कंचन सा श्वेत मन है
बिखरे सपनों के सतरंगी मोती
निराशा की भी अद्भुत खेती
आशाओं के कितने मिलन हैं
कंचन सा श्वेत मन है।।
धरे कपारे मेहनत की #yqdidi#YourQuoteAndMine#yqbqba#मेहनत_की_उड़ान
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Kuldeep
कंचन सा श्वेत मन है
बिखरे सपनों के सतरंगी मोती
निराशा की भी अद्भुत खेती
आशाओं के कितने मिलन हैं
कंचन सा श्वेत मन है।।
धरे कपारे मेहनत की #yqdidi#YourQuoteAndMine#yqbqba#मेहनत_की_उड़ान
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Vedantika
♥️ आइए लिखते हैं मुहावरेवालीरचना_408
👉 जाके पाँव न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई लोकोक्ति का अर्थ - जिस मनुष्य का दुखों से सामना नहीं ह