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charu
Nadim Bhati
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी रचनाओं से जन-जन के हृदय में क्रांति का अलख जगाने वाले, राष्ट्रीय गीत 'वन्दे मातरम्' के रचयिता, प्रकाण्ड व
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ 🇮🇳भारत के राष्ट्रीय गीत🎼🇮🇳 वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्य शामलां मातरम्🇮🇳के लेखक ✍️देश भक्त बंकिमचंद्र चटर्जी🇮🇳बांग्ला कवि साहित्यकार थ🚩"आनंदमठ" के रचयिता थे और उन्होंने गीत🚩 वन्दे मातरम 1882में लिखा... भारत की स्वतंत्रता के लिए क्रांति मंत्र बना वंदेमातरम अमर गीत के लेखक व प्रख्यात साहित्यकार श्री बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय जी की जयंती पर कोटि - कोटि नमन।🙏 आज पश्चिम बंगाल में पुनः क्रांति मंत्र की आवश्यकता है। उत्तिष्ठ भारत 🇮🇳वंदेमातरम 🙏🙏 जय हिन्द🇮🇳जय भारत 27 जून जन्म तिथि 🙏🚩🙏 शत शत नमन.....🙏🚩🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ 🇮🇳भारत के राष्ट्रीय गीत🎼🇮🇳 वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्य शामलां मातरम्🇮🇳के लेखक ✍️देश भक्त बंकिमचंद्र चटर्जी🇮
vasundhara pandey
यूँ तो लिखते हैं न कितने, शिज़िर और साज़ पर, लिख गये कुछ कर गये नाम, अमर भारत मात पर। मिट गये कितने न जाने, कुर्बां हुये वंदे मातरम् के नाम पर। वंदे मातरम् । 🇮🇳 यूँ तो लिखते हैं न कितने, शिज़िर और साज़ पर, लिख गये कुछ कर गये नाम, अमर भारत मात पर। मिट गये कितने न जाने, कुर्बां हुये वंदे मातरम् के नाम
Sunita D Prasad
#काँधे से अधरों तक..... समग्र की अभिलाषा में बहुत कुछ मध्य में ही छूट गया जबकि न प्रारब्ध वश में है और न ही अंत! अचंभित होती हूँ इच्छाओं की हठधर्मिता पर कि कैसे अपने अवसान पर क्षीण होने की बजाय उग्र हो उठती हैं उस समय शरतचंद्र जी के देवदास का चरित्र भुवन मोहन चौधरी मुझे देख मुस्करा देता है। देह की देहरी लाँघ मन चार भिन्न दिशाओं में बँटा! सुनो, बिल्कुल कठिन नहीं था तुम्हारे काँधे से अधरों तक का सफर बस कुल जमा चार दिशाओं का असमंजस भर ही तो लगा!! --सुनीता डी प्रसाद💐💐 #काँधे से अधरों तक..... समग्र की अभिलाषा में बहुत कुछ मध्य में ही छूट गया जबकि न प्रारब्ध वश में है और न ही अंत! अचंभित होती हूँ इच्छाओं क
Vaibhav Raj Singh
जीवन में आती हैं परेशानियाँ हजार फिर भी कहानी चलती रहती है हर कोई नहीं होता यूं तो दिलदार फिर भी कहानी चलती रहती है हम सोंचते हैं अपने चाहने वालों से घिरे हुए हैं हम मगर सच में चाहने वाले होते हैं सिर्फ दो-चार फिर भी कहानी चलती रहती है जीवन एक अटूट धारा है। मानव जीवन की कहानी भी एक अटूट धारे के समान है। हर तरह की रुकावटों के बावजूद यह कहानी सतत चलती रहती है। Collab करें Y
Shankki Sharma
किरदार बदलते रहते है ज़िंदगी चलती रहती है व्यवहार बदलते रहते है धड़कने चलती रहती है दिलदार बदलते रहते है मतलब चलता रहता है यार बदलते रहते है दिल के दर्द चलते रहते है हमदर्द बदलते रहते है शैंकी शर्मा ♥️ जीवन एक अटूट धारा है। मानव जीवन की कहानी भी एक अटूट धारे के समान है। हर तरह की रुकावटों के बावजूद यह कहानी सतत चलती रहती है। Collab करें Y
Saritha kothuri
किरदार बदल जायेंगे लोग मिलते हैं ,बिछड़ जाते हैं अपने पराये हो जाते हैं पराये अपनों क एहसास देते हैं ये कहानी तो चलती जायेगी ।।। जीवन एक अटूट धारा है। मानव जीवन की कहानी भी एक अटूट धारे के समान है। हर तरह की रुकावटों के बावजूद यह कहानी सतत चलती रहती है। Collab करें Y
Anjali Jha
जीवन एक अटूट धारा है इंसान इसके डोर हैं एक कभी टुटते हैं दुसरे फिर जुड़ते हैं समयरुपी पटरी पर जिंदगी की इंजन चलती है आज जो है वह कल नही होता लेकिन कहानी हमेशा चलती रहती है । जीवन एक अटूट धारा है। मानव जीवन की कहानी भी एक अटूट धारे के समान है। हर तरह की रुकावटों के बावजूद यह कहानी सतत चलती रहती है। Collab करें Y
PrS
पक्ष बदलते रहते है, नए दौर की राह पर चलते रहते है, कही तो मिलेगी मंज़िल ये सोचकर, हर बार नयी उम्मीद के साथ आगे बढ़ते रहते है।। जीवन एक अटूट धारा है। मानव जीवन की कहानी भी एक अटूट धारे के समान है। हर तरह की रुकावटों के बावजूद यह कहानी सतत चलती रहती है। Collab करें Y