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New अमूर्त कला Quotes, Status, Photo, Video

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Nisheeth pandey

कागज जैसे जीवन पर चढती परत दर परत रंग ही मूर्त अमूर्त कला का नाम है पर, कागज रोल में जब पड़ी तब सब सुनसान है...... धर्म संस्था,ज्ञान स #lovequotes #Remember #कविता #saath #Gulaab #sadquotes #Likho #streak #निशीथ #humantouch #NojotoStreak

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वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

दिव्यो ह्यमूर्तः पुरुषः स बाह्याभ्यन्तरो ह्यजः।
अप्राणो ह्यमनाः शुभ्रो ह्यक्षरात्‌ परतः परः ॥

वह दिव्य अमूर्त 'पुरुष', वही बाह्य तथा आन्तर (सत्य) है एवं वह 'अज' है; वह प्राणों से परे (अप्राण) एवं मन से परे (अमन) है, वह शुभ्र ज्योतिर्मय एवं अक्षर से भी परे 'परमात्मतत्त्व' है।

He, the divine, the formless Spirit, even he is the outward and the inward and he the Unborn; he is beyond life, beyond mind, luminous, Supreme beyond the immutable.

( मुंडकोपनिषद १.३.२ ) #मुण्डकोपनिषद #उपनिषद #अमूर्त

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

अग्नीर्मूर्धा चक्षुषी चन्द्रसूर्यौ दिशः श्रोत्रे वाग्‌ विवृताश्च वेदाः।
वायुः प्राणो हृदयं विश्वमस्य पद्‌भ्यां पृथिवी ह्येष सर्वभूतान्तरात्मा ॥

अग्नि 'उसका' मस्तक (मूर्धा) है, चन्द्रमा तथा सूर्य उसके नेत्र हैं, दिशाएँ उसकी श्रवणेन्द्रियाँ (श्रोत्र) हैं तथा प्रकट हुए वेद उसकी वाणी हैं, वायु उसका प्राण है, विश्व उसका हृदय है, उसके चरणों में पृथ्वी आसीन है, 'वह' समस्त उद्भूत सत्ताओं का 'अन्तरात्मा' है।

Fire is the head of Him and his eyes are the Sun and Moon, the quarters his organs of hearing and the revealed Vedas are his voice, air is his breath, the universe is his heart, Earth lies at his feet. He is the inner Self in all beings.

( मुंडकोपनिषद १.३.४ ) #मुण्डकोपनिषद #उपनिषद #विश्वरूप #विष्णु #अमूर्त #अदृश्य #दिव्य

meghamajriya

feel कला कला 😔

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आज एकला होया तो बेरा पाट्या,,

कई घंटे होया करैं एक दिन मै

insta_@meghamajriya feel कला कला 😔

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

यत् तदद्रेश्यमग्राह्यमगोत्रमवर्णमचक्षुःश्रोत्रं तदपाणिपादम्‌।
नित्यं विभुं सर्वगतं सुसूक्ष्मं तदव्ययं यद् भूतयोनिं परिपश्यन्ति धीराः ॥

वह' जो अदृश्य है, अग्राह्य है, सम्बन्धहीन (अगोत्र) है। अवर्ण है, चक्षु तथा श्रोत्र रहित है, जो अपाणिपाद (हाथ-पाँव रहित) है, नित्य है, विभु है, सर्वगत है, सब में ओतप्रोत है, अतिसूक्ष्म है, अव्यय है, जो समस्त प्राणियों की उत्पत्ति का उद्गम-स्थल (योनि) है, ज्ञानीजन (धीरजन) सर्वत्र उसका दर्शन करते हैं।

That the invisible, that the unseizable, without connections, without hue, without eye or ear, that which is without hands or feet, eternal, pervading, which is in all things and impalpable, that which is Imperishable, that which is the womb of creatures sages behold everywhere.

( मुण्डकोपनिषद् १.१.६ ) #मुण्डकोपनिषद् #upnishad #अनंत #अखंड #सूक्ष्म #अविनाशी #ईश्वर #अमूर्त

Qalb

#कला

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2 Years of Nojoto इस संसार में अनेक कलाएं हैं
और
इन कलाओं में सबसे अच्छी कला हैं
दूसरो के हृदय को छू लेना #कला

Manish Kumar Savita

कला..... #nojotophoto #विचार

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 कला.....

Chandan Kumar

कला #nojotophoto

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 कला

JS GURJAR

#कला...............

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 #कला...............

Nanki Patre

कला

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ये  गलियारे प्यार के,
मुझे  बहुत पसंद है।। कला
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