Find the Latest Status about नौका विहार कविता की व्याख्या from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, नौका विहार कविता की व्याख्या.
डॉ वीणा कपूर "वेणु"...
चांदनी रात में नौका विहार अकेले अकेले। थाम ली मैंने हाथ में पतवार अकेले अकेले। ढूंढ रही है व्याकुल दृष्टि क्षितिज तक तुम्हें, गहनता से परिपूर्ण हो गया पारावार अकेले अकेले। ©Veena Kapoor चांदनी रात नौका विहार पारावार अकेले अकेले #river
Parasram Arora
सपनो की नौका क़ो तट से खोल कर संसर्ति के विस्तीर्ण सागर की सतह पर तो मै ले आया हूं पर इस नौका की पतवार तो मै तट पर ही भूल आया हूं लगता है ये सुख दुख की लहरे हवा के रुख क़ो पहचानती है कदाचित या तो ये मुझे उस पार पंहुचाने मे सफल होगी .या फिर मझधार मे ले जाकर डुबो देंगी ©Parasram Arora सपनो की नौका....
Shaikh Akhib Faimoddin
व्याख्या जीवन की क्या व्याख्या करुँ मै इस जीवन की जिसकी कोई व्याख्या ही नही हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता क्या यही विषमता तो जीवन नही| कोई सब कुछ होकर भी रोता है तो कोई कुछ ना होके भी हसता है किसीका जीवन मधुबन तो किसीका रेगिस्तान भी नही क्या यही विषमता तो जीवन नही| जिसने सत्य को ही जीवन माना उसके किसीने छुए चरण नही जिसने किया समाज को खोकला उसके खिलाफ कोई आवाज नही क्या यही विषमता तो जीवन नही| माना जीवन सुख दुख का संघर्ष ही सही पर इसके परिणामों में समानता क्यों नही किसीको जलाया जाता है चंदन की चीता पर तो किसीको मिलता कफन भी नही क्या यही विषमता तो जीवन नही| अंत में क्या सही और क्या गलत इसका मिलता कोई जवाब नही क्योंकि हर दिशा से मिलती है मुझे विषमता क्या यही विषमता तो जीवन नही| फिर भी करना चाहता हुँ व्याख्या जीवन की जीस जीवन की कोई व्याख्या ही नही| व्याख्या जीवन की..