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krisha
मैं जब हास्य कवि बन जाऊँगी, मैं भी कविता सुनाकर लोगों को खुब हँसाऊँगी उनकी बातों का हँस कर जबाब दे जाऊँगी खिलखिलतें हुए चहेरे देख मैं भी खुश हो जाऊँगी मैं जब हास्य कवि बन जाऊँगी, रोज हँसा कर ज़िंदगी एक नया सबक सीख लाऊँगी व्यंग्य के माध्यम से भी उलहाना दे जाऊँगी फिर भी लोगो के दिलपर राज कर जाऊँगी मैं जब हास्य कवि बन जाऊँगी, नेताओं, तंजतारौ सबकी बैंड बजाऊँगी सुना-2 कर उनकी गलतियों को उनको भी हृदयाघात पहुंचाऊँगी मैं जब हास्य कवि बन जाऊँगी, मैं सबको खुब हँसाऊँगी।। #मैं जब हास्य कवि बन जाऊँगी😂😋
aNuJ
Nandini priya Satish agrahari Sahil Rathore Vandana Bisht हास्य कवि आशीष कविगुरु
Manoj Nigam Mastana
मैं नही कहता कि कोई कवि विशेष हूं पुरात्तव विभाग को मिला एक पुराना मिट्टी का अवशेष हूं #मनोज_मस्ताना आप सभी मुझे facebbok Twitter Instagram WhatsApp पे ऐड कर सकते है 9027168899 #मनोज_मस्ताना #नोजोतो #कविता #शायरी #कहानी मनोज मस्ताना हास्य कवि बरेली उत्तरप्रदेश 9027168899
जयश्री_RAM
एक बार ऐसा व्यक्ति, चेहरा कुछ खास नहीं कतई बेहुदा कपटी, उससे सारा गाँव परेशान था। उसकी उपस्थिति में जीना मुहाल था। नये-नये ढंग की शरारत में उसे बेहद मजा आता था। लोगों का सिर छोड़ो, उससे सारा गाँव चकराता था। लेकिन अचानक एक दिन सारा गाँव और भी डर गया। वो जान का दुश्मन व्यक्ति जाने कैसे मर गया। परन्तु शैतान इन्सान मर कर भी शैतानी कर गया। उसने अपनी अंतिम इच्छा वसीयत में छोड़ दी। पूरे गाँव में, पहले मैं पहले मैं ऐसी होड़ थी। कृपया मान्यवर मेरी एक प्रार्थना सुन लें। कोई चार तन्दुरूस्त व्यक्ति चुन लें। जो बारी-बारी मुझे शमशान तक ले जायेगें, सबसे ज्यादा जो जितना मुझे घसीटेगा। सबसे बड़ा पुण्य वही लपेटेगा। बस फिर तो लाश को कभी पैर से कभी हाथ से पकड़ कर घसीटा जाने लगा। ऐसा करके लोगों को जीवन भर का आनन्द आने लगा। इस अवसर पर पहली बार बड़े स्तर पर गाँव में चहल-पहल हुई। लेकिन बात में अजीब रहस्य था फैल गयी। सुनकर चौकी के सोते सिपाही गाडी़ में भरकर आये। किसी को दी गाली किसी पर डन्डे बरसाये। बोले-जिन्दा तो कुछ कर नहीं सके मरे को खींच रहे हो। लाश को घसीटने का पौधा सींच रहे हो। आप लोग अपनी हँसी में, लाश घसीटने की खुशी में। बिल्कुल बुद्धि से मंद हो गये। थानेदार सभी को लाया थाने और उस मरे आदमी की आदत से सभी जेल में बन्द हो गये। ®राम उनिज मौर्य® बनबसा जिला-चम्पावत. #हास्य