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Abhit khudarvi
Today's match लगातार जो बरस रहे हो यहाँ ज़रा आज बरस जाते वहाँ जैसे उस दिन बरसे थे। काश आज बारिश होती मेनचेस्टर में।
Anuradha Vishwakarma
यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: -इंग्लैंड, -उत्तरी आयरलैंड, -स्कॉटलैंड -वेल्स. jhankiom vishwakarma. यूनाइटेड किंगडम एक संवैधानिक राजशाही और एकात्मक राज्य है जिसमें चार देश शामिल हैं: इंग्लैंड, उत्तरी आयरलैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स.
Amit Gupta
ये पंक्तियाँ मैंने उस वक्त रची थी जब एक तरफ मुजफ्फरपुर में मासूमों की लगातार मौत हो रही थी वहीं दूसरी तरफ मैनचेस्टर में क्रिकेट चल रहा था..
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KP GK SAGAR GK questions in Hindi video short ©KP STORY CREATOR नीलगिरी पहाड़ियां ❑ अंडों की टोकरी (एशिया) ➭ आंध्र प्रदेश ❑ राजस्थान का हृदय ➭ अजमेर ❑ सुरमा नगरी ➭ बरेली ❑ खुशबुओं का शहर ➭ कन्नौज ❑ काशी क
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#UNSC की अध्यक्षता करेगा भारत ..... Contd......... ©OMG INDIA WORLD #OMGINDIAWORLD यशस्वी प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की अध्यक्षता में भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के अध्यक्ष पद की कमान संभ
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KP GK SAGAR GK questions in Hindi video short Film festival ©KP STORY CREATOR ╭─❀⊰╯भारत के प्रमुख भौगोलिक उपनाम ╨───────────────────━❥ ❑ ईश्वर का निवास स्थान ➭ प्रयाग ❑ पांच नदियों की भूमि ➭ पंजाब ❑ सात टापुओं का नगर
Sangeeta Patidar
कृपया रचना अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 उधर पुरुष युद्धों में लड़ते, इधर नारियाँ भी लड़ती हैं, अपने अधिकारों की खातिर, बंध तोड़ने को चलती है। विश्वयुद्ध जब बीत गया तो, "नारी दल ने मा
ᎻᎪᎡՏᎻ🖋
1905 में हंस विल्स्दोर्फ़ और उनके साले अल्फ्रेड डेविस ने लंदन में "विल्स्दोर्फ़ एंड डेविस" की स्थापना की.[8] उस समय उनका मुख्य व्यवसाय था हर
Divyanshu Pathak
भोर भई मन तड़पत सरपट "कनुआ" दौड़ बुलाइ रह्यो है ! वो मधुकर को प्रेम पियासो पुष्प सुबह बिलखाय रह्यो है ! तेरे दर्शन दुर्लभ भारी क्यों मुझसे शरमाय रह्यो है ! आ मिल अंक से अंक मिलाले क्यों ऐसे भरमाय रह्यो है ! श्याम सलोने मत कर देरी क्यों बैरी मोय सताय रह्यो है ! आ अब भी तू साथ हमारे क्यों मेरी पीर बढाइ रह्यो है ! तत्व सत्व को रस बरसाने "पाठक" तोय बुलाय रह्यो है ! :☕☕🌱🍀🍫🍫☕☕🍨👨 जुग जुग नर नारायण जैसे संग साथ तू रहतो आयो मैं जीवन तू 'जीवनज्योति' अब क्यों मुह दुबकाय रह्यो है !😊😊😊😊😊😊 : मुझे पिछले माह विवाह
Shubham Bharti
#OpenPoetry देश को न जाने कितने साल हुये । काफ़ी गहरी है इसकी धरती । अजीब सच है की मैं अपने देश मे ही नहीं घूम सका हूँ । देश के उन बहोत सारे लोगों की तरह जो एक ही मिट्टी मे जन्म लिये और उसी मिट्टी मे मिल गये । वो सारे लोग जिन्होने एक ही स्थान और एक ही एंगल से देश का लंबा वक़्त देखा । सच मे कितना धैर्य रहा होगा न उनके पास भी । निर्भरता मे पूरा जीवन बिता होगा । कभी डाकिये का इंतज़ार ,कभी आकाशवाणी के न्यूज़ का इंतज़ार,कभी चुनाव मे अपने पसंद के नेताओं को देख पाने का इंतज़ार । सच मे उन्होने कई सालों से कोई यात्रा नहीं की होगी । उनकी यात्रा तो बस घर से खेत और खेत से चौपाल तक रही होगी ।देश मे कितने प्रकार का जीवन है न । एक देश मे न जाने कितने देश हैं । मैंने कई हॉलीवुड फिल्में देखी एक बात कॉमन पाया की उनके जीने का ढंग एक जैसा है । सिस्टम ने यूनाइट कर दिया है बहोत देशों को । हमें देश ने हमेशा आज़ाद कर रखा है । हम अपनी विविधताओं मे स्वतंत्र हैं ,अपने चिंतन मे आज़ाद है । मुझे ये देश ऐसे ही बेहद पसंद है । मैं ऐसे ही इसे स्वीकारता हूँ । मैं इसकी नदियों ,पहाड़ियों ,शहरों ,गाँवों और उसकी अस्मिताओं का बेहद सम्मान करते हुये इसे ऐसे ही अपनाता हूँ । उन सारे लोगों की तरह जिन्होने बारी बारी से देश का बोझा अपने कांधे लिया और जीते चले गये । जिन्होने देश से कुछ भी ज्यादा नहीं मांगा बल्कि इसकी मिट्टी से जो कुछ मिला उसे प्रेम से अपनाया किया । जो कभी राजनीति को नहीं समझ पाये बस सुबह काम पर गये और शाम को लौट आये । जब भी कुछ बुरा हुआ तो एक टीस मन मे बैठ गयी की अरे ऐसा नहीं होना था । देश के वे लोग जो हमेशा इस मिट्टी मे तृप्त रहे । मैं उन साधारण लोगों की बात कर रहा हूँ जो सिर्फ साधारण तरीके से देश के दायित्वों का निर्वहन करते चले गये । जिन्होने देश के हर नियम को स्वीकार किया और कानून को खुद से ज्यादा इज्ज़त दी । जो कुछ भी इनसे कहा गया वो देश के अपने हिस्से से इसे स्वीकारते चले गये । इस आज़ाद देश मे मेरा भी ऐसा ही एक सपना है । मैं कहीं और नहीं जाना चाहता ,बस मैं इसी देश मे मर जाना चाहता हूँ । इस अपनी यात्रा मे मिले अपने ही लोगों की मदद और इस मिट्टी के लिए जो कुछ भी संभव हो सके । मैं भी देश के उन लोगों की तरह अज्ञात रहकर इस देश को अपने पूरे अभिमान के साथ जीना चाहता हूँ । एक ही गाना याद आता है रह रह के ‘” देश मेरे ,देश मेरे ,मेरी शान है तू , देश मेरे देश मेरे मेरी जान है तू’” #OpenPoetry देश को न जाने कितने साल हुये । काफ़ी गहरी है इसकी धरती । अजीब सच है की मैं अपने देश मे ही नहीं घूम सका हूँ । देश के उन बहोत सारे