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Prashant Kumar

वर्तमान समाज को आप अच्छे से समझेंगे।
मिले तो ज़रूर पढ़ना..... राग दरबारी-श्रीलाल शुक्ल
#व्यंग्य

राग दरबारी-श्रीलाल शुक्ल #व्यंग्य

0 Love

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K L MAHOBIA

हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी भोली भाली है। 
लूटने  वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी ही घरवाली है।

आदमी को देखो कैसा भाग रहा लिखते है अरूणाई में
पॉकेट को खाली करती सदा से पत्नी अपनी आली है।
रातों दिन मारा मारा फिरता जीवन का रस  सूख गया।
रोज  कमाया  पैसा  मेरा  छीना  पत्नी चंडी  काली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी  ही  घरवाली है। 

जीवन में शादी  करना भारी  मेरी भूल  सुनो भाई जी।
मेरा  जीवन  मुश्किल में  पड़ता पत्नी महंगी पा ली है।
ब्यूटी पार्लर, क्रीम पाउडर आई लाइनर कितने  नखरे।
साड़ी  गहने  कपड़े  हर महीने  में  पैसा अब खाली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं ,अपनी  ही  घरवाली है। 

किटी पार्टी नाइट पार्टी पत्नी कितना फिर ढोंग रचाती।
थोड़ा सा पैसा कम होता सुनता अक्सर देती  गाली है।
किस मोह जाल में उलझाया मुझे बचा लो कोई साथी।
गिर गया बेशर्म पैसा भीख मांग रहा  छुपाता जाली है।
हाय, मेरी पत्नी  बनती कितनी  कैसी  भोली भाली है। 
लूटने वाली  कोई  और  नहीं , अपनी  ही  घरवाली है। 

  के एल महोबिया ✍️

©K L MAHOBIA #कविता हास्य व्यंग्य के एल महोबिया

कविता हास्य व्यंग्य के एल महोबिया

15 Love

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कमलेश पुजारी

आसान मंज़िल पहले दोस्तों के साथ घूमने जाने के लिए घर में झूठ बोलते थे
अब गर्लफ्रेंड के साथ घूमने जाने के लिए झूठ बोलते हैं

©expresslove हास्य व्यंग्य
#shyari #व्यंग्य #Love

हास्य व्यंग्य #shyari #व्यंग्य #Love

18 Love

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Rãjpøôt BãÑä Ãkâsh

हमें क्या फर्क पड़ता है, हमें क्या फर्क पड़ता है,
अगर आज कोई ठोकर खाता हैं,
कोई गड्डे में गिर जाता हैं,
अरे भाई इसी से तो ही वोट बैंक बनता हैंI
हमें क्या फर्क पड़ता है,
अगर दो माले की बिल्डिंग 20 माले का होता हैं, 
चाहे उस बिल्डिंग में दबकर लोग मरता हैं, 
पर भाई पैसा तो उधर से ही मिलता हैंI
हमें क्या फर्क पड़ता हैं, 
कोई भूखा मरता हैं, 
या कचरा प्लास्टिक खाता हैं, 
यार नेता है हमारा पेट तो भर जाता हैंI

Writer Akash✍️ #व्यंग्य
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Rakesh Kumar Dogra

"व्यंग्य"
शब्द की व्यंजना शक्ति द्वारा निकला एक गूढ़ार्थ होता है। 
इतना आसान नहीं है तुमने मज़ाक बना रखा है।
वो जहाँ होता है तुम्हे वहां तक घूमकर पहुंचना भी होता है।
वो सीधे सीधे नहीं होता लच्छेदार  होता है।
अपने साथ एक खूबसूरत मोड़ लिए होता है।
उसकी खिड़की से सारा दृश्य अभिसरित* होता है।
*एक ओर केन्द्रित होता है। व्यंग्य

व्यंग्य

6 Love

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Mr. Singh Hindi Classes

ये तो माना कि तग़ाफ़ुल न करोगे लेकिन
ख़ाक हो जाएँगे हम,तुमको खबर होने तक। व्यंग्य

व्यंग्य

3 Love

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Amir Hamja

हास्य
उसने मुझे बुलाई थी बड़े ही प्यार से
रंग भी मुझे लगाई थी बड़े ही प्यार से
दही बड़ा के संग में पूआ भी खाया था
भाई ने उसका पीटा मुझे बड़े ही प्यार से
अमीर हमज़ा होली की मस्ती हास्य व्यंग्य के साथ

होली की मस्ती हास्य व्यंग्य के साथ

13 Love

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रामकुमार पटेल 'यार'

व्यंग्य

व्यंग्य #कॉमेडी

94 Views

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✍️ # ASHISH GUPTA

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दीपक मेहता

#व्यंग्य
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Arun Thapliyal

मैं कहाँ डरता हूँ ?बिल्कुल भी नहीं।
चाहे छिन लो मेरे जीने का हक।
या दिखाओ सत्ता का डर।
मैं कहाँ डरता हूँ?बिल्कुल भी नही।
हाँ तुम्हारी बातों पर यकी कर लेता हूँ।
बात राष्ट्र की करते हो न, इसलिए।
और हां, इसलिये भी यकी हैं कि,सेना का बड़ा ध्यान रखते हो।
वैसे मैं डरता नही हूँ, बिल्कुल भी नही।
और जो सत्ता में होते हैं,उनसे तो बिल्कुल भी नही।
अरे गरीब अगर गरीब हुआ तो क्या?
ये तो नियति है उसकी।
अरे युवा अगर सड़कों पर टहलते हैं रोजगार को, तो क्या?
ये सब तो आम बात है ना।
फिर मैं क्यों परेशां हौऊँ।
वैसे मैं डरता नही हूँ, बिल्कुल भी नहीं।
और जो सत्ता में हैं,उनसे तो बिल्कुल भी नहीं।
अरे किसी भी चीज के दाम बढ़े तो क्या?
पहली बार थोड़ी बढ़े हैं, चिल्लाते क्यों हो, चुप रहो।
और खाने को नही मिल रहा क्या ?
राष्ट्रवाद है, वो घोटा पी लो।
क्यों खामखां तिल को ताड़ किये हो ?
वैसे में डरता नही हूँ ?
और जो सत्ता में हैं, उनसे तो बिल्कुल भी नही।
अब कुछ बोलना मत ? जेल तो देखी होगी न ?
सब कुछ बढ़िया है,तुम्हे न जाने किस बात का डर है ?
इतना क्यों डरते हो,इस देश मे रहकर भक्त का भावार्थ नही जानते ?
वैसे में डरता नही हूँ ,बिल्कुल भी नही।
और जो सत्ता में हैं,उनसे तो बिल्कुल भी नही।

                                    अरुण'निमित्त'

©Arun Thapliyal व्यंग्य...

व्यंग्य... #poem

10 Love

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Deepak Kumar

 #व्यंग्य
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Nitesh Kumar جگر دہلوی🇮🇳

(व्यंग्य)

कागज पर लिखी हुई गजल बकरी खा गई
चर्चा हुआ शहर में कि बकरी शेर खा गई व्यंग्य

व्यंग्य

3 Love

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Snehlata Dwivedi

महंगा प्याज व्यंग्य.. प्याज के शहर में।

महंगा प्याज व्यंग्य.. प्याज के शहर में।

30 Views

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gaurav gautam

 व्यंग्य

व्यंग्य #nojotophoto

5 Love

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Nitesh Kumar جگر دہلوی🇮🇳

व्यंग्य

सब दिल देने को तैयार हैं " जिगर"
किडनी मांग लो तो कोई नहीं देगा …

जिगर देहलवी
جیگر دہلوی
Nitesh व्यंग्य

व्यंग्य

2 Love

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SHIVENDRA KUMAR MAURYA

।।   व्यंग्य  ।।

कोई चमकी से मर रहा है, कोई भूखमरी से मर रहा है।
अपना देश तो बस नेताओं के वादों से चल रहा है।।
श्रद्धांजलि देना आँसू गिराना क्या यही है नेतागण फर्ज़ तुम्हारा।
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसताँ हमारा।। #व्यंग्य
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Sunil Kumar Kardam

कोरोना एक्सप्रेस
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कोरोना  अब  ढा  रहा  भारत भर  में सितम
इसे   भगाएं   आइये   पीकर   व्हिस्की  रम।
पीकर   व्हिस्की    रम  नहीं   पत्नी  रोकेगी
है जीवन  की  बात  भला  वो  क्यों  टोकेगी।
कह करदम कविराय कि पीना तुम छोड़ो ना
वरना   देगा   मार   यार   अब   ये   कोरोना।।
सुनील कुमार कर्दम व्यंग्य

व्यंग्य

4 Love

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Anawar Ajad

औपनिवेशिकता का कंबल ओढ़,
अपने माटी का सावन भूल गए।
भूत समय खोलकर देख,
वास्तविक छोड़ तुम झुल गए।
तू रहने दे,मत दे सफाई अपनी,
भय से कपड़े पहनें थे उनके,
पहने ही पहने तुम खुल गए।। व्यंग्य

व्यंग्य

4 Love

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Kumar Saundarya

कीड़ा मारने की दवा में यदि कीड़ा फर जाय तो सरकार क्या करेगी। व्यंग्य

व्यंग्य #बात

6 Love

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sudarshan Kumar jha

इश्क़ में ए आशिक तेरा सब कुछ लूट जाएगा, एक दिन छोड़ जाएगी तुझे कहकर की तुम्हे बेहतर कोई और मिल जाएगा। Skj 😂🤣😅 #व्यंग्य
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Arjun Singh

#व्यंग्य
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Shailendra Bhartiya

व्यंग्य

व्यंग्य #कॉमेडी

150 Views

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Geeta Sharma

Good afternoon

©Geeta Sharma ### व्यंग्य

### व्यंग्य

39 Love

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शुक्ला_आशीष

तुम मेरे जीवन में पूर्ण विराम हो.....
मेरे हर वाक्य के बाद अनिवार्य है तुम्हारी उपस्थिति।।
#shukla_आशीष #शुक्ल
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Amir Hamja

सेब में स्वाद चाहिए अंगूर की तरह
पत्नी भी उसको चाहिए हूर की तरह
आलिया जैसी काया हो दहेज मिले भरपूर
भले खुद का चेहरा हो लंगूर की तरह हास्य व्यंग्य

हास्य व्यंग्य

25 Love

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Virendra Parmar Thakur

नोटिस
आप सभी से   निवेदन है के 2-4 दिन के भीतर  Groupखाली कर दे 😳
पुताई करवानाी है 😆😆
Dipawali आने वाली है । हास्य व्यंग्य

हास्य व्यंग्य

4 Love

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