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Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
omdeo
नाराजगी का आलम कुछ इस क़दर छाया है अंधेरी रात पता नहीं कैसा ये प्रहर लाया है आज चांद अपना छटा बिखेरने से इतराया है काले बादल ने भी आज अपना सम्राज्य बढ़ाया है जुगनू भी अपने प्रकाश से अंधकार को भला दूर कर पाया है लगता है भवरे को फिर कोइ मनचाहा पुष्प नहीं मिल पाया है शायद इसलिए वो इधर उधर विचलित सा नजर आया है जब सूर्य अपने रथ पर बैठ नव प्रकाश बिखेरेगा तभी पूरे संसार का छवि उज्ज्वल और आलोकित नजर आएगा नाराजगी का जग जाहिर
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
Neha Sharma
हुए है आज वो नाराज मगर आराम से लुटा है दिल भरें बाजार मगर आराम से ©Neha Sharma #नाराजगी
Pradip Zare
नाराज मै अभी की दुखो से नहीं ...पहले की खुशियों से हूं ...!! प्र_deep@thought ©Pradip Zare # नाराजगी
Swati jain
मोहब्बत बेमिसाल उसकी, नाराजगी भी कमाल है।। मनाऊं तो मनाऊं कैसे, पूछो तो कहता भी कुछ नहीं।। पास होते तो यूं मना लेते, बाहों में लेते और जुल्फों में उलझा देते, होठों पे तेरे गुलाब की पंखुड़ियां सजा देते।। पर दूरियों में ये प्यार दिखाऊं कैसे?? बोल ना......तुझे मनाऊं कैसे?? ©Swati jain #नाराजगी
Mona_Insan_Dear
जब जब हम तुम्हे बेइंतहा याद करते है और तुम लौटकर नही आते तो ख़ुद से नाराज़गी होती है Mona✍🏻 #नाराजगी
Usha Yadav
यह कैसी नाराजगी है तेरी तुझे भूलना तो चाहती हूं मगर तू इस तरह से है मन में मेरे कि जितना भी भूलना चाहूं उतना ही तेरी यादें बढ़ती जाती है तू इस कदर छाया हुआ है दिलों दिमाग पर की जिधर देखूं हर तरफ सिर्फ तू ही तू नजर आता है अब मुझे नाराजगी
Ashish Panjwani
तुम अपनी नाराजगी में रहना , और मैं रहूंगा अपने अपराधबोध में, और ऐसा ही रहे , वरना फिर पड़ जाएंगे, हम दोनों एक दूसरे के प्रेम में, फिर दिनों दिन गाढ़ा करेंगे उसे, और बढ़ जाएंगी अपेक्षाएं तुम्हारी, और उसके भार में दब जाऊंगा मैं, और फिर कभी जब तुम ध्यान न दोगी मुझपे, समझूंगा मैं उपेक्षा अपनी, और असुरक्षित हो जाऊंगा और वह कर बैठूंगा जो न करना था फिर चलेगा वही अंतहीन रूठने मनामव का चक्र इसलिए तुम अपनी नाराजगी में रहना और मैं रहूंगा अपने अप्रधबोष मे ©आवेग नाराजगी