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Mr. Chandan Kumar

जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिये | — वेदव्यास #Poetry

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जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिये | — वेदव्यास

N S Yadav GoldMine

#citylight {Bolo Ji Radhey Radhey} पाण्डव अपनी मां कुंती के साथ इधर से उधर भ्रमण कर रहे थे, वे ब्राह्मणों का वेश धारण किए हुए थे, भिक्षा मां #पौराणिककथा

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N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत का संक्षिप्त परिचय 'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म #पौराणिककथा

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{Bolo Ji Radhey Radhey}
महाभारत का संक्षिप्त परिचय
'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। यह विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ है, हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कृतियों में से एक माना जाता है, किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है।

हिन्दू मान्यताओं, पौराणिक संदर्भो एवं स्वयं महाभारत के अनुसार इस काव्य का रचनाकार वेदव्यास जी को माना जाता है, और इसे लिखने का श्रेय भगवान गणेश को जाता है, इसे संस्कृत भाषा में लिखा गया था। इस काव्य के रचयिता वेदव्यास जी ने अपने इस अनुपम काव्य में वेदों, वेदांगों और उपनिषदों के गुह्यतम रहस्यों का निरुपण किया हैं। इसके अतिरिक्त इस काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या तथा धर्मशास्त्र का भी विस्तार से वर्णन किया गया हैं।

महाभारत की विशालता और दार्शनिक गूढता न केवल भारतीय मूल्यों का संकलन है बल्कि हिन्दू धर्म और वैदिक परम्परा का भी सार है। महाभारत की विशालता महानता और सम्पूर्णता का अनुमान उसके प्रथमपर्व में उल्लेखित एक श्लोक से लगाया जा सकता है, जिसका भावार्थ है, 

'जो यहाँ (महाभारत में) है वह आपको संसार में कहीं न कहीं अवश्य मिल जायेगा, जो यहाँ नहीं है वो संसार में आपको अन्यत्र कहीं नहीं मिलेगा।'

यह कृति प्राचीन भारत के इतिहास की एक गाथा है। इसी में हिन्दू धर्म का पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित है। पूरे महाभारत में लगभग १,१०,००० श्लोक हैं, जो यूनानी काव्यों इलियड और ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक हैं।

विद्वानों में महाभारत काल को लेकर विभिन्न मत हैं, फिर भी अधिकतर विद्वान महाभारत काल को 'लौहयुग' से जोड़ते हैं। अनुमान किया जाता है कि महाभारत में वर्णित 'कुरु वंश' १२०० से ८०० ईसा पूर्व के दौरान शक्ति में रहा होगा। पौराणिक मान्यता को देखें तो पता लगता है कि अर्जुन के पोते परीक्षित और महापद्मनंद का काल ३८२ ईसा पूर्व ठहरता है।

यह महाकाव्य 'जय', 'भारत' और 'महाभारत' इन तीन नामों से प्रसिद्ध हैं। वास्तव में वेद व्यास जी ने सबसे पहले १,००,००० श्लोकों के परिमाण के 'भारत' नामक ग्रंथ की रचना की थी, इसमें उन्होने भरतवंशियों के चरित्रों के साथ-साथ अन्य कई महान ऋषियों, चन्द्रवंशी-सूर्यवंशी राजाओं के उपाख्यानों सहित कई अन्य धार्मिक उपाख्यान भी डाले। इसके बाद व्यास जी ने २४,००० श्लोकों का बिना किसी अन्य ऋषियों, चन्द्रवंशी-सूर्यवंशी राजाओं के उपाख्यानों का केवल भरतवंशियों को केन्द्रित करके 'भारत' काव्य बनाया। इन दोनों रचनाओं में धर्म की अधर्म पर विजय होने के कारण इन्हें 'जय' भी कहा जाने लगा। महाभारत में एक कथा आती है कि जब देवताओं ने तराजू के एक पासे में चारों 'वेदों' को रखा और दूसरे पर 'भारत ग्रंथ' को रखा, तो 'भारत ग्रंथ' सभी वेदों की तुलना में सबसे अधिक भारी सिद्ध हुआ। अतः 'भारत' ग्रंथ की इस महत्ता (महानता) को देखकर देवताओं और ऋषियों ने इसे 'महाभारत' नाम दिया और इस कथा के कारण मनुष्यों में भी यह काव्य 'महाभारत' के नाम से सबसे अधिक प्रसिद्ध हुआ। जय श्री कृष्ण। जय श्री राधे।।

©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey}
महाभारत का संक्षिप्त परिचय
'महाभारत' भारत का अनुपम, धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। यह हिन्दू धर्म

Insprational Qoute

वेदव्यास, वाल्मिकि ,भवभूति,श्रीहर्ष, बाणभट्ट, पल्लवित किया संस्कृत का साहित्य सु -स्पष्ट, चयनित विषयों में प्रकृति का सार अनमोल- है, धरा क #Nature #yqbaba #yqdidi #विश्वपर्यावरणदिवस #restzone

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सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। वेदव्यास, वाल्मिकि ,भवभूति,श्रीहर्ष, बाणभट्ट,
पल्लवित किया संस्कृत का  साहित्य  सु -स्पष्ट,
चयनित विषयों में प्रकृति का सार अनमोल- है,
धरा क

Manish Rohit Garai

हाँ लड़का Middle Class हूँ मैं !! ना अधुरी आस, ना पूरा प्रयास हूँ मैं हाँ लड़का Middle Class हूँ मैं !! ना टाइं टाइं फिस्स ना briliant हूँ म #NojotoTMP

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हाँ लड़का Middle Class हूँ मैं !!
ना अधुरी आस, ना पूरा प्रयास हूँ मैं 
हाँ लड़का Middle Class हूँ मैं !!

ना टाइं टाइं फिस्स ना briliant हूँ म

Vishw Shanti Sanatan Seva Trust

हरिनाम कीर्तन महिमा - नाम जपत मंगल दिशा दसहुँ By: Dr. Krishna भगवन्नाम अनंत माधुर्य, ऐश्वर्य और सुख की खान है। नाम और नामी में अभिन्नता होती #प्रेरक

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हरे कृष्ण हरे हरे

©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust हरिनाम कीर्तन महिमा - नाम जपत मंगल दिशा दसहुँ
By: Dr. Krishna
भगवन्नाम अनंत माधुर्य, ऐश्वर्य और सुख की खान है। नाम और नामी में अभिन्नता होती

ओम भक्त "मोहन" (कलम मेवाड़ री)

गण पति बप्पा मोरियाँ,,,,,,भगवान कृष्ण के अलावा "गणपति के मुकुट मे """मोर का पँखी"लगी होती है---- गणपति और कृष्ण दोनो की कामदेव जयी है,,,, #nojotophoto

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 गण पति बप्पा मोरियाँ,,,,,,भगवान कृष्ण के अलावा "गणपति के मुकुट मे """मोर का पँखी"लगी होती है----

गणपति और कृष्ण दोनो की कामदेव जयी है,,,,

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey} कुरुवंश के प्रथम पुरुष का नाम कुरु था| कुरु बड़े प्रतापी और बड़े तेजस्वी थे| उन्हीं के नाम पर कुरुवंश की शाखाएं निकल #पौराणिककथा

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N S Yadav GoldMine

#CityWinter {Bolo Ji Radhey Radhey} अर्जुन ने महाभारत युद्ध में युधिष्ठिर को मारने के लिए क्यों उठाई तलवार :- महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित ‘म #जानकारी

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