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Mahesh Yadav

काली बदरी

घनघोर घटा छाई सगरी
जल मग्न भयी पूरी नगरी
सब मन की आस अब पूरन को
यैसी बरसी काली बदरी
सभी कृषक र्पेम राग गावत है
खेतन में हल को चलावत है
जल ही जल है सब जगह र्पभू
जस फोड़ दियो जल की गगरी
सब मन की आश अब पूरन को 
यैसी बरसी काली बदरी
है धानी चुनर ओढ़े धरा यैसी हरीयाली छाईं है
सावन की पावन बेला ने मन में खुशहाली लाईं है
कोयल बोले है बगियन में कूहकत मीठा रस राग भरी
सब मन की आस अब पूरन को 
यैसी बरसी काली बरसी काली बदरी #काली #बदरी
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Manisha Sahay

सावन की बदरी

सावन की बदरी #कविता

61 Views

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Badri lal salvi Badri

बदरी लाल सालवी

बदरी लाल सालवी

42 Views

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Manvi Singh manu

कुछ दीनों से मैं अजीब सा वक्त देख रही हूँ ।
जींदगी और सासों का जंग देख रही हूँ ।
राज महल के कमरे का दर्द देख रही हूँ
दुनीया में अकेले जिने का डर देख रही हूँ ।
एक बेटी को भुल कर एक औरत होने का दर्द देख रही हूँ ।अपनी आँखों के सामने अपनी माँ का अंत देख रही हूँ । मैं नीर भरी सुख की बदरी ।

मैं नीर भरी सुख की बदरी ।

5 Love

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Satish Chandra

बड़ी बेरूख़ी सी है आज इन हवाओं में,
लगता है फिर कहीं किसी का दिल टूटा है । दिल टूटा तो शोर भी न हुआ,
कारी बदरी छायी रही रात और दिन।

#बेरूख़ी

#YQdidi

#SattyMuses

दिल टूटा तो शोर भी न हुआ, कारी बदरी छायी रही रात और दिन। #बेरूख़ी #yqdidi #SattyMuses

0 Love

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Vikash Jadaun

छोटी सी बदरी संग तेरी यादों की बूंदें जब आती है,
तन भीगा, मन मेरा गीली मिट्टी सा महका जाती है। Rain छोटी सी बदरी संग तेरी यादों की बूंदें जब आती है,
तन भीगा, मन मेरा गीली मिट्टी सा महका जाती है।

Rain छोटी सी बदरी संग तेरी यादों की बूंदें जब आती है, तन भीगा, मन मेरा गीली मिट्टी सा महका जाती है।

5 Love

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PФФJД ЦDΞSHI

#Song  #बदरी #Chand #pujaudeshi  -hardik Mahajan Paakhi Anil Ray Sethi Ji Ashutosh Mishra  Ranjit Kumar MoHiTRock F44 Internet Jockey भारत स

Song #बदरी #Chand #pujaudeshi -hardik Mahajan Paakhi Anil Ray Sethi Ji Ashutosh Mishra Ranjit Kumar MoHiTRock F44 Internet Jockey भारत स #लव

477 Views

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Sahil Bhardwaj

इन लबों पे जो सिर्फ अफ़साने ही थी 
वो शायरी की दो लफ्ज बन के आयी मेरी जुबां पे,
प्यासा था कब से मैं,
दो बूँद बरसाने, वो बदरी बनके छायी आसमां पे... इन लबों पे जो सिर्फ अफ़साने ही थी 
वो शायरी की दो लफ्ज बन के आयी मेरी जुबां पे,
प्यासा था कब से मैं,
दो बूँद बरसाने, वो बदरी बनके छायी आसमां

इन लबों पे जो सिर्फ अफ़साने ही थी वो शायरी की दो लफ्ज बन के आयी मेरी जुबां पे, प्यासा था कब से मैं, दो बूँद बरसाने, वो बदरी बनके छायी आसमां #Poetry #Love #nojotohindi #sahilbhardwaj

126 Love

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Sarita Shreyasi

वह हंसती है जोर से हर कोई सुन पाता है बस उसके अपने ही मन के सन्नाटे तक ये आवाज नहीं पहुंच पाती। वो कोशिश तो कर रही है पर हर बार अपने प्रयास में असफल राह जाती है। # वह हंसती है जोर से,
हर कोई सुन पाता है,
पर उसकी ध्वनि लौट जाती है अपने ही मन के दीवारों से
उसकी खनक उसके वीराने को नहीं छू पाती, 
उसके मुस

# वह हंसती है जोर से, हर कोई सुन पाता है, पर उसकी ध्वनि लौट जाती है अपने ही मन के दीवारों से उसकी खनक उसके वीराने को नहीं छू पाती, उसके मुस

0 Love

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Raahul Kant

अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी की हवस ने मुझे पाप की गठरी बना दिया।।

©Raahul Kant अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी

अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया, बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया। देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा। किसी #shayri #Quote #Kids #Hawas #raahulkant #justmushayra

11 Love

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Pnkj Dixit

जब जी चाहे ख्वाबों में बुला लेता हूँ
मेरे  माही से मोहब्बत निभा लेता हूँ
उठती है मीठी - सी लहर तन मन में
सावन  की बदरी सा  बरसा  लेता हूँ

२८/०७/२०१८
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' जब जी चाहे ख्वाबों में बुला लेता हूँ
मेरे माही से मोहब्बत निभा लेता हूँ
उठती है मीठी सी लहर तन मन में
सावन की बदरी सा  बरसा लेता हूँ

२८/०७/

जब जी चाहे ख्वाबों में बुला लेता हूँ मेरे माही से मोहब्बत निभा लेता हूँ उठती है मीठी सी लहर तन मन में सावन की बदरी सा बरसा लेता हूँ २८/०७/

8 Love

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Insprational Qoute

कैप्शन में पढ़े। #lifewithpoetry_कहानी (अधिकतम 300 शब्दों में)
-- कहानी यहाँ से लिखें---
'भैया'

एक दम्पति रेशमा और बदरी थे।उनके दो बच्चे थे।एक लड़की (चाँदनी)

#lifewithpoetry_कहानी (अधिकतम 300 शब्दों में) -- कहानी यहाँ से लिखें--- 'भैया' एक दम्पति रेशमा और बदरी थे।उनके दो बच्चे थे।एक लड़की (चाँदनी) #YourQuoteAndMine #Lifewithpoetrylwp #LoveWithPoetryLWP #Lifewithpoetey_कहानी

0 Love

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dashing raaz

बाबरा सा मन मेरा, साँवली सी तू
सुकून सा मिले मन को, जब जब दिखे तू

सावला सा रंग तेरा, मुझको ऐसे भाए
जैसे चांदनी रात में, चाँद नज़र आये

तेरे रंग का एहसास भोर मे, कुछ ऐसा नज़र आये
सूरज भी रंग बिखैरने से मानो शर्माए

इस साँवलेपन को देख, गगन में बादल छाए
छाप छोड़ते बादल देख मेरा मन मचलता जाए

मगन गगन की बदरी भी कुछ ऐसे झुमत जाए
देख बदरी को मगन तब सूरज भी नर्मी दिखाये

तेरी याद समेटे ये शाम, मेरे मन को मोहती जाए
साँझ के ऐसे मंज़र में, जब भी तेरा चेहरा नज़र आये

तेरा रंग चढा ऐसा दिल पर, अब कुछ भी मुझको ना भाये
जहाँ भी देखू इन नजरो से मैं , सिर्फ तू ही तू नज़र आये

@dashing_raaz

©dashing raaz #shayari #instagram #hindi #poetry

बाबरा सा मन मेरा, साँवली सी तू
सुकून सा मिले मन को, जब जब दिखे तू

सावला सा रंग तेरा, मुझको ऐसे भाए
जैसे

shayari #Instagram #Hindi poetry बाबरा सा मन मेरा, साँवली सी तू सुकून सा मिले मन को, जब जब दिखे तू सावला सा रंग तेरा, मुझको ऐसे भाए जैसे #लव #alonegirl

62 Love

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Ashok kumar sharma Upadhyay

  Love me...... ❤ मोरा गोरा अंग लइ ले
मोहे शाम रंग दइ दे
छुप जाऊँगी रात ही में
मोहे पी का संग दइ दे

एक लाज रोके पैयाँ
एक मोह खींचे बैयाँ
हाय

Love me...... ❤ मोरा गोरा अंग लइ ले मोहे शाम रंग दइ दे छुप जाऊँगी रात ही में मोहे पी का संग दइ दे एक लाज रोके पैयाँ एक मोह खींचे बैयाँ हाय

3 Love

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Pnkj Dixit

👰🌷💓💝

तुम इतना भी नादान नहीं हो जितना तुम को समझूं मैं
पागल प्रेमी आजाद परिंदा मन की चितवन समझूं मैं

तुम मृगनयनी गजगामिनी प्रभात कुमुदिनी मनमोहिनी
मन हर्षाती ,हिमकणिका , प्रेम की उत्पत्ति समझूं मैं

तुम प्रेम कपोत, कूकती कोयल, प्रेम मरीचिका
श्वेत हिम शिखर घुमड़ती बदरी प्रेम सागरिका समझूं मैं

प्रियतमा तुम प्राणदायनी हृदयवासिनी जीवन गंगा 
स्वर्गिक सुख मन की मूरत जीवन संगिनी समझूं मैं 

०६/०५/२०१९
🌷👰💓💝
...✍ कमल शर्मा'बेधड़क' 👰🌷💓💝

तुम इतना भी नादान नहीं हो जितना तुम को समझूं मैं
पागल प्रेमी आजाद परिंदा मन की चितवन समझूं मैं

तुम मृगनयनी गजगामिनी प्रभात कुमुदिनी म

👰🌷💓💝 तुम इतना भी नादान नहीं हो जितना तुम को समझूं मैं पागल प्रेमी आजाद परिंदा मन की चितवन समझूं मैं तुम मृगनयनी गजगामिनी प्रभात कुमुदिनी म

5 Love

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राघव_रमण (R.J)..

नजरि के जोर चलल नजरि चोराऊ नै
देखु देखु अहां सजनी नजरि मिलाऊ कनै ।।

छिटकैत इजोरिया मे चमकैत छी अहां
देखु देखु अहां सजनी शरमाऊं कनै।।

फुजल केश अहां के लागय कजरल बदरी 
देखु देखु अहां सजनी मिझराऊं कनै।।

ठोरक लाली लागैये फूल गुलाब सनक
देखु देखु अहां सजनी गमकाऊ कनै।।

यौवन मे छलकैत अछि मधुशाला के पेय 
देखु देखु अहां सजनी पियाऊं कनै।।

प्रेमक बाट धेने राघव देखु घुमि रहल
देखु देखु अहां सजनी हिया लगाऊं कनै ।।

                                     ©राघव रमण
                                                 23/11/19 नजरि के जोर चलल नजरि चोराऊ नै
देखु देखु अहां सजनी नजरि मिलाऊ कनै ।।

छिटकैत इजोरिया मे चमकैत छी अहां
देखु देखु अहां सजनी शरमाऊं कनै।।

फुजल

नजरि के जोर चलल नजरि चोराऊ नै देखु देखु अहां सजनी नजरि मिलाऊ कनै ।। छिटकैत इजोरिया मे चमकैत छी अहां देखु देखु अहां सजनी शरमाऊं कनै।। फुजल #कविता

4 Love

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राजेश कुशवाहा 'राज'

यूँ हवाओं में लगी जब आग है रहबर,
तो साँसों को समझाऊँ मैं क्या कहकर,
माना बदरी है आई समंदर से चलकर,
पर हवाओं ने सुखा डाला,उसे जलकर,
बड़ी ये डोर नाजुक है जान लो दिलबर,
कहीं ये आग न पकड़े तुझको लिपटकर,
माना फासले दरमियां है तेरे मेरे सफर,
पर मिलेंगे यूँ फिर इस आग से बचकर,
"राज" दे दो मुहब्बत का जाम यूँ चलकर,
हवाओं में लगी आग को बुझा इस कदर,
माना थोड़ी कशमकश बढ़ी है यूँ दिलपर,
मगर एक बूँद बरसा मुहब्बत की ये बादर,

©राजेश कुशवाहा यूँ हवाओं में लगी जब आग है रहबर,
तो साँसों को समझाऊँ मैं क्या कहकर,
माना बदरी है आई समंदर से चलकर,
पर हवाओं ने सुखा डाला,उसे जलकर,
बड़ी ये ड

यूँ हवाओं में लगी जब आग है रहबर, तो साँसों को समझाऊँ मैं क्या कहकर, माना बदरी है आई समंदर से चलकर, पर हवाओं ने सुखा डाला,उसे जलकर, बड़ी ये ड #शायरी #zindagikerang #कुशवाहाजी

9 Love

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Sarita Shreyasi

बाबा अक्सर बुलाते हैं,
बुलाने पर नहीं आती,
बेमतलब के काम गिना कर,
अपनी व्यस्तता बताती है।
एक दिन,सबकी व्यस्त दिनचर्या में,
बिना बताये ही घर आ जाती है,
सुख में सुखाये,नये संबंधों पर,
अनचाही बदरी जैसी छा जाती है।
पापा को अपना भाई,दादा-दादी को
माँ-पापा कह कर अपना हक जताती है,
हमारी माँ को परायी और हमारे घर को
अपना बता कर हमें चिढ़ाती है।
स्नेह-शिकायत की कुछ बूंदें,
बुआ बेमौसम बरसा जाती हैं,
आंगन की गीली मिट्टी में,चुपके-से
अपना बचपन सहेज जाती है। बाबा अक्सर बुलाते हैं,
बुलाने पर नहीं आती,
बेमतलब के काम गिना कर,
अपनी व्यस्तता बताती है।
एक दिन,सबकी व्यस्त दिनचर्या में,
बिना बताये ही घर

बाबा अक्सर बुलाते हैं, बुलाने पर नहीं आती, बेमतलब के काम गिना कर, अपनी व्यस्तता बताती है। एक दिन,सबकी व्यस्त दिनचर्या में, बिना बताये ही घर #yourquote #yqbaba

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Amit Mishra

चाँद
(अनुशीर्षक में) रात अमावस गहरी काली
जाने क्यों ना  आया  चाँद

ओढ़ी बदरी सोया फिर से
थोड़ा सा  अलसाया  चाँद

सहमी चिड़िया डरी गिलहरी
थोड़ा  और  इतराया  चाँद

रात अमावस गहरी काली जाने क्यों ना आया चाँद ओढ़ी बदरी सोया फिर से थोड़ा सा अलसाया चाँद सहमी चिड़िया डरी गिलहरी थोड़ा और इतराया चाँद #Moon #yqbaba #yqdidi #Amit #maun #amitmaun

0 Love

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DrLalit Singh Rajpurohit

कोई राग सुनाओ ऐसी कि जिंदगी की ताल बदल जाए कोई सुर लगाओ ऐसा कि सुस्‍तायी हुई चाल बदल जाए कोई आलाप लगाओ ऐसा कि सूरत ए हाल बदल जाए कोई दीपक रा

कोई राग सुनाओ ऐसी कि जिंदगी की ताल बदल जाए कोई सुर लगाओ ऐसा कि सुस्‍तायी हुई चाल बदल जाए कोई आलाप लगाओ ऐसा कि सूरत ए हाल बदल जाए कोई दीपक रा

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Sangeeta Kalbhor

देख पाऊँ खुली आँखों से..

कभी समझ में आऊँ मुझे मैं
काश ऐसा भी समा आये
देख पाऊँ खुली आँखों से मुझे मैं
काश ऐसी नजर भी मुझे मिल पाये.....

रहकर उदास अपनेआप में
जाने क्यूँ मैं परेशान रहती हूँ
कहती नही हूँ किसीसे मगर
अपनेआप में सुलगती रहती हूँ
काश कि बिना बदरी के भी सावन झूमझूमकर आये
देख पाऊँ खुली आँखों से मुझे मैं
काश ऐसी नजर भी मुझे मिल पाये...

छुटता नही भाव मन का
और भी गहरा होता जा रहा है
दुनिया के लिए हूँ मैं
मेरा साथ मुझसे रुठता जा रहा है
क्या करुँ ,कैसे करुँ कोई तो मुझे समझाने आये
देख पाऊँ खुली आँखों से
काश ऐसी नजर भी मुझे मिल पाये.....

मी माझी.....
संगीता काळभोर.....

©Sangeeta Kalbhor
  #StandProud देख पाऊँ खुली आँखों से..

कभी समझ में आऊँ मुझे मैं
काश ऐसा भी समा आये
देख पाऊँ खुली आँखों से मुझे मैं
काश ऐसी नजर भी मुझे मिल पा

#StandProud देख पाऊँ खुली आँखों से.. कभी समझ में आऊँ मुझे मैं काश ऐसा भी समा आये देख पाऊँ खुली आँखों से मुझे मैं काश ऐसी नजर भी मुझे मिल पा #शायरी

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AJAY VERMA

तन तुम्हारा अगर राधिका बन सके
मन मेरा फिर तो धन्नशयाम हो जाएगा
मेरे होंठों की बनशी जो बन जाओ तुम
सारा संसार ब्राजधाम हो जाएगा

तुम अगर सुर बनो राग बन जाओ मैं
तुम रंगोली बनो भाग बन जाओ मैं
तुम दीवाली तो मैं भी जलो दीप सा
तुम तपस्या तो बेराग बन जाओ मैं

नींद बनकर आ सको आंख में
मेरी पलकों को आराम हो जाएगा

मैं माना लूगा तुम रूठकर देख लो
जोड़ लूगा तुम्हे टूटकर देख लो
हूं तो नादान फिर भी मैं इतना नहीं
थाम लूगा तुम्हे छूटकर देख लो

मेरी धड़कन से धड़कन मिला लो जरा
जो भी खास है वो आम हो जाएगा

दिल के पिंजरे कुछ पालकर देखते
खुद को शीशे फिर में ढालकर देखते
शांति मिलती सुलगते बदन पर अगर
मेरी आंखो पावन जल डालकर देखते

एक बदरी बनकर बाराश दो जरा
वरना सावन भी बदनाम हो जाएगा


 तन तुम्हारा अगर राधिका बन सके
मन मेरा फिर तो धन्नशयाम हो जाएगा
मेरे होंठों की बनशी जो बन जाओ तुम
सारा संसार ब्राजधाम हो जाएगा

तुम अगर सुर ब

तन तुम्हारा अगर राधिका बन सके मन मेरा फिर तो धन्नशयाम हो जाएगा मेरे होंठों की बनशी जो बन जाओ तुम सारा संसार ब्राजधाम हो जाएगा तुम अगर सुर ब

0 Love

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Shweatnisha Singh🌸

"बदरा"...


©श्वेतनिशा सिंह🌸

(अनुशिर्षक में पढ़ें) "बदरा"...

शाम सुहानी बदरा लाए,
बूंदों ने भी शोर मचाए...
पंछी चहककर घर को लौटे,
हवा बहती मद्धम-मद्धम...

मन को सुकून पहुँचाए,

"बदरा"... शाम सुहानी बदरा लाए, बूंदों ने भी शोर मचाए... पंछी चहककर घर को लौटे, हवा बहती मद्धम-मद्धम... मन को सुकून पहुँचाए, #Love #मिलन #मेघ #nojotohindipoetry #nojotoworld #प्रकृति_प्रेम #quadrate

10 Love

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dashing raaz

सो गया चुपके से, खामखां रात जो आयी थी,
किया गुफ्तगू तकिए से, तन्हाई साथ जो लायी थी।
सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था,
बेवजह - बेमौसम, बरसात जो आयी थी।।

आंसू बरस रहें आंखों से, पर मुस्कुरा रहें थें लव,
इन सूनी - सूनी रातों में, तेरी याद जो आयी थी।
खालिपन सा दिल में भरा, मन भी रहने लगा था भारी,
ऐसे इस एहसास में, सामने तेरी बात जो आयी थी।।

कभी सुनने को जो कानें तरसे, चाहने से जो कभी न बरसे,
उस बरसात की रात बदरी से, एक आवाज़ सी आयी थी।
देखने को तरस गईं थीं आंखें, सामने अंधकार लिए,
खुले आसमानों में बिजलियों ने, एक तस्वीर सी बनायी थी।।

दिल रहा पुकार तुम्हें, पर सांसें अटकी - अटकी सी,
आई थी जो उस रात, तू नहीं, तेरी परछाईं थी।
सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था,
बेवजह - बेमौसम, बरसात जो आयी थी।।

@dashing_raaz

©dashing raaz
  सो गया चुपके से, खामखां रात जो आयी थी,
किया गुफ्तगू तकिए से, तन्हाई साथ जो लायी थी।
सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था,
बेवजह - बेमौस

सो गया चुपके से, खामखां रात जो आयी थी, किया गुफ्तगू तकिए से, तन्हाई साथ जो लायी थी। सूनापन था चारो ओर, गांव में भी सन्नाटा था, बेवजह - बेमौस #Hindi #sadness #लव

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Divyanshu Pathak

तन तुम्हारा अगर राधिका बन सके
मन मेरा फिर तो घनश्याम हो जाएगा
मेरे होठों की वंशी जो बन जाओ तुम
सारा संसार बृजधाम हो जाएगा !
:💕👨
तुम अगर स्वर बनो राग बन जाऊं मैं
तुम रंगोली बनो फ़ाग बन जाऊं मैं
तुम दीवाली तो मैं भी जलूं दीप सा
तुम तपस्या तो बैराग बन जाऊं मैं
नींद बनकर अगर आ सको आँख में
मेरी पलकों को आराम हो जाएगा ! :💕👨
मैं मनालूँगा तुम रुठ कर देखलो
जोड़ लूंगा तुम्हें टूट कर देखलो
हूँ तो नादान पर फिर भी इतना नहीं
थाम लूंगा तुम्हें छूट कर देखलो
मेरी धड़कन स

:💕👨 मैं मनालूँगा तुम रुठ कर देखलो जोड़ लूंगा तुम्हें टूट कर देखलो हूँ तो नादान पर फिर भी इतना नहीं थाम लूंगा तुम्हें छूट कर देखलो मेरी धड़कन स

0 Love

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Parul Sharma

अब जाओ भी ठंड आ गया बसंत
क्यूँ बादलों के पायदान पर लौट-लौट  आती हो 
क्यूँ कोहरे की " चादर " बार-बार बिछाती हो
टूट रही है सूरज की ठिठुरन,बिखर रही है किरन-किरन
अब जाओ ......... आ गया बसंत 
          कलीयाँ खिल चुकी हैं, डालियाँ लद गयी है 
          पत्तियाँ दर्पण बन,दिखा रही उनका यौवन।
         प्रकृति पूरे श्रंगार पे है,वातावरण राग मुग्ध है।
          सूरज चाँद तारे दृश्य देखने को आतुर है ।
         अब हटा भी दो कोहरे की धुन्ध।
     आ गया बसंत अब जाओ ..... आ गया बसंत 
चिड़िया गाती डाली-डाली,प्रेमी-युगल लिखते पाती
पुष्प,मृग,मयूर झूमते नाचते गाते,वृक्ष प्रेम से झुक जाते 
शिव-पार्वती प्रेम की शिवरात्री साक्षी 
बसंती बयार प्रेम माधुर्य गुनगुनाती।
सबके अपने-अपने प्रेम प्रसंग।
आ गया बसंत अब जाओ ...आ गया बसंत 
        रंगों का मेला सजा कण-कण में इन्द्रधनुष चमका
        धरती ने ओढ़ा केसरिया "दुशाला(चादर)"
       धूप लगे जिसमें झिलमिल तारा
        लहराता,बलखाता क्षितिज पर स्पर्श करता गगन
        सब पर चढ़ा बसंती रंग 
आ गया बसंत। अब जाओ ... आ गया बसंत 
मन बन गया प्रकृति का शागिर्द 
आँखें बाबरी देखती इर्द-गिर्द 
बसंत रोज नया पाठ पढाती 
बदरी आकाश पर लिखती-मिटाती
कविवर लिखते कविता औ और छंद पे छंद
 आ गया बसंत। अब जाओ ... आ गया बसंत 
       पारुल शर्मा अब जाओ भी #ठंड आ गया बसंत
क्यूँ बादलों के पायदान पर लौट-लौट  आती हो 
क्यूँ कोहरे की " चादर " बार-बार बिछाती हो
टूट रही है सूरज की ठिठुरन,बिख

अब जाओ भी #ठंड आ गया बसंत क्यूँ बादलों के पायदान पर लौट-लौट आती हो क्यूँ कोहरे की " चादर " बार-बार बिछाती हो टूट रही है सूरज की ठिठुरन,बिख #poem #nojotohindi #nojotoquotes #kalakash #TST #Alphopp #Emotionalhindiquotestatic #QuoteStatic

30 Love

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SI UPP BDH

#नोबेल_विजेता_रवींद्रनाथ_टैगोर_कृत 
ऐकला_चोलो_रे.... (Hindi version)

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला... चल अकेला... चल अकेला... चल अकेला रे 
ओ तू चल अकेला.... चल अकेला... चल अकेला... चल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला... चल अकेला... चल अकेला ... चल अकेला रे

यदि कोई भी ना बोले ओरे ओ रे ओ अभागे कोई भी ना बोले
यदि सभी मुख मोड़ रहे सब डरा करे
तब डरे बिना ओ तू मुक्तकंठ अपनी बात बोल अकेला रे
ओ तू मुक्तकंठ अपनी बात बोल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे

यदि लौट सब चले ओरे ओ रे ओ अभागे लौट सब चले
यदि रात गहरी चलती कोई गौर ना करे
तब पथ के कांटे ओ तू लहू लोहित चरण तल चल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे

यदि दिया ना जले ओरे ओ रे ओ अभागे दिया ना जले
यदि बदरी आंधी रात में द्वार बंद सब करे
तब वज्र शिखा से तू ह्रदय पंजर जला और जल अकेला रे
ओ तू हृदय पंजर चला और जल अकेला रे

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे
फिर चल अकेला चल अकेला चल अकेला चल अकेला रे
ओ तू चल अकेला ....चल अकेला... चल अकेला ...चल अकेला रे #नोबेल_विजेता_रवींद्रनाथ_टैगोर_कृत 
ऐकला_चोलो_रे.... (Hindi version)

तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो 
फिर चल अकेला रे फिर चल अकेला... चल अकेला.

#नोबेल_विजेता_रवींद्रनाथ_टैगोर_कृत ऐकला_चोलो_रे.... (Hindi version) तेरी आवाज़ पे कोई ना आये तो फिर चल अकेला रे फिर चल अकेला... चल अकेला.

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