तुम अति निकट हो विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के
किंतु व्यक्तित्व की मलीनता ही व्यक्ति को तुम्हारा स्पष्ट दर्शन नहीं होने देती।
जिस व्यक्ति के
#ईश्वर_का_अनुभव_स्वयं_के_भीतर
सितम्बर माह की अंतिम कविता
मलीन मस्तिष्क
भेष बदल कर, जग को रिझाना, प्रकृति का अपमान है।
छल-कपट से मन जीतना, मलीन मस्तिष्क की पहचान है।।
जहा #yqdidi#rsmalwar