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manoj kumar jha"Manu"
दिवसावसान के समय, सांध्यसुन्दरी जब आ रही थी। तभी मधुर मुस्कान से, एक रूपसी मुसका रही थी।। चारों ओर ही लोग किन्तु, पहचान कोई नहीं पा रहा। निकटस्थ सब, रूपसी अलग, हर्ष ही हर्ष छा रहा।। लग रहा था मानो एक, रूपसी गगन से उतर आई। लगा कि सुपरिधान में, गुलाबी छटा चहुँ ओर छाई।। फिर अचानक ही चौंक सब, देखकर के मुस्कुराये। बोले अरे! तुम! तुमको तो हम पहचान भी न पाये।। फिर वह रुपसी, पलकें झुकाये मुस्काये रही। मनु! तुम थे ही नहीं, फिर कैसे ऐसी कल्पना करी। रूपसी
brijesh mehta
शक्ल, सूरत, दौलत, इज्जत, बंगले, शोहरत और डिग्रियां ही अगर देखी है "कोमल दिल" देखने के अलावा किसी और चीज से प्रभावित होकर प्यार किया है, शादी की है तो रोना तय है। हंड्रेड परसेंट गारंटी मेरी है! हंड्रेड परसेंट गारंटी मेरी है! #मंमाधन #brijeshmehta #mythoughts #myfeelings #philosophyoflife #philosophy #lifequotes #lifelessons
Rajesh rajak
#Motivation सांझ हुई दिन ढल गया,बाघ ने घेरी गाय,, गाय बेचारी न मरे,बाघ न भूखा जाय। जीवन रूपी सांझ,यम रूपी बाघ,आत्मा रूपी गाय।
manisha
पूर्णिमा के चांद सा है तू हरदम इशक सी चांदनी बरसाता है हम मिलने को छत पे आते हैं तू बादलों में छिप जाता है इतने दिनों तरसाकर एक झलक दिखाता है कैसा आशिक है तू चंद पलों में ही सारे जग को रिझाता है चाँद रूपी आशिक
राम लला समरस्ता
आज रात हुई है, तो सबेरा भी जरूर होगा , आज आप कुछ दिन सलामत घर पर बसेरा करें तो एक दिन अपनी मुलाकात जरूर होगा ।। आज आफत आई है, तो आफत का किस्सा खत्म भी जरूर होगा है मानव रूपी चिड़िया अभी तू कुछ दिन रुक अपने ही घोसले में तू सुरछित रहा तो तेरे पर आसमान में उड़ने के लिए मशहूर होगा । *✍🏻अनिल कुमार मिसिर (हुड़दंग)* मानव रूपी चिड़िया
Shailesh "saral"
सब कहते हैं नर - रूपी पिशाच मुझे क्या नहीं बची अब मुझ में दया और सहनशीलता क्यों बन गया मैं ऐसा ,कौन है जिम्मेदार? परिस्थितियों का रोना हर बार की तरह क्या रो कर मैं इस बार भी बच पाऊंगा या फिर हो जाऊंगा दूर अपने आपसे लगने वाले नर से दूर संज्ञा- शून्य पिशाच की तरह जिसकी लाल आंखें सिर्फ चलती हैं सिर्फ स्वार्थ रूपी रोटियां तलती हैं और हो जाती हैं मौन ,बेबस औरों की सहानुभूतियों के लिए संज्ञा- शून्य समझ से परे ,असहिष्णु ।। शैलेश सरल ' नर -रूपी पिशाच