Nojoto: Largest Storytelling Platform

New हांडी Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about हांडी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हांडी.

    PopularLatestVideo
1ea54fe7dc8fe9fe4640d49a2d4822c7

Parasram Arora

वक़्त  की  हांडी पर ही
ख्वाब सतरंगी  पकता है
 चाहे  दुनिया भर कि  हो उठापटक
ज़िंदादिली से  जीवन..निभता है
सुना है  जन्नत की बस्ती  उस पार बसती है
पतवार  चलाई जिसने वही उस पार पहुँचता है
खोटे   सिक्कों की मांग  बढ़ते ही
असली सिक्का  बाजार से भाग खड़ा होता है

©Parasram Arora वक़्त की हांडी.....

वक़्त की हांडी..... #ज़िन्दगी

12 Love

8e93434636536f2c7f03a54346807e95

Colours Of Politics

काठ की हांडी #काठ_की_हांडी #कविता #सरदानंद_राजली
655b562b21391d9127ed3b96f0e75424

NE Changeharwala

मोदी जी ने सुप्रीम कोर्ट को इतना व्यस्त कर दिया कि इस बार जन्माष्टमी को दहिं हांडी कितनी ऊंचाई पर रखी जाए ए बताना ही भूल गया  🤔 दहिं हांडी कितनी ऊंचाई पर रखी जाए

दहिं हांडी कितनी ऊंचाई पर रखी जाए

4 Love

247cb5e92aac24cd907a06cee78013b5

Anamika

न शब्दों की कांट-छांट,
न अंतर्मन की अग्नि,
न अलंकारों का जायका,
 न भावों की महक,
न व्यंजन, न प्रेम..

भला कैसे 
कल्पनाओं
की हांडी में कविता फिर पकाऊं.. #कविता
#हांडी 
#यूंहीएकख्याल 
#तूलिका
#योरकोट_दीदी 
#योरकोटलेखन 
#योरकोट
a5c2526204389438cb152d571edf314e

Prerna Singh

#Kathakaar सहर होते ही ,जेहन में ख्याल आया ...अगर बीते रात की सुबह नही होती तो ? 
इस जीवन का सारांस क्या होता .... सहसा ,हांडी पर नजर पड़ी .

#Kathakaar सहर होते ही ,जेहन में ख्याल आया ...अगर बीते रात की सुबह नही होती तो ? इस जीवन का सारांस क्या होता .... सहसा ,हांडी पर नजर पड़ी . #ज़िन्दगी

66 Views

769313cf950679e1a108736aa7c85ede

Lalit Baghel

 भले ही अपने पेज 
भले ही अपने पेज पै छोरी कम है
पर जितनी भी हैं सारी हांडी फोड़ बम्ब हैं💣💥

भले ही अपने पेज भले ही अपने पेज पै छोरी कम है पर जितनी भी हैं सारी हांडी फोड़ बम्ब हैं💣💥

3 Love

202df5cb98227b7d36795074943a5b75

bhim ka लाडला official

एक दिन पीठ पीछे झाडू बांधना और गले में हांडी लटकाना और घूमने फिर बताना की देवी देवता की कृपा अच्छी थी या बाबा साहब की

एक दिन पीठ पीछे झाडू बांधना और गले में हांडी लटकाना और घूमने फिर बताना की देवी देवता की कृपा अच्छी थी या बाबा साहब की #प्रेरक

99 Views

3e3f51fade3670f3988ebb8eeaae6166

Chaurasiya4386

दही की हांडी बारिश की फुहार
मख्खन चुराने आया नंदलाल 
(®•©)की तरफ से आप सभी को जन्माष्टमी की बहुत बहुत
 बधाईयां 
जय_कनैयालाल_की #दही की #हांडी #बारिश की #फुहार
#मख्खन चुराने आया #नंदलाल 
#(®•©)की #तरफ से आप सभी को #जन्माष्टमी की बहुत बहुत
 #बधाईयां 
जय_कनैयालाल_की
#Ja

#दही की #हांडी #बारिश की #फुहार #मख्खन चुराने आया #नंदलाल #(®•©)की #तरफ से आप सभी को #जन्माष्टमी की बहुत बहुत #बधाईयां जय_कनैयालाल_की Ja #Janamashtmi2020

13 Love

16538d74858fa7b45fee61c9d28d773e

kunwar Surendra

हांडियों में ही पकता है जीवन
हांडियों के टूटने से ही
टूट जाती है माला सांसों की
खाका खींचा है दीवार पर
चित्रकार उसमें अपने कौशल से
हांडी तो

हांडियों में ही पकता है जीवन हांडियों के टूटने से ही टूट जाती है माला सांसों की खाका खींचा है दीवार पर चित्रकार उसमें अपने कौशल से हांडी तो #Artist #Hindi #poem #nojotoenglish #विचार

97 Views

1800aa943fab0b063d7a0a0a2cbb04e9

Sarita Shreyasi

वो सुलगाती है कुछ ख्वाहिशें,
चढ़ा देती है उम्मीदों की हांडी,
वक़्त की धीमी आँच पर,
हर रोज अपने ख्वाब रांधती है,
और सबकी थाली में खुद को 
थोड़ा - थोड़ा परोस देती है।
सदियों से उसके ख्वाब यूं ही जिंदा है,
पीढ़ी दर पीढ़ी, 
वो ये बीज बोती है,
संजोती है,
गुणसूत्रों में ख्वाहिशें ढोती है। वो सुलगाती है कुछ ख्वाहिशें,
चढ़ा देती है उम्मीदों की हांडी,
वक़्त की धीमी आँच पर,
हर रोज अपने ख्वाब रांधती है,
और सबकी थाली में खुद को 
थोड

वो सुलगाती है कुछ ख्वाहिशें, चढ़ा देती है उम्मीदों की हांडी, वक़्त की धीमी आँच पर, हर रोज अपने ख्वाब रांधती है, और सबकी थाली में खुद को थोड #औरत #yqdidi #ख़्वाब #गुणसूत्र

0 Love

9b2f98db953cd9e0d6526b0d67c82961

Sumit Upadhyay

***काठ की हांडी** *Open mics की बाढ़ आई हुई है यारों। रोज नए मंच बन रहे हैं। रोज नए शायर और लेखक बन रहे हैं। कमी बस एक ही है कि इन मंचो की शु #Poetry

***काठ की हांडी** *Open mics की बाढ़ आई हुई है यारों। रोज नए मंच बन रहे हैं। रोज नए शायर और लेखक बन रहे हैं। कमी बस एक ही है कि इन मंचो की शु #Poetry

undefined Views

8e312edfc80919c130bb9bc762b800c3

DR. SANJU TRIPATHI


भूल जाते हैं सारे गम हम तान को सुनकर।
कान्हा! तेरी मुरली के हम दिल से दीवाने हैं।

तेरी मुरली की तान सुनकर हम खो जाते हैं,
तेरी मुरली की तान के ही तो हम मस्ताने हैं।
 🔵चलिए सब एक नए तरह के टॉपिक पर collab करते हैं।

🔵आपका टॉपिक है-''बांसुरी-वृन्दावन माटी-माखन हांडी-मोरपंख''

🔵 आपको इनमेंं से किसी एक पर col

🔵चलिए सब एक नए तरह के टॉपिक पर collab करते हैं। 🔵आपका टॉपिक है-''बांसुरी-वृन्दावन माटी-माखन हांडी-मोरपंख'' 🔵 आपको इनमेंं से किसी एक पर col #Good #yqbaba #Collab #YourQuoteAndMine #yqquotes #collabwithme #collabwithmitali

0 Love

84932db63a90fd95bc0caa93f8b4a6d2

Seema Katoch

रात को जलााकर, चूल्हा जलाया
और हांडी  फिर से
चढ़ा दी तुमने....
आज क्या पका रही हो
कुछ खास खिला रही हो या
कहीं फिर से वही तो नहीं...

सुनो ना...
बहुत दिन हुए
कुछ मीठा खाए 
वही पका दो ...
बहुत हुई तुम्हारी कल कल
आज ही खिला दो ना ....

वो देखो...
उधर ढके पड़े हैं 
कई खवाव मेरे
आधे अधूरे...
कभी उनको ही पका दो
तश्तरी में सजा दो
बहुत हुई तुम्हारी मर्ज़ी
आज मेरी पसंद का
बस कुछ तो बना दो ना.....
 
रात को जलााकर, चूल्हा जलाया
और हांडी  फिर से
चढ़ा दी तुमने....
आज क्या पका रही हो
कुछ खास खिला रही हो
कहीं फिर से वही तो नहीं...
सुनो न....

रात को जलााकर, चूल्हा जलाया और हांडी फिर से चढ़ा दी तुमने.... आज क्या पका रही हो कुछ खास खिला रही हो कहीं फिर से वही तो नहीं... सुनो न.... #Zindagi #yqbaba #yqdidi #बूंदे

0 Love

7c75c8032efdd05991a05294a3aa9a24

सुसि ग़ाफ़िल












 जैसे हवा में उड़ा दिया हो कोई पुष्प एक ही झटके से बिखर कर आ रहा है वह आसमान से पृथ्वी की तरफ उसकी पत्तियों में छेद कर दिए हवाओं ने पुंकेसर औ

जैसे हवा में उड़ा दिया हो कोई पुष्प एक ही झटके से बिखर कर आ रहा है वह आसमान से पृथ्वी की तरफ उसकी पत्तियों में छेद कर दिए हवाओं ने पुंकेसर औ

0 Love

69b6e0c6f3d4a15e254261fd1a06ccab

Dr Upama Singh

टके की हांडी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई
कौन अपना कौन पराया दिल ने पहचान ही ली
कुत्ते की पूँछ टेढ़ी की टेढ़ी ही रह गई
भेद छल का खुल कर नज़रों के समाने आ ही गईं  

 ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_432

👉 टके की हांडी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई लोकोक्ति का अर्थ - थोड़े ही खर्च में किसी का चरित्र पहचान

♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_432 👉 टके की हांडी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई लोकोक्ति का अर्थ - थोड़े ही खर्च में किसी का चरित्र पहचान #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़

0 Love

e5edfe237ec5ef9f1133a7042a247591

Vedantika

टके की हांडी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई।
मुँह पर लगी मलाई साफ करने की ठानी गई।

इस नुकसान का हुआ असर कुछ ऐसा अब तो,
ज़िंदगी में दखल किसी का बात पुरानी हो गई।

किताब के पन्नों पर लिखी गई हमारी कहानी,
हमारी किस्मत पर किसी की मनमानी हो गई।

जाने कैसे बच गए थे हम इस कुत्ते के प्रहार से,
मिट्टी की हांडी की ये अजब ही कहानी हो गई।

टके की इस हानि पर ज़िंदगी भर का लाभ हुआ,
दुनिया भी हमारी इस तरकीब की दीवानी हो गई। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_432

👉 टके की हांडी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई लोकोक्ति का अर्थ - थोड़े ही खर्च में किसी का चरित्र पहचान

♥️ आइए लिखते हैं मुहावरेवालीरचना_432 👉 टके की हांडी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई लोकोक्ति का अर्थ - थोड़े ही खर्च में किसी का चरित्र पहचान

0 Love

fb620c786d2ee468f715cc5ad251fa31

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

*दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आईना हाथ मे लिए अपना चेहरा देख रहे थे।*

*तभी उनका एक शिष्य कमरे मे आया ; सुकरात को आईना देखते हुए देख उसे कुछ अजीब लगा । वह कुछ बोला नही सिर्फ मुस्कराने लगा। विद्वान सुकरात शिष्य की मुस्कराहट देख कर सब समझ गए और कुछ देर बाद बोले ,”मैं तुम्हारे मुस्कराने का मतलब समझ रहा हूँ……शायद तुम सोच रहे हो कि मुझ जैसा कुरुप आदमी आईना क्यों देख रहा है ?”*

*शिष्य कुछ नहीं बोला , उसका सिर शर्म से झुक गया।*

*सुकरात ने फिर बोलना शुरु किया , “शायद तुम नहीं जानते कि मैं आईना क्यों देखता हूँ”*

*“नहीं ” , शिष्य बोला ।*

 *गुरु जी ने कहा “मैं कुरूप हूं इसलिए रोजाना आईना देखता हूं”। आईना देख कर मुझे अपनी कुरुपता का भान हो जाता है। मैं अपने रूप को जानता हूं। इसलिए मैं हर रोज कोशिश करता हूं कि अच्छे काम करुं ताकि मेरी यह कुरुपता ढक जाए।शिष्य को ये बहुत शिक्षाप्रद लगी । परंतु उसने एक शंका प्रकट की- ” तब गुरू जी, इस तर्क के अनुसार सुंदर लोगों को तो आईना नही देखना चाहिए ?”*

 *“ऐसी बात नही!” सुकरात समझाते हुए बोले ,” उन्हे भी आईना अवश्य देखना चाहिए”! इसलिए ताकि उन्हे ध्यॉन रहे कि वे जितने सुंदर दीखते हैं उतने ही सुंदर काम करें, कहीं बुरे काम उनकी सुंदरता को ढक ना ले और परिणामवश उन्हें कुरूप ना बना दे ।*

 *शिष्य को गुरु जी की बात का रहस्य मालूम हो गया। वह गुरु के आगे नतमस्तक हो गया।*

*शिक्षा*

*प्रिय मित्रो, कहने का भाव यह है कि सुन्दरता मन व् भावों से दिखती है। शरीर की सुन्दरता तात्कालिक है जब कि मन और विचारों की सुन्दरता की सुगंध दूर-दूर तक फैलती है।*

*भूमि और भवन पाने के उपाय*

        👉🏠🏠🏠🏠🏠👈

*अगर आप मकान बनाना चाहते हैं तो एक लाल कपड़े में 6 चुटकी कुमकुम, 6 लौंग, 9 बिंदिया, 9 मुट्ठी साफ़ मिट्टी और 6 कौड़ियाँ लपेट कर नदी में शुक्रवार को विसर्जित कर दें | माता की कृपा से आपको जल्द ही अपना मकान मिलेगा*

*एक मिट्टी की कोरी हांडी में दूध, दही, घी, शक्कर, मिश्री, कपूर डाल कर उस हांडी के आगे पद्मावति माता का जप करें और शुक्रवार को वो हांडी किसी नदी या तालाब में ले जा कर जमीन में गाड़ दें तो माता की कृपा से शीघ्र आपको भूमि और भवन प्राप्त होगा*

अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
विकास शर्मा "शिवाया "
जयपुर -राजस्थान
ASTRO सर्व समाधान

©Vikas Sharma Shivaaya'
  ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

*दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आई

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *दार्शनिक सुकरात दिखने में कुरुप थे। वह एक दिन अकेले बैठे हुए आई #समाज

27 Views

a16b245c1ad425120de5bc6e33436e78

Shadab

हमारे बाप-दादा नहीं थे जंगली






(कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) हमारे बाप दादा
नही थे कभी जंगली
वे हमेशा रहे सभ्य
और सदा रहे किसी राजा की प्रजा
किसी उन्नत राज के नागरिक।

उधर थे वे लोग
जिनकी ख़ातिर

हमारे बाप दादा नही थे कभी जंगली वे हमेशा रहे सभ्य और सदा रहे किसी राजा की प्रजा किसी उन्नत राज के नागरिक। उधर थे वे लोग जिनकी ख़ातिर

15 Love

fadc2191efddb084a441ad3483fb4860

Namit Raturi

पतंगें भी आज कातिल हो जाएगी,
मुझे आसमान का हत्यारा कह दिया जाएगा,
हिन्दू हूँ ना...सब उम्मीद मुझसे रखी जाएगी,

read full in caption.. पतंगें भी आज कातिल हो जाएगी,
मुझे आसमान का हत्यारा कह दिया जाएगा,
हिन्दू हूँ ना...सब उम्मीद मुझसे रखी जाएगी,
मै ही रंग नहीं उडाऊंगा,मै ही पट

पतंगें भी आज कातिल हो जाएगी, मुझे आसमान का हत्यारा कह दिया जाएगा, हिन्दू हूँ ना...सब उम्मीद मुझसे रखी जाएगी, मै ही रंग नहीं उडाऊंगा,मै ही पट #yqbaba #yqdidi #makarsankranti #indianculture #equalityforall #sanatanadharma #softtarget #dontbehypocrite

0 Love

41d118899e30449d9543d6a98ff61ef7

N S Yadav GoldMine

{Bolo Ji Radhey Radhey}
उल्लू का राज्याभिषेक:- कौवों और उल्लुओं की शत्रुता बड़ी पुरानी है। मगर कितनी पुरानी और क्यों है इसका विचार कम ही लोगों ने किया अथवा करना चाहा।

बौद्ध परम्परा में उपर्युक्त दो शत्रुओं के वैमनस्य की एक कथा प्रचलित है। यहाँ वही कथा एक बार फिर सुनाई जा रही है।

सम्बोधि प्राप्त करने के बाद बुद्ध जब श्रावस्ती स्थित जेतवन में विहार कर रहे थे तो उनके अनुयायियों ने उन्हें उल्लुओं द्वारा अनेक कौवों की संहार की सूचना दी। बुद्ध ने तब यह कथा सुनायी थी।

सृष्टि के प्रथम निर्माण चक्र के तुरंत बाद मनुष्यों ने एक सर्वगुण-सम्पन्न पुरुष को अपना अधिपति बनाया; जानवरों ने सिंह को ; तथा मछलियों ने आनन्द नाम के एक विशाल मत्स्य को। इससे प्रेरित हो कर पंछियों ने भी एक सभा की और उल्लू को भारी मत से राजा बनाने का प्रस्ताव रखा। राज्याभिषेक के ठीक पूर्व पंछियों ने दो बार घोषणा भी की कि उल्लू उनका राजा है किन्तु अभिषेक के ठीक पूर्व जब वे तीसरी बार घोषणा करने जा रहे थे तो कौवे ने काँव-काँव कर उनकी घोषणा का विरोध किया और कहा क्यों ऐसे पक्षी को राजा बनाया जा रहा था जो देखने से क्रोधी प्रकृति का है और जिसकी एक वक्र दृष्टि से ही लोग गर्म हांडी में रखे तिल की तरह फूटने लगते हैं। कौवे के इस विरोध को उल्लू सहन न कर सका और उसी समय वह उसे मारने के लिए झपटा और उसके पीछे-पीछे भागने लगा। तब पंछियों ने भी सोचा की उल्लू राजा बनने के योग्य नहीं था क्योंकि वह अपने क्रोध को नियंत्रित नहीं कर सकता था। अत: उन्होंने हंस को अपना राजा बनाया।

किन्तु उल्लू और कौवों की शत्रुता तभी से आज तक चलती आ रही है।

©N S Yadav GoldMine #Dhanteras {Bolo Ji Radhey Radhey}
उल्लू का राज्याभिषेक:- कौवों और उल्लुओं की शत्रुता बड़ी पुरानी है। मगर कितनी पुरानी और क्यों है इसका विचार

#Dhanteras {Bolo Ji Radhey Radhey} उल्लू का राज्याभिषेक:- कौवों और उल्लुओं की शत्रुता बड़ी पुरानी है। मगर कितनी पुरानी और क्यों है इसका विचार #प्रेरक

7 Love

6cc97eae4939aedb2f89a9288cd7b820

KP EDUCATION HD

KP NEWS for the same for me to get the same for me to

©कंवरपाल प्रजापति टेलर
  इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 को है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कंस के बढ़ रहे अत्याचार

इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 को है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि कंस के बढ़ रहे अत्याचार #न्यूज़

254 Views

fb620c786d2ee468f715cc5ad251fa31

Vikas Sharma Shivaaya'

🙏श्री श्री 1008 सतगुरु श्री बावा लाल दयाल महाराज जी का 667वां जन्मोत्सव :-💐🎂🍨🍎🚩

विक्रमी सम्वत 1412 सन 1356 माघ शुक्ला द्वितीया सोमवार को पिता भोला राम कुलीन क्षत्री और माता कृष्ण देवी जी के घर बावा लाल दयाल जी ने जन्म लिया। आठ वर्ष की आयु में ही धर्म ग्रंथ पढ़ डाले। पिता जी ने उन्हें अपनी गाय और भैंस चराने के लिए जंगल में भेजा। नदी किनारे एक वृक्ष के नीचे विश्राम करने लगे। इतने में साधुओं का एक झुंड उधर आ निकला और उनके प्रमुख संत ने देखा कि कड़कती धूप में भी वृक्ष की छाया में कोई अंतर नहीं पड़ा जबकि दूसरे वृक्षों की छाया अपने स्थान से दूर हो गई है। उनके और निकट आने पर उन्होंने देखा कि बालक के सिर पर शेष नाग ने छाया कर रखी है, इतने में बालक ने उठ कर बड़े महात्मा जी को प्रणाम किया जिनका नाम चैतन्य स्वामी था। उन्होंने बावा लाल को कहा कि बेटा “हरिओम तत सत ब्रह्म सच्चिदानंद कहो’ और भक्ति में हर समय मग्न रहो।

इतने में एक शिष्य ने कहा कि सबको भूख सता रही है। इस पर स्वामी चैतन्य जी ने कुछ चावल ले कर मिट्टी के बर्तन में डाले और अपने पांवों का चूल्हा बना कर योग अग्नि से उन्हें पकाया। पल भर में चावल बन गए और सबने खाए। बाद में हांडी को फोड़ दिया और तीन दाने बावा लाल दयाल  को भी दिए जिससे उनकी अंतदृष्टि खुल गई और घर आकर माता-पिता से स्वामी चैतन्य जी को अपना गुरु बनाने की अनुमति लेकर उनकी मंडली में शामिल हो गए।

कुछ समय उन्हें अपने साथ रखने के बाद उन्होंने बावा लाल जी को स्वतंत्र रूप से भ्रमण की आज्ञा दे दी और उन्होंने धर्म प्रचार जोर-शोर से शुरू कर दिया जिससे दिल्ली, नेपाल, यू.पी.सी.पी. पंजाब में आपके प्रति लोगों का श्रद्धा भाव बढ़ा, इतना ही नहीं काबुल के बहुत से पठानों ने अपना गुरु माना है। सिंध में भी बहुत से मुसलमानों ने उन्हें अपना पीर माना है और उन्होंने उनकी कब्र भी बना रखी है।

बावा लाल जी लाहौर से हरिद्वार पहुंचे। गंगा किनारे हिमालय में कई वर्षों तक रह कर तपस्या करने के पश्चात वह गांव सहारनपुर आ गए और उन्होंने गांव के उत्तर की ओर एक गुफा में तप करना प्रारंभ कर दिया। एक बार वह जंगल में घूम रहे थे कि उन्हें प्यास लगी मगर आसपास पानी न होने से एक गाय चराने वाले लड़के से एक बिना बछड़े वाली गाय से ही दूध निकाल कर अपनी प्यास बुझा ली तो इस चमत्कार की खबर सारे क्षेत्र में फैल गई। इनके आश्रम में हिन्दू और मुसलमान आ आकर जब अपनी मनोकामनाएं पूरी करने लगे तो उनके विरोधियों ने सूबेदार खिजर खां के कान भरे कि एक काफिर जादू टोने करके लोगों को गुमराह कर रहा है और भारी तादाद में मुसलमान भी उसके शिष्य बन गए हैं। उनमें एक प्रमुख मुसलमान फकीर हाजी कमल शाह का मकबरा आज भी आश्रम में है।

भारत भर में तमाम वैष्णव पूज्य स्थानों में दरबार ध्यानपुर का विशेष पूज्य स्थान माना जाता है। न केवल हिन्दुओं अपितु अफगानिस्तान के मुसलमान पठानों में भी यह पूर्ण आदर भाव पाता रहा है। अंग्रेज शासकों की कूटनीति के कारण देश के बंटवारे के परिणामस्वरूप आज हिन्दू और मुसलमान आपस में उलझ रहे हैं। आज से 660 वर्ष पूर्व हालांकि वैष्णव हिन्दू संत बावा लाल दयाल जी महाराज तथा अन्य कई महापुरुषों ने लगातार एकता के लिए प्रयत्न जारी रखे जिनमें उस समय के मुस्लिम हुक्मरानों ने भी अपना योगदान दिया है। इसमें विशेष कर ताजमहल के निर्माता मुगल शहंशाह शाहजहां और उसके बड़े बेटे राजकुमार दारा शिकोह पेश रहे। दारा शिकोह ने अपनी पुस्तक हसनत-उल-आरिफिन में लिखा है कि बावा लाल जी एक महान योगी हैं। इनके समान प्रभावशाली और उच्च कोटि का कोई महात्मा हिन्दुओं में मैंने नहीं देखा है।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 514 से 525 नाम
514 विनयितासाक्षी प्रजा की विनयिता को साक्षात देखने वाले
515 मुकुन्दः मुक्ति देने वाले हैं
516 अमितविक्रमः जिनका विक्रम (शूरवीरता) अतुलित है
517 अम्भोनिधिः जिनमे अम्भ (देवता) रहते हैं
518 अनन्तात्मा जो देश, काल और वस्तु से अपरिच्छिन्न हैं
519 महोदधिशयः जो महोदधि (समुद्र) में शयन करते हैं
520 अन्तकः भूतों का अंत करने वाले
521 अजः अजन्मा
522 महार्हः मह (पूजा) के योग्य
523 स्वाभाव्यः नित्यसिद्ध होने के कारण स्वभाव से ही उत्पन्न नहीं होते
524 जितामित्रः जिन्होंने शत्रुओं को जीता है
525 प्रमोदनः जो अपने ध्यानमात्र से ध्यानियों को प्रमुदित करते हैं

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' 🙏श्री श्री 1008 सतगुरु श्री बावा लाल दयाल महाराज जी का 667वां जन्मोत्सव :-💐🎂🍨🍎🚩

विक्रमी सम्वत 1412 सन 1356 माघ शुक्ला द्वितीया सोमवार को पि

🙏श्री श्री 1008 सतगुरु श्री बावा लाल दयाल महाराज जी का 667वां जन्मोत्सव :-💐🎂🍨🍎🚩 विक्रमी सम्वत 1412 सन 1356 माघ शुक्ला द्वितीया सोमवार को पि #समाज

7 Love

9e1832838612b6834ff36ff00a31db31

Deep Thakur

हांमी

हांमी

15,861 Views

344c1807ca3a23f36bff1a1db52ec86a

Farman Mehdi

ना जाने कौन सा रिश्ता ह आप का हमारे साथ।

हमे ही छोड़ के जाने का मशवरा हमारे साथ। #तहज़ीब हांफी

#तहज़ीब हांफी

5 Love

c97522c263eecb15c3a9e7c9091c640d

Pratibha Kamble

अच्छा लागे है गोपी को श्रीकृष्ण को
दही दूध मक्खन
रहते है गोकुलधाम
धंदा उनका गोधन
बेचे हे दूध दही घी मक्खन रोज रोज
अच्छे लगे है कृष्ण को गोपीं को दही दुध मक्खन
खाए हे चोरी से, यह भु हुआ शायद कम
इसलिये फोडे हें मटकी गोपिकाओंकी
राहमें छिपके बैठते है पेड पे गोपिकाओंको  जब ना होवे सहन कभी
तक्रार करेगे हे मैया यशोदा को रोज रोज
कृष्ण तुम्हारा मटकी फोडे हमारी
खाए हे दूध दही मक्खन घर से भी और दर से भी
लडाई अक्कल माता यशोदाने
दूध दही मक्खन की मटकी

©Pratibha Kamble दही हंडी

#DearKanha

दही हंडी #DearKanha

4 Love

c97522c263eecb15c3a9e7c9091c640d

Pratibha Kamble

मटकी फोडणे को हे पथक जवानोके
लगाये स्तर पे स्तर सारे गोपी
फोडे मटकी  उचाई की
सबसे ऊची दहीहंडी
होवे है मुंबई की
लगायी स्तर पे स्तर
सात आठ स्तर
गोविंदा फोडे मटकी
जिते बक्षीस गोविंदांके पथक जोर से चिल्लाए 
गाने बोले है
गोविंदा आया रे आया 
मटकी संभालो ब्रिज की बालाओ

©Pratibha Kamble दही हंडी

#DearKanha

दही हंडी #DearKanha

5 Love

79a4e603de24877d867addfadc5f8891

Kasut Haryanvi

बिल्कुल yr हमसे ना हांडा जावे...

बिल्कुल yr हमसे ना हांडा जावे...

37 Views

loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile