दिल, धड़कन, ज़िन्दगी या कोई बात हो, तुमपर शुरू और तुमपर ही समाप्त हो
चाँद, चांदनी, सितारे या आधी रात हो, सुबह हो तुमसे और तुमसे ही शाम हो
बेखुदी मेरी इस कदर बढ़ चुकी है कि, अब खुदा से महज़ इतनी सी दरख्वास्त है
गुस्सा मेरा तुम तक आकर समाप्त हो और मेरे प्यार की शुरुवात सिर्फ तुमसे हो
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