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Satyanarayan "Swadeshi"
कौन कहता हैं छलनी में पानी आ नहीं सकता, तूं उसे जीरो डिग्री ठंडा करके तो देख। कहते हैं पाषाण ईश्वर बन नहीं सकता, कभी छीनीं हथौड़े की चोटें देकर तो देख।। #कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी चित्तौड़गढ़ 75979 76263 ©Satyanarayan "Swadeshi" कौन कहता हैं छलनी में पानी आ नहीं सकता, तूं उसे जीरो डिग्री ठंडा करके तो देख। कहते हैं पाषाण ईश्वर बन नहीं सकता, कभी
Satyanarayan "Swadeshi"
Satyanarayan "Swadeshi"
खरोंच लेता हूं अक्सर जिस्म पर लगे इन घावों को, क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं, इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से मोहब्बत हो गई हैं, बल्कि इस लिए कि ये ज़ख्म देने वाले मेरे अपने हैं।। कवि सत्यनारायण स्वदेशी चित्तौड़गढ़ ©Satyanarayan "Swadeshi" खरोंच लेता हूं अक्सर #जिस्म पर लगे इन #घावों को, क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं, इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से #मोहब्बत हो ग
Satyanarayan "Swadeshi"
खरोंच लेता हूं अक्सर जिस्म पर लगे इन घावों को, क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं, इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से मोहब्बत हो गई हैं, बल्कि इस लिए कि ये ज़ख्म देने वाले मेरे अपने हैं।। कवि सत्यनारायण स्वदेशी चित्तौड़गढ़ ©Satyanarayan "Swadeshi" खरोंच लेता हूं अक्सर जिस्म पर लगे इन घावों को, क्यों कि इन्हें हमेशा हमेशा के लिए ताज़ा रखने हैं, इसलिए नहीं कि मुझे जख्म से मोहब्बत हो गई ह
Satyanarayan "Swadeshi"
बहाना आज के जैसा नहीं ये रोज़ करती हैं, उगेगा चांद जब छत पे ये फोटो ख़ोज करती हैं। बहाना पेट का करके बिना खाए सोती रहती हैं, कुंवारी लड़कियां ऐसे करवा चौथ रहती हैं।। #कवि_सत्यनारायण_स्वदेशी चित्तौड़गढ़ 7597976263 ©Satyanarayan "Swadeshi" बहाना आज के जैसा नहीं ये रोज़ करती हैं, उगेगा चांद जब छत पे ये फोटो ख़ोज करती हैं। बहाना पेट का करके बिना खाए सोती रहती हैं, कुंवारी ल
Satyanarayan "Swadeshi"
Alpesh sen
Divyanshu Pathak
सुनो....💕👴 : बचाकर रखना चाहता हूँ मैं तुम्हें उनकी गिद्ध नजरों से जो ताड़ ते है भूंखे भेड़िये से जैसे बचाकर रखता है पिता दुनियादारी से अपनी संतान को : बचाकर रखना चाहता हूँ मैं तुम्हारा प्रेम तुम्हारा स्नेह अपनापन उन वहसी चाहतों से जैसे बचा कर रखती है माँ बुरे वक्त से अपने बच्चों को ! :सुनो...💕👴 : आधुनिकता के इस जंगल में बचाना चाहता हूँ संस्कारों की किताब ताकि बनी रहे नैतिकता जैसे रखता है बचाकर मनीषी अपने मन में ! : बचाकर रखना चाहता
PS T
भगत रे वश में है भगवाण जदे याद करो जठे याद करो आवे है छोड़ आपणी पहचाण.. भगत रे.... शबरी रा बेर राम जी री लेर समझयो ही कोइनी कीना दिन लिदा फेर आपां तो भगवाण री जय करां भगवाण करे भगतां रो बखाण..भगत रे* जाटनी री खिचड़ी खाई थी श्याम धणी दिख्या ही कोइनी साधुओं ने संता ने वातां तो ज्यादा करे सत्संग री और जाटनी रा बण न आया मेजबाण.भगत रे* खम्मा घणी सा 🙏 आज आप सबनै डोल ग्यारस री घणी घणी बधाईयां। भादो री शुक्ल पक्ष री ग्यारस ने ही डोल ग्यारस या जलझुलनी ग्यारस कहते है। 🕉️ मिन्दर