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LOL
छोड़ी बेर आपण-आपण बाखली सबे जणी परदेस न्हें गयीं चावले गुद बुरासक फूल खित बेर गों पना की देई कसिके पूजली कसिके झूमली कैसी बलाली मेरी चेली फूल देई छम्मा देई फूल देई छम्मा देई.. © KaushalAlmora फूल देई छम्मा देई Pc :me #लोकपर्व #चेली #365days365quotes #रोजकाडोजwithkaushalalmora #पलायन #कुमाऊंनी
Anamika Nautiyal
ऐगे चैत यू बंसती बहार लीक फूल मां फूलार लीक फ्योलीं बुरांश खिलिगे बणो मां बच्चा-बच्चा खुश म्यार पहाड़ मां डेली-डेली फूल पडी गे आज फूलदेई कु त्योहार एगे अर्थात यह चैत्र बसंत की बहार लेकर आ गया है। फूलों में नई कोंपले आ गई है , वनों में खिलने वाली फ्योंली और बुरांस खिल गए हैं ।बच्चा-बच्चा आज प
raj chauhan
खुद से नफरत होती जा रही है वक़्त के साथ मुझे, मम्मा ठीक ही केहती थी मुझे.... लोगों को पहचानने नही आता तुझे😢। #मम्मा
संजय श्रीवास्तव
मेरी मां थी हर गम से बचा लेती थी रफू करके मुफलिसी छुपा देती थी न जाने कौन सा गुल्लक था जादू का मेरी परेशानी चुटकी में मिटा देती थी मेरी गलती पर कभी डाँटा भी नही उसने खुद तो रोती थी और मुझको रुला देती थी मां तुम थी तो मै बड़ा हो पाया ही नही रात में लोरी सुनाकर जो सुला देती थी मेरी कमाई पर हक भी जताया था संजय हाथ में लेकर फिर मुझको थमा देती थी संजय अम्मा
Sunita Shanoo
उबल रहा था सूरज, धरती पिघल रही थी बिन बादल अम्मा की आँखें बरस रही थी अम्मा
Sangeeta Verma
सूना है वहाँ एक बूढी अम्मा की मौत हो गई थी पहले ये बहूत खूबसूरत घर था बहूत लोग ने खरीदने की कोशिश की पर उस बूढी अम्मा ने हमेशा मना कर देती बोलती " ये घर मेरी जान है जिस दिन ये मूझ से दूर हूआ समझ लेना मै मर गई " एक रोज उस अम्मा के बडे बेटे नै बीन बताये वो घर 2 करोड मे बेच दिया । 2 दिन बाद जीन लोगो ने घर खरीदा था वो आये और बोले "घर एक हफ्ते मे खाली कर देना हम को यहाँ होटल सेटप करना है " अम्मा बोल पडी " कोन सा घर किस का घर तेरे बाप ने बनवाया था क्या ये जो तू होटल बनायेगा" "अरे अम्मा आप के बडे बेटे ने ये घर मूझे 2 करोड मे बेच दिया है " ये सून कर अम्मा के पेरो जमीन ही न रही वो सीधा जाकर अपने रूम का दरवाज़ा बंद कर लिया दोनो बेटे दोनो बहू एक पोता छोटा एक पोती छोटी सब दरवाजा खूलवाने मे लग थे । पर अम्मा होतती तो दरवाजा खोलती ना अम्मा तो दूनियाँ छोड चूकी थी । बस तब से ये सुन्दर घर खण्डहर बन गया और होटल भी न बन सका क्योंकि अम्मा की आत्मा वहाँ भटकती है । ( चाँदनी) ©Sangeeta Verma अम्मा