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writer dream
दर्द हमे किस बात का है। आज तक हमें यह समझ ना आया। शिकायत हमें किस से है। यह पता ना करना आया, दिल टूटा भी था, या कहीं जुड़ ही न पाया था। प्यार हुआ था, या प्यार कभी समझ ही नहीं आया था। जिंदगी में बहुत कुछ खो दिया, इस बात से परेशान है। या फिर कभी कुछ पाया ही नहीं, यह दर्द सताता है। हालात बिगड़े हुवे।
श।यर देव Thakur
कोई इश्क़ क्या खाक बिगड़ेगा मेरा, हम उनकी तस्वीर को आंखों में लिए फिरते हैं। ©देव Thakur कोई इश्क क्या खाक बिगड़ेगा मेरा #meltingdown
AnkitPalWriter
हम बिगड़े हुए लोग हैं साहब, एक ही बार करते हैं, मोहब्बत हो या फिर दुश्मनी..!! _@ अंकित पाल_❣️❣️ ©AnkitPalWriter हम बिगड़े हुए लोग है
Sunil itawadiya
🤗🤗🤗🤗🤗 राधे राधे बोल तेरा क्या बिगड़े क्या बिगड़े 🤗🤗🤗🤗💐🙏🏼
Ek villain
हरिद्वार की कथा थी धर्म संसद में सुनाई दिए बिगड़े बोल अभी शांत भी नहीं पढ़े थे की रायपुर की ऐसी ही धर्म संसद में महात्मा गांधी को सार्वजनिक रूप से अपशब्द कहे गए और उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे का गुणगान किया गया इन दोनों आयोजनों में कई वक्ताओं की ओर से जो आपत्तिजनक बयान दिए गए वह किसी भी दृष्टि से ना तो धर्म समिता कहे जा सकते हैं और ना ही संसदीय इन बयानों को केवल निंदा और भरत सेन या पर्याप्त नहीं यह सभी सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है कि माहौल बिगाड़ना देश की छवि खराब करना और वैमनस्य पैदा करने वाले ऐसे आयोजन ना होने पाए और यदि हां हो ए तो उनमें वैशाली बोर्ड सुनने को ना मिले यदि मिले तो फिर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो अभी तक जानकारी के अनुसार हरिद्वार के धर्म संसद में नफरत ही बयान देने वाले 3 लोग और रायपुर में ऐसे ही बयान देने वाले एक व्यक्ति को नाम आजाद किया गया दुर्भाग्य से उसमें खुद को संत साध्वी कहने वाले लोग भी थे जिसमें संत धर्मदास साध्वी अन्नपूर्णा और संत कालीचरण हरिद्वार के तथाकथित धर्म संसद का मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर भी पहुंच गया पता नहीं वह क्या होगा लेकिन इसमें दरोगा नहीं कि उन आयोजनों में दिए गए उत्तेजित बयानों में उन लोगों को सुनहरा मौका हाथ लग गया जो देश को नीचा दिखाने की ताक में रहते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें और खासकर भारत को उग्र से सुनता हिंदू राष्ट्रीय में तब्दील होता देखने वाले को 200 नहीं किया जा सकता वह अपनी प्राकृतिक और पृथ्वी के हिसाब से काम कर रहे हैं 200 तथा वही है जिनमें वह उन्होंने यह मौका उपलब्ध कराया सार्वजनिक मंच से भाषण देने वाला कोई व्यक्ति इतना बेवकूफ नहीं हो सकता कि वह यह ना समझे सकेगी इसके उत्तेजक बयानों पर क्या और किस प्रतिक्रिया होगी लेकिन शायद ऐसे लोग अपनी आदत से लाचार हैं इसमें कुछ नेता भी है कुछ लोगों के लिए हरिद्वार रायपुर के धर्म संसद में दिए गए जहर भुज बयान और उन तत्वों की कारगुजारी है जिन्होंने फर्ज अल्टीमेट कहा जाता है ©Ek villain # माहौल बिगाड़ने वाले बिगड़े बोल #horror