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VIIKAS KUMAR
Sbl कालमेघ सिरप का उपयोग अपच, पेट फूलना, कब्ज में किया जाता है, यकृत और गैस्ट्रिक शिकायतों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है। संरचना: Androgarphis Paniculata Q, Chelidonium Majus Q, Carica Papaya Q, Myrica Cerifera 3x, Hydrocotyle Asiatica Q, Hygrophila spinosa Q, अनुशंसित खुराक: बच्चे: 5-10 बूँदें, दिन में तीन बार। साइड इफेक्ट: कोई साइड इफेक्ट ज्ञात नहीं है। सावधानियां: 1. खाने/पीने/अन्य दवाओं और निर्धारित होम्योपैथिक दवा के बीच आधे घंटे का अंतर रखें। 2. होम्योपैथिक दवा लेते समय आपके मुंह में प्याज, लहसुन, कपूर, कॉफी, हींग जैसी तेज गंध नहीं आनी चाहिए। 3. मेन्थॉल, पुदीना, कपूर, आवश्यक तेल, लिप बाम, डीप हीट लाइनमेंट्स, कफ लोजेंज, च्यूइंग गम, सुगंधित टूथपेस्ट, रासायनिक धुएं, इत्र आदि जैसी तेज गंधों से दूर होम्योपैथिक उपचारों को स्टोर करें। ©VIKAS KUMAR Sbl कालमेघ सिरप
Gondwana Sherni 750
सब का एक ही वहम होता है की मैं अगला इंसान के लिए इन्पोटेट हु ☺️❤️😞 Preeti Uikye 26/11/23 ©Gondwana Sherni 750 गलत फेमी
Dakshi Raj
सीसा तो गलती से टूटते हैं,, लेकिन रिश्ता तो , गलत फेमी से टूट जाती हैं ©Dakshi Raj रिश्ते तो गलत फेमी
Hashim azmi
प्यार उसी से करो जिसे कन्टरोल कर सको जब प्यार आपको कन्टरोल करने लगे तो उसे बरबाद कर दो त
shubham hirode
इश्क मोहब्बत प्यार की बातें तुम्हें करनी नहीं है। तो क्या? ये इश्क है या फिर कुछ भी नहीं है। इश्क-ए-समंदर की गहराइयों में डूब कर चाहने लगा हूं। तुझको को जानती हो क्या? तू कभी मेरे इश्क के समंदर में उतरी है क्या? मेरी उम्र कुछ ऐसी है प्यार में हो जाए नादानियां कुछ वैसी है कमबख्त ना कि कोई नादानियां संभल कर रखा है अपने वैशे को। तुझको तो ना अब करनी है नादानी ना शादी के बाद करनी है महा नादानियां। क्या कहु तेरे ऐसे रवविये को गंभीर वक्त पर भी कहां है तूने न जाने कैसे अल्फाज को टूट चुका था दिल से गिर रहे थे आंसू मर रहा था घुट घुट कर फिर भी ना कहा तूने वह सच ऐसा क्या मिला तुझको? झूठे अल्फाजों सी दस्तानों से नीचे गिराया है तुमने अपने ही आपको। तेरा झूठ कोई चतुराई या उमन्दा बात की कोई कहानी नहीं है। तू गिर रही थी मेरी नजरों में तुझको ये पता ही नहीं हैं। वो जो चाहता था तुझको टूट कर वो तो कब का मर चुका है जाने जा। वो जो हुआ करता था उसके अंदर अब वो ही मैं हूं सुना तो होगा ही। मेरे कमीनापन के बारे में उसकी जुबान से याद नहीं कोई बात नहीं अब तुम भी हमको याद नहीं। जोर न दो दिमाग की नसों पर तुमने ही कहा हैं छोड़ दो मुझको। तो सुनो तेरा हुकुम सर आंखों पर। त
shashwat ayush
कर्मों से ही फल पाते हम हैं यही यहाँ बस नियति हैं। कर्म परायणता से पदच्युत होने पर दुर्गति हैं। प्रांजल लोकतंत्र के अर्थों का आलम यहाँ पर ये हैं। सता दुःशासन बनी हुई हैं और लोकतंत्र द्रौपदी हैं। -शाश्वत आयुष ©shashwat ayush त