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साहस
मेरी सही सारी रातें तूल हो गई। यकीनन फूल सी शूल गुल हो गई।। #भूल #मूल #धूल #शून्य #योरकोट_दीदी #योरकोटबाबा #योरकोट_हिंदी #YourQuoteAndMine Collaborating with अविनाश पाल "शून्य"
Mamta kumari
प्रिये माँ और पापा सादर प्रणाम मैं आपके कृपा से ठीक हूँ आशा है कि आप सभी भी ठीक होंगें ।मैं यहाँ रात-दिन मेहनत करती हूँ कि आपके सपनें को साकार कर सकूं ।और आपके उमीद पर खड़ा हो सकू। और मैं क्या लिखूं बड़ो को प्रणाम छोटो को मधुर प्यार । आपके तनुजा ममता । ©Mamta Kumari पुत्री का पत्र पिता के नाम ।
R.J...Laik Ahmed
अभी वो वक्त नहीं आया, जिसमे अभी सब बाकी है ...! ©Laik Ahmed फूल मूर्ख है पूल ..... #flowers
अविनाश पाल 'शून्य'
मेरी कही सारी बातें धूल हो गयीं, शायद "मूल" में ही कहीं भूल हो गयी। #स्वरचित © #भूल #मूल #धूल #शून्य #योरकोट_दीदी #योरकोटबाबा #योरकोट_हिंदी
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
क्या लिखूं क्या कहूं# क्या लिखूं क्या कहूं भूल रही हूं मैं न जाने किस युग में झूल रही हूं मैं कभी कभी अच्छा बहुत अच्छा लगता है भूल जाना। न स्मृतियों के फूल न विस्मृतियों के शूल अपनाना। बस बस कुछ भूलकर हो जाओ मौन फिर रहस्य, सत्य जान पाएगा कौन। ©Veena Kapoor भूल जाना स्मृतियों के फूल विस्मृतियों के शूल सत्य #MereKhayaal
Shailendra Lunia
मैं लाया था उसके लिये फूल , लेकिन रहीं थी वो किसी की बाहों में झूल ! ©Shailendra Lunia #फूल #झूल
Bharat Bhushan pathak
हृदय के शूल छुपाता है आदमी। किये का मूल चुकाता है आदमी। मन में पड़े धूल छुपाता है आदमी- इस तरह से भूल छुपाता है आदमी। ©Bharat Bhushan pathak #भूल#मूल_चुकाता_है_आदमी#धूल#nojotohindi#nojotoshayari हृदय के शूल छुपाता है आदमी। किये का मूल चुकाता है आदमी। मन में पड़े धूल छुपाता है आदम
PФФJД ЦDΞSHI
फूल खिले हैं गुलशन गुलशन प्रेमी जोडे मिले हैं with no tention क्यो कि कॉलेज बंक मार प्यार से मिलना जरुरी हैं सब काम छोड कर park मे मिलना जरुरी हैं, चिड़िया नहीं हैं फिर भी चोंच से चोंच लड़ाना जरुरी हैं बस एक काम मत करना वो ये कि फूल शादी के बाद ही खिलाना उसे पैदा कर कचरे के डिब्बे मे मत फेक देना, ध्यान रखना प्यार मे अंधे मत हों जाना, फूल खिलाओ पहले सर्टिफिकेट पाओ!! ©Puja Udeshi #फूल #बागीचा #भूल
Tohid Mulla
फुल बन ही रहा था, कली तोड दी मैने । ईश्क पुरा किया, शादी अधुरी चोड दी मैने । मेरा फुल ही था, जो धुल कहलाया । जायज माँ- बाप का नाजायज औलाद कहलाया ।। लड्डपन के उमर मे ईश्क कर बैठा था, ना जाने कैसी भूल कर बैठा था। बाप का गला तो मै घोट चुका, ममता को भी मजबूर किया। उस नादान को खूले आसमान के निचे छोड दिया। ईश्क तो हमने जायज नही किया, और नाजायज़ उसे बोला जारा है। भूल तो हमने कि, जो फुल को खिलने ना दिया। फिर भी न जाने धूल का फुल वह कहलारा।।। -------------Tohid mulla धूल का फूल