॥4॥ तुच भ्राता तुच त्राता तुच खरा दाता॥5॥ संस्कृतीचा ठेवा तू अन तू विश्वमार्गदाता॥6॥ कवी=महेश लोखंडे वंदन तुज भारता
Minakshi Biswal
किसी के सामने रोने से दर्द कम नहीं होता। मुश्किलों से लड़ने के सिवाय कोई छूट नहीं सकता।। मैदान छोड़कर चले जाना सच्चे वीरों का पहचान नहीं होता।।।🙏🙏 Minakshi✍️ #Indian army #Indian army# वीरता