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Pranali Sagvekar

जब हम साथ थै!!!☺️ #Life

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पने कम पड जाये लिखणेकों 
जब हम साथ थै
ना कोई दूरीया ना कोई ख्वाब था
जब हम साथ थै
ना कोई टेंशन ना कोई दुःख
जब हम साथ थै
हर मुष्किल जिद्द बन जाये
हर चुणोतीया पेर की धुल बन जाये
जब हम साथ थै
 कोई डर भी नहीं कभी
 आया मन मै
 जब हम साथ थै
 फीर भी ऐ दुरीया
कभी कम नही पडी 
नये दोस्त आणे से
जब हम साथ थै 
कोई पल मुष्किल नही था
हर पल खूशी का था
 जब हम साथ थै

©Pranali Sagvekar जब हम साथ थै!!!☺️

Dinesh dangi

रब से ज्यादा रब मानते थे तुमको हम तु ये सोच कर मुस्कुराता है कि हम पागल थै धौखा देगा एक दिन यै पहले ही जानते थै हम #शायरी #nojotophoto

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 रब से ज्यादा रब मानते थे तुमको हम
तु ये सोच कर मुस्कुराता है कि हम पागल थै
धौखा देगा एक दिन यै पहले ही जानते थै हम

Mukesh Poonia

#KhulaAasman #शब्द से #खुशी, शब्द से #गम शब्द से #पीड़ा, शब्द ही #महरम...!! #विचार

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Hasanand Chhatwani

*शब्द से खुशी, शब्द से गम* *शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम* #paper

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*शब्द से खुशी, शब्द से गम*

*शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम* *शब्द से खुशी, शब्द से गम*
*शब्द से पीड़ा, शब्द ही मरहम*
#paper

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

कागज तो होता बस बेजान सा ,
जान तो उसमें शब्द डालते हैं ,

शब्दों के लिखते ही , बिखर जाती हैं एक खुशबू ,
यादों की , वादों की , अहसासों की ,

पढते ही शब्द सब कुछ चलचित्र सा चलने लगता हैं ,
आँखों के सामने एक अहसास सा ,

शब्दों से बनती जाती रचनाएं ,
हर एक के मन की उथल - पुथल की ,

वो बातें जो हम कहने मे होते हैं असर्मथ ,
पुर जाती हैं माला सी वो शब्दों के जरिए ,

भावों को वय्क्त करते शब्द ,
कोरे कागज पर रंग बिखरते शब्द ।

©Ankur Raaz #शब्दो #की #शक्ति

#शब्द

दीपंकर

रूठे से शब्द #कविता

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आज रूठे रूठे से शब्द क्यों हैं ,
वही जो कागज़  से लिपट  के तेरे गीत गाते थे ,
वही जो तुम्हारे दिल को छू कर आ जाते थे ,
वही जो तुम्हे हसाते  और गुदगुदाते  थे ,
पर आज वही शब्द बेजान  क्यों हैं ?
तुमसे ही आज  अनजान  क्यों हैं?
क्यों मौन पड़ी है कविताई ,
क्यों गीत भी हो चली पराई,
￰छन्दों से  शब्दों की कैसी ये जुदाई 
खुद से टूटे टूटे से शब्द क्यों हैं ???? रूठे से शब्द
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