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Nitesh Jawa

जन्मों से न बांध मेरे रिश्ते को...
जिंदगी तो चुटकियों में खत्म हो जाती हैं  !
-NitSss... जिंदगी तो चुटकियों में खत्म हो जाती हैं

जिंदगी तो चुटकियों में खत्म हो जाती हैं #Shayari

14 Love

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रविन्द्र 'गुल' ek shayar

चुटकियों में मिटा दूंगा मैं तुम्हारे ग़म को

चुटकियों में मिटा दूंगा मैं तुम्हारे ग़म को #शायरी

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Rohit

Simcard problem चुटकियों में सही करे  #rktechnicallifetime #Foryou #Nojotocreater

Simcard problem चुटकियों में सही करे #rktechnicallifetime #foryou creater #जानकारी #nojotocreater

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Abhishek pandey

चुटकियों में पकडे झूठ --बोलने वालो को 



#Motivational #Trading #Motivated #Motivatinal

चुटकियों में पकडे झूठ --बोलने वालो को #Motivational #Trading #Motivated #Motivatinal #जानकारी

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NV Motivation

सिर्फ ₹50 में घुटने के दर्द को चुटकियों में गायब करें#shortsvideo

सिर्फ ₹50 में घुटने के दर्द को चुटकियों में गायब करेंshortsvideo #न्यूज़

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chand shayar Saifi

I can't live without you कहने वाले चुटकियों में साथ छोड़ जाते हैं ❗❗
और 
ये आजकल के इश्क़
 " जनाब "
चुटकियों में साथ छोड़ जाते हैं ❗❗❗


#shaya

I can't live without you कहने वाले चुटकियों में साथ छोड़ जाते हैं ❗❗ और ये आजकल के इश्क़ " जनाब " चुटकियों में साथ छोड़ जाते हैं ❗❗❗ shaya #Shayari #shayarilover #chandshayar

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OMG INDIA WORLD

किताबों में कहां किरदार बयां किए जाते हैं एक अजनबी सी शख्सियत का खेल लोग चुटकियों में खेले जाते हैं।

©OMG INDIA WORLD किताबों में कहां किरदार बयां किए जाते हैं एक अजनबी सी शख्सियत का खेल लोग चुटकियों में खेले जाते हैं।
#OMGINDIAWORLD

किताबों में कहां किरदार बयां किए जाते हैं एक अजनबी सी शख्सियत का खेल लोग चुटकियों में खेले जाते हैं। #OMGINDIAWORLD #शायरी

8 Love

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kingslifediary

सर चढ़ा भूत तेरे कहर का ....
हो गया बाजार चुटकियों में शहर का ...
#kingsluvdiary सर चढ़ा भूत तेरे कहर का ....
हो गया बाजार चुटकियों में शहर का ...
#Kings  #kingslovedairy #kingsluvdiary  #kingsluv 
#snow  #snowluvdiary #s

सर चढ़ा भूत तेरे कहर का .... हो गया बाजार चुटकियों में शहर का ... #Kings #kingslovedairy #kingsluvdiary #kingsluv #snow #snowluvdiary s #MSDhoni #कहानी

7 Love

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Vandana Mishra

जब भी मैं दुःखी होती,
मेरी रानी बिटिया कहकर,
ज्यू ही मां मेरा माथा चूमती,
मेरी सारी परेशानियां,
यूं चुटकियों में दूर हो जाती,

😊happy 😊.          
              😘kiss 😘.       
                                🌹day 🌹

©Vandana Mishra
  जब भी मैं दुःखी होती,
मेरी रानी बिटिया कहकर,
ज्यू ही मां मेरा माथा चूमती,
मेरी सारी परेशानियां,
यूं चुटकियों में दूर हो जाती,

😊happy 😊.

जब भी मैं दुःखी होती, मेरी रानी बिटिया कहकर, ज्यू ही मां मेरा माथा चूमती, मेरी सारी परेशानियां, यूं चुटकियों में दूर हो जाती, 😊happy 😊. #ज़िन्दगी

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Shivank Shyamal

मसख़रे को कहां मिलती पसंद की तनख़्वाह है?
‘हंसी बिकती है?’, जोकरों की जिंदगी तबाह है!!

तुम कहते है मीम बनाना चुटकियों का खेल है!
मसख़रे से ‘जिंदगी’ पूछो, कहेगा सब अफ़वाह है!

Shivank Srivastava 'Shyamal' मसख़रे को कहां मिलती पसंद की तनख़्वाह है?
‘हंसी बिकती है?’, जोकरों की जिंदगी तबाह है!!

तुम कहते है मीम बनाना चुटकियों का खेल है!
मसख़रे से

मसख़रे को कहां मिलती पसंद की तनख़्वाह है? ‘हंसी बिकती है?’, जोकरों की जिंदगी तबाह है!! तुम कहते है मीम बनाना चुटकियों का खेल है! मसख़रे से #Memes #Hindi #Joker #Shayari #urdu #laugh #laughter #worldlaughterday

17 Love

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Shivank Shyamal

ढूंढता हूं मैं तुझे, और तू मिल रही है धूल में।
छोटी छोटी ख़्वाहिशें भी खिल रहीं हैं धूल में।।

है! ये लंबा रास्ता, जो चुटकियों में नप रहा।
कामगारों की ये किस्मत छिल रही है धूल में।।

Shivank Srivastava 'Shyamal' ढूंढता हूं मैं तुझे, और तू मिल रही है धूल में।
छोटी छोटी ख़्वाहिशें भी खिल रहीं हैं धूल में।।

है! ये लंबा रास्ता, जो चुटकियों में नप रहा।
क

ढूंढता हूं मैं तुझे, और तू मिल रही है धूल में। छोटी छोटी ख़्वाहिशें भी खिल रहीं हैं धूल में।। है! ये लंबा रास्ता, जो चुटकियों में नप रहा। क #Hindi #Shayari #yqbaba #urdu #labour #Labourday #lockdown #lockdowndiary

15 Love

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Kunal Thakur

हम झुकाने पे आए तो खुदा को भी झुका सकते हैं
सामने आ रहें तुफान तक को रुका सकते हैं

और ये जों गुरूर हैं ना तुममें मेरी जान ये तो कुछ भी नहीं
अभी जो तुम्हें करतें हैं याद यु समझों कि चुटकियों में भुला सकतें हैं ॥

Dil Se..........Written By Kunal...........

©Kunal Thakur हम झुकाने पे आए तो खुदा को भी झुका सकते हैं
सामने आ रहें तुफान तक को रुका सकते हैं

और ये जों गुरूर हैं ना तुममें मेरी जान ये तो कुछ भी नहीं

हम झुकाने पे आए तो खुदा को भी झुका सकते हैं सामने आ रहें तुफान तक को रुका सकते हैं और ये जों गुरूर हैं ना तुममें मेरी जान ये तो कुछ भी नहीं #Dilkikitabse #kuvitheshayar

5 Love

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poet Danish Ali dsloverbadauni

kuch yad hei हम अपनी जिदंगी को ऐशो आराम से गुजारते है माँ-बाप की कमाई को चुटकियों मे बिगाडते है जब कमाने लगते है हम

kuch yad hei हम अपनी जिदंगी को ऐशो आराम से गुजारते है माँ-बाप की कमाई को चुटकियों मे बिगाडते है जब कमाने लगते है हम

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RAGHAV

पिता! ये शब्द बहुत भारी है, क्यूंकि इस पर किसी की जिम्मेदारी है। मैंने तुम्हें हर पल मुस्कुराते देखा था , हर मुश्किल को चुटकियों में सुलझाते

पिता! ये शब्द बहुत भारी है, क्यूंकि इस पर किसी की जिम्मेदारी है। मैंने तुम्हें हर पल मुस्कुराते देखा था , हर मुश्किल को चुटकियों में सुलझाते

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Rakesh Kumar Dogra

तेरी कही बात आजकल दिल में नहीं उतरती लोग भाषा न बदलें अर्ज़ है लहज़ा बदलें । बड़े अन्दाज़ थे उसके नखरे थे उसके, हम बताएंगें चाल-चलन में क्या-२

तेरी कही बात आजकल दिल में नहीं उतरती लोग भाषा न बदलें अर्ज़ है लहज़ा बदलें । बड़े अन्दाज़ थे उसके नखरे थे उसके, हम बताएंगें चाल-चलन में क्या-२

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Shree

बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...
पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भूल ही जाते हैं। दूरियों के मुसाफ़िर
बहुत कुछ सह लेते हैं,
मर्द भी कहां आसानी से
मर्द बने रहते हैं...

पिता, पुत्र, भाई, सखा,
पति बनते हुए... खुद को
वो भी भू

दूरियों के मुसाफ़िर बहुत कुछ सह लेते हैं, मर्द भी कहां आसानी से मर्द बने रहते हैं... पिता, पुत्र, भाई, सखा, पति बनते हुए... खुद को वो भी भू #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #a_journey_of_thoughts #दूरियोंकेमुसाफ़िर

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Vandana

"तेरी वो बातें तेरा वह बेबाकीपन, 
 "हर बात में हंसना,
 'कहते कहते रुक जाना, 
"हजारों बातों में सिर्फ जिक्र मेरा ही होना, 
"तुम्हारी वो शिकायतें, वह रवायतें,,
"कभी न पूरी होने वाली वो कहानियां, 
"कई घंटों का चुटकियों में गुजर जाना, 
"वक्त का जैसे थम जाना, 
"तुम्हारी मौजूदगी खुशनुमा एहसास,
 "मेरा तुम्हारी बातों को मुस्कुराकर सुनना, 
"जाने क्यों दिल चाहता है,
 'कि तुमको बस सुनू और देखता ही जाऊं,, 
 एक प्रेमी का प्रेमिका के लिए जो जज्बातों का उभरना 
ये रचना उन का समावेश है,, पूरी कविता नीचे कैप्शन में है,,,,

"तेरी वो बातें तेरा वह बेबाक

एक प्रेमी का प्रेमिका के लिए जो जज्बातों का उभरना ये रचना उन का समावेश है,, पूरी कविता नीचे कैप्शन में है,,,, "तेरी वो बातें तेरा वह बेबाक #Happiness #lovequotes #lovelife #yqtales #yqhindi #yqlove #yqlovequotes #yqaestheticthoughts

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Vandana

बेइंतहा चाहत है उनसे,
की उकेरा है,
हर एक लफ्ज़,
कलम से कागज पर, आंख भर कर देखा है उन्होंने
मिल गया मोहब्बत का नजराना
अब ना कोई ख्वाहिश रही ना कोई अफसाना,,,,,

शिकायतों की थी कब से मन में एक इमारत सी खड़ी

आंख भर कर देखा है उन्होंने मिल गया मोहब्बत का नजराना अब ना कोई ख्वाहिश रही ना कोई अफसाना,,,,, शिकायतों की थी कब से मन में एक इमारत सी खड़ी #प्रेम_समर्पण

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Pallavi Mamgain

कभी सोचा नही था....

      की तुमसे मिले  इतना समय बीत जायेगा!!!!



      (CAPTION 👇)

©Pallavi Mamgain
  और ये साल भी बीत गया...

कभी सोचा नहीं था
की जिसे देखे बिना 
दिन नही गुज़र पाता था
उसे देखे बिना इतने साल बीत जायेंगे...

जिस से हज़ार बाते

और ये साल भी बीत गया... कभी सोचा नहीं था की जिसे देखे बिना दिन नही गुज़र पाता था उसे देखे बिना इतने साल बीत जायेंगे... जिस से हज़ार बाते

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Mahfuz nisar

शीर्षक::: तू काम बता
तू काम बता? 
तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ, 
कसीदे लिखूँ, गिलाफे बुनूँ,
लिहाफ़े सिलूँ,सर्राफे चुनूँ,
बर्तन तो माँज दिया,
कपड़े भी धुल दिये,
रोटी भी बना लिया,
हाथों से खिला दिया,
चल और बता,
तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ,
हाज़िर जवाबी का तू फ़ायदा उठा ले,
मैं तेरी मुहब्बत का फरिज़ा उठा लूँ,
तू बता गर कोई ग़म है,
भला क्यूँ आँख तेरी नम है,
मत कर तू फ़िक्र मेरी,
चुटकियों में सब संभाल लूँगा,
जो तू मुस्करा दे,सब वार दूँगा,
बोल तो बाज़ार से क्या आम ला दूँ,
खट्टी-मीठी गोलियों का बोयाॅम ला दूँ,
जीरे वाली बिस्किट कि बर्फ़ी बादाम ला दूँ,
दूर शहर के किनारे झोपडी़ वाली नान ला दूँ,
या कि तेरी किसी सहेली का पैग़ाम ला दूँ, 

बता तो दे तू,मैं तेरी खातिर सारा जहान ला दूँ,
बस कि कंधा नहीं दूँगा तुझको,
क्यूँ बार बार इशारे करती है,
मैं कंधे दे कर कैसा भला मौत का इलज़ाम ले लूँ,
तेरे भारी होते माथे का बोझ मेरे ये कमज़ोर कंधे ना उठा सकेंगे,
तू जो गयी चली तो हम काम क्या ही करेंगे।
तू काम बता,बता, ,,, बता,,,,, बता ना?
तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ...........

©Mahfuz nisar #alone शीर्षक::: तू काम बता
तू काम बता? 
तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ, 
कसीदे लिखूँ, गिलाफे बुनूँ,
लिहाफ़े सिलूँ,सर्राफे चुनूँ,
बर्तन तो माँज

#alone शीर्षक::: तू काम बता तू काम बता? तेरे लिए मैं क्या क्या करूँ, कसीदे लिखूँ, गिलाफे बुनूँ, लिहाफ़े सिलूँ,सर्राफे चुनूँ, बर्तन तो माँज

10 Love

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Shivank Shyamal

मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो। 
मेरे इश्क़ में भी तेरी फिक्र हो।
मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं।
गर तुमसे मिलूं तो भांह भरूं।
तेरी उंगलियों में मेरी उंगलियां हो।
तेरे गालों पर, बस मेरी झलकियां हो।
तेरी नज़र झुके, तो मैं चूम लूं।
नज़र मिले, तो बस झूम लूं।
एक हाथ तेरी कमर पे रख।
ख़ुद की ओर मैं खींच लूं।
सच है या फिर झूठ ये,
इक बार मैं आंखें मींच लूं।
जुल्फों को मैं, तेरी छेड़ कर।
कान पर बस, साट दूं।
गर चूमते वक्त तंग करे, तो,
प्यार से, मैं उन्हें डांट दूं।
मैं मेरे कांपते होंठ को बस,
तेरे होंठ का, स्पर्श दे दूं।
फ़िर जो आंख बंद, तेरी हुई तो,
इस इश्क़ को तेरा नाम दे दूं।
कुछ वक्त तक तेरे होंठ पर मैं,
जिंदगी का सार ले लूं।
छोड़ कर बरसों की चिंता,
मैं सारा तेरा प्यार ले लूं।
मेरे कांपते होंठों को बस,
मैं पता तेरे होंठों का दे दूं।
और तेरी उलझनों का बोझ मैं,
चुटकियों में तुझसे ले लूं।।
ये चंद पल, न कभी भार हो।
मेरा इश्क़ ही, तेरा हार हो।।
और जब कभी तू सोचे मुझे,
बस मेरा इश्क़ ही, स्वीकार हो।
तेरी तिश्नगी शबनम सी हो,
और तलब मेरी इक खुमार हो।
मेरी बंदगी पर तुझे नाज़ हो,
तेरे इश्क़ का, मुझे खुमार हो।
मेरी नज़्म का तू उनवान हो,
मेरी रूह पर तेरा नाम हो।
तेरी मांग गर देखे कोई,
बस वो ही मेरी पहचान हो।।

©Shivank Shyamal मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो। 
मेरे इश्क़ में भी तेरी फिक्र हो।
मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं।
गर तुमसे मिलूं तो भांह भरूं।
तेरी उंगलिय

मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो। मेरे इश्क़ में भी तेरी फिक्र हो। मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं। गर तुमसे मिलूं तो भांह भरूं। तेरी उंगलिय #शायरी

22 Love

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Shivank Shyamal

मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो। 
मेरे इश्क़ में भी तेरी फिक्र हो।
मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं।
गर तुमसे मिलूं तो भांह भरूं।
तेरी उंगलियों में मेरी उंगलियां हो।
तेरे गालों पर, बस मेरी झलकियां हो।
तेरी नज़र झुके, तो मैं चूम लूं।
नज़र मिले, तो बस झूम लूं।
एक हाथ तेरी कमर पे रख।
ख़ुद की ओर मैं खींच लूं।
सच है या फिर झूठ ये,
इक बार मैं आंखें मींच लूं।
जुल्फों को मैं, तेरी छेड़ कर।
कान पर बस, साट दूं।
गर चूमते वक्त तंग करे, तो,
प्यार से, मैं उन्हें डांट दूं।
मैं मेरे कांपते होंठ को बस,
तेरे होंठ का, स्पर्श दे दूं।
फ़िर जो आंख बंद, तेरी हुई तो,
इस इश्क़ को तेरा नाम दे दूं।
कुछ वक्त तक तेरे होंठ पर मैं,
जिंदगी का सार ले लूं।
छोड़ कर बरसों की चिंता,
मैं सारा तेरा प्यार ले लूं।
मेरे कांपते होंठों को बस,
मैं पता तेरे होंठों का दे दूं।
और तेरी उलझनों का बोझ मैं,
चुटकियों में तुझसे ले लूं।।
ये चंद पल, न कभी भार हो।
मेरा इश्क़ ही, तेरा हार हो।।
और जब कभी तू सोचे मुझे,
बस मेरा इश्क़ ही, स्वीकार हो।
तेरी तिश्नगी शबनम सी हो,
और तलब मेरी इक खुमार हो।
मेरी बंदगी पर तुझे नाज़ हो,
तेरे इश्क़ का, मुझे खुमार हो।
मेरी नज़्म का तू उनवान हो,
मेरी रूह पर तेरा नाम हो।
तेरी मांग गर देखे कोई,
बस वो ही मेरी पहचान हो।।

©Shivank Shyamal मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो। 
मेरे इश्क़ में भी तेरी फिक्र हो।
मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं।
गर तुमसे मिलूं तो भांह भरूं।
तेरी उंगलिय

मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो। मेरे इश्क़ में भी तेरी फिक्र हो। मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं। गर तुमसे मिलूं तो भांह भरूं। तेरी उंगलिय #together #शायरी

11 Love

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Simmi Arora

•उस रात की बात•
(caption) • उस रात की बात....

 उस रात की वह बात थी,
हाँ, वह मेरे ही साथ थी।।
चुटकियों में बीत रहा था वक्त,
लग रहा था की सिर्फ दो पल की मुलाकात थी।।

• उस रात की बात.... उस रात की वह बात थी, हाँ, वह मेरे ही साथ थी।। चुटकियों में बीत रहा था वक्त, लग रहा था की सिर्फ दो पल की मुलाकात थी।। #yqbaba #yqdidi #yqdada #yqhindi #yqquotes #poetry_simmi

0 Love

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अज्ञात

पेज-58
कथाकार ने मन ही मन कहा- आइये ना एक बार 
भावों के दर्पण में खुद को देखते हैं क्या वाकई 
यथार्थ का दर्पण भी इतना ही सुंदर होगा... ! यदि 
हाँ तब भी यथार्थ का दर्पण तो हम रोजाना ही 
देखते हैं साहिब.. क्यूँ ना इस विवाह में भावों का 
दर्पण देखें..! क्या पता हम यथार्थ भी सुंदर नज़र 
आ जायें..!
मानक की सगाई हो गई... लग्नपत्रिका भी आ गई.. 
किन किन रस्म रिवाजों का प्रचलन है उनकी चर्चाएं 
भी हो गईं..कथाकार मध्यप्रदेश का रहनेवाला.. 
और विवाह है राजस्थानी वैवाहिक रस्मों का, 
पारिवारिक रीति-रिवाजों से.. थोड़ा फर्क पड़ेगा..! 
आप संभालिएगा..! या फिर
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-58
या फिर थोड़ा थोड़ा सब प्रांतो की 
हंसती खिलखिलाती अच्छी अच्छी रस्मों को मिक्स
कर रिमिक्स बनाते हैं..! क्यूंकि अब कल से

#रत्नाकर कालोनी पेज-58 या फिर थोड़ा थोड़ा सब प्रांतो की हंसती खिलखिलाती अच्छी अच्छी रस्मों को मिक्स कर रिमिक्स बनाते हैं..! क्यूंकि अब कल से #प्रेरक

37 Love

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Shivank Shyamal

नज़्म- ‘इस नज़्म का तू उनवान है’

मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो।  मेरे इश्क़ में भी तेरी फ़िक्र हो।
मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं। गर तुमसे मिलूं तो भांह भरूं।
तेरी उंगलियों में मेरी उंगलियां हो।
तेरे गालों पर, बस मेरी झलकियां हो।
तेरी नज़र झुके, तो मैं चूम लूं। नज़र मिले, तो बस झूम लूं।
एक हाथ तेरी कमर पे रख। ख़ुद की ओर मैं खींच लूं।
सच है या फिर झूठ ये, इक बार मैं आंखें मींच लूं।
जुल्फ़ों को मैं, तेरी छेड़ कर। कान पर बस, साट दूं।
गर चूमते वक्त तंग करें, तो, प्यार से, मैं उन्हें डांट दूं।
मैं मिरे कांपते होंठों को बस, तेरे होंठ का, स्पर्श दे दूं।
फ़िर जो आंख, बंद तेरी हुई तो, इस इश्क़ को तेरा नाम दे दूं।
कुछ वक्त तक तिरे होंठ पर, मैं ज़िंदगी का सार ले लूं।
छोड़ कर बरसों की चिंता, मैं सारा तेरा प्यार ले लूं।
तेरे कांपते अधरों को बस, मैं पता मेरे होंठों का दे दूं।
और तेरी उलझनों का बोझ मैं, चुटकियों में तुझसे ले लूं।।
ये चंद पल, न कभी भार हो। मेरा इश्क़ ही, तेरा हार हो।।
और जब कभी तू सोचे मुझे, बस मिरा इश्क़ ही, स्वीकार हो।
तेरी तिश्नगी शबनम सी हो, और तलब मिरी इक ख़ुमार हो। 
मेरी बंदगी पर तुझे नाज़ हो, तेरे इश्क़ का, मुझे ख़ुमार हो।
इस नज़्म का तू उनवान है, मिरी रूह पर तिरा नाम है।
तेरी मांग गर देखे कोई, बस वही मिरी पहचान है।।

©Shivank Shyamal नज़्म- ‘इस नज़्म का तू उनवान है’

मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो।  मेरे इश्क़ में भी तेरी फ़िक्र हो।
मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं। गर तु

नज़्म- ‘इस नज़्म का तू उनवान है’ मैं दुआ पढूं तो तेरा ज़िक्र हो। मेरे इश्क़ में भी तेरी फ़िक्र हो। मैं तुम्हें याद करूं तो आंह भरूं। गर तु #Love #Hindi #pyaar #lovequotes #nazm #nojotohindi #mohabbat #hindipoetry #yqdidi #shivankshyamalquotes

11 Love

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Pinki Khandelwal

part 2 

उनकी पहली किताब - "बुढ़ापा ...जिसका कोई साथी नहीं होता"।
आज वो जिस स्थिति में कल आप होंगे इसलिए विचार करिए


बुढ़ापा....।

part 2 उनकी पहली किताब - "बुढ़ापा ...जिसका कोई साथी नहीं होता"। आज वो जिस स्थिति में कल आप होंगे इसलिए विचार करिए बुढ़ापा....।

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JALAJ KUMAR RATHOUR

उस दिन बहुत खुश था मैं पर दुखी भी था आखिर आखिरी होली जो थी तुम्हारे साथ, यही तो दिन था जब तुम्हे स्पर्श करने  का अवसर मिलता था,
स्कूल में ये दिन भी किसी वैलेंनटाइन डे से कम नही होता था, रंगों के सहारे प्रेम को प्रदर्शित करना, यही तो खूबियां होती है उस वक्त के हर सोलह वर्ष के युवकों में, प्रेम का रंग भी बिल्कुल चटक लाल और हरे रंग सा चढता है पहले तो हर कोई  मना करता है, इसके करीब आने के ,पर जब आ जाता है तो बेखौफ हो जाता है ,फिर जो आनंद को वो प्राप्त करता है वो किसी महबूब की मुकम्मल मोहब्बत से कम नही होती, अरे मैं भी ना क्या करूँ संभाल ही नही पाता था खुद को,तुम्हे करीब आता देख और उस दिन तो तुम मेरे सामने थी, गुलाबी रंगों से रंगे तुम्हारे गाल और भांग से ज्यादा मदहोश तुम्हारी आँखों ने इस होली को मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत होली बना दी थी , कितना अजीब होता है हैं ना जिसके लिए हम सब सोच के रखते हैं उसके सामने आते ही हम सब भूल जाते हैं कभी कभी तुम मेरे लिए परीक्षा के उस प्रश्न सी थी जिसे मैंने पूरी साल पड़ा पर पेपर मे सामने आने पर सब भूल गया,
बात रंगो की नही थी बात थी तुम्हारा मेरे साथ होने की, तुम्हे देख मुस्कराने की और खिड़कियों से झांकते मेरे प्रतिबिंब की जो आज भी इंतजार में है की तुम शायद गुजरों फिर कभी इसी कॉलेज के सामने से और तुम बुलाओ उसे अपने करीब फिर से उसकी जिंदगी में रंग भरने को, 
रंग तो सिर्फ सहारा होते हैं प्रेम को प्रदर्शित करने के, 
चाहे वो बुजुर्गों के टीका लगाकर पैर छूकर जताया जाए, चाहे वो जीजा सालियों की चुटकियों में पाया जाए या चाहे देवर और भाभी की हँसी ठिठोलीयों मे मिल जाए, हमारा तो कोई संबंध ही नही था, प्रेम शायद वो सिर्फ मेरी तरफ से था, तुम तो सिर्फ रंग थी वो रंग जिसे होने से मैं रंगीन और जिसके ना होने से मैं रंगहीन था शुक्रिया मेरी जिंदगी को रंग- बेरंग करने के लिए.......
..... #जलज_राठौर
#प्रेम का रंग उस दिन बहुत खुश था मैं पर दुखी भी था आखिर आखिरी होली जो थी तुम्हारे साथ, यही तो दिन था जब तुम्हे स्पर्श करने  का अवसर मिलता था,
स्कूल में ये

उस दिन बहुत खुश था मैं पर दुखी भी था आखिर आखिरी होली जो थी तुम्हारे साथ, यही तो दिन था जब तुम्हे स्पर्श करने का अवसर मिलता था, स्कूल में ये #प्रेम #जलज_राठौर

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