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Rukhsar Khanam
💞💞जितना पाक़ीज़ा मेरा ईमान हैं💞💞 💞उतना ही पाक़ीज़ा मेरा इश्क़ भी हैं सनम तुझसे💞 ✍️मेरे अल्फ़ाज़✍️ ©Rukhasar Khanam 💞जितना पाक़ीज़ा मेरा ईमान हैं💞
Saifrahmankhan786official
Dost Ko Kabhi Daulat Ki Nigahon se mat Dekhna Janaab.. Wafa Nibhane Wale Hamesha Gareeb Huaa Karte Hain ...☆ ©Saifrahmankhan786official सबसे बेहतर और पाक़ीज़ा रिश्ता दोस्ती से अलावा कुछ नहीं #OneSeason
Writer G K
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️. #Jazzbaat# औरत उस गुलिस्तान ए महफ़िल में। रहती है जहां औरतों की पाक़ीज़ा ज़िन्दगी । का पायमना उसके लिबास से मापा जाता है। कुदरत के इस करिशमे को बेढियों में जकड़ा जाता है। मरदानगी की इस हेवानियात। को रिश्तों के तराज़ू में तोला जाता है। कब इस मगरूरियत को मासूमियत की एहमियत का इल्म होगा। बस खुदा इन मगरूरो को औरतों की शकसियात का तकाज़ा होगा । हया की मूरत को इज्जत से नवाज़ा जाएगा। इज्जत को इज्जत मिलेगी। जहां में खुशनुमा माहौल होगा। #aurat #dil #mohabbat #izzat #yqdidi #yqbaba Written by Harshita ✍️✍️. #Jazzbaat# औरत उस गुलिस्तान ए महफ़िल में। रहती है जहां औरतों की पाक
Sharukh Moin
शरीफ लोगों से कभी सियासत नहीं होती, तभी तो जुल्म के खिलाफ बगावत नहीं होती। पाक़ीज़ा लहज़ा, पाकीजा ही रहता है, सच्चे लोगों में दिखावत नहीं होती। खुश्क लब तर होंगे ख़ुद से ही ख़ुद, औरो के पिलाने से तराबट नहीं होती। कहते हैं अमृत है गंगाजल और जमजम, फिर खुन में क्यों इसकी मिलावट नहीं होती। भूखे, नंगे, वेघर, यतीम दुनियां के लोग, को खौफे खुदा में तुझसे क्यों शरारत नहीं होती। आईने चटक जाते हैं, ऐसे चेहरे देख के, जिनके चेहरे पर निशान ए इबादत नहीं होती। इंकलाबी लोगों का लहज़ा ही बदला होता है, दर्द में डूबे लोगों से हमें शिकायत नहीं होती। शहर की गलियों में, बारूद बहुत है, तभी तो हमसे कोयलें की तिजारत नहीं होती। शाहरुख नेकी करके दरिया में डाले जा तू, इस दौर के लोगों में मरौव्वत नहीं होती। शाहरुख मोईन अररिया बिहार 9534848402 शरीफ लोगों से कभी सियासत नहीं होती, तभी तो जुल्म के खिलाफ बगावत नहीं होती। पाक़ीज़ा लहज़ा, पाकीजा ही रहता है, सच्चे लोगों में दिखावत नह
Nakhat Praween Zeba
एक कविता (Full piece in the caption) जब सारे नाते टूट गए हो गमों का हर पर्दा बेपर्दा हो चला हो जब खुशियों की गहराई से आंसू छलके मोती बनके नशीली सी उन आंखों से जाम बरसती पैमाना ब