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बिमल तिवारी “आत्मबोध”

क्या भारतीय न्यायालयों की भाषा हिंदी हो गई हैं ?
क्या भारत में कॉरपोरेट की भाषा हिंदी हो गई है ?
क्या भारतीय सिविल सोसाइटी के व्यवहार में हिंदी आ गईं हैं ?
क्या भारत के सेलिब्रिटीयों ने हिंदी अपनें दैनिक जीवन में उतार लिया है ?
क्या भारतीय ब्यूरोक्रेसी हिंदी में बातचीत कर रहीं है ?

नहीं ... एकदम नही.. कत्तई नहीं

तो छोड़िए हिंदी दिवस मनाना।
बस एक दिन के लिए, ओ भी औपचारिकता बस। और फिर भूल जाना।
 हिंदी दिवस के नाम पर कार्यशाला, सेमिनार, कार्यक्रम आयोजित करना। 
और धन लूटना।

हिंदी व्यवहार में लाओ। त्योहार में नहीं।।

©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #हिंदीदिवस2022 
#hindidiwas2022
#मातृभाषा_दिवस 
#Dark

SK pant

देश की उन्नति के नाते हमारी शिक्षा अपनी मातृभाषा में ही हो इसकी आवश्यकता हैं* #मातृभाषा_दिवस #मातृभाषा #समाज

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Ravi (guidance and councellor)

🤝🏻हमारा जीवन, हमारी संस्कृति एवं संस्कारों का आधार हमारी मातृभाषा है। मातृभाषा हमें गढ़ती एवं रचती है। 

*सभी को अंतर्राष्ट्रीय #मातृभाषा_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।*

©Ravi #worldlanguageday

Ravi (guidance and councellor)

🍥Best way of Learning🍥
*


❣️निज भाषा उन्नति अहै ,सब उन्नति को मूल।
❣️बिन निज भाषा-ज्ञान के ,मिटत न हिय को सूल॥ 
🤝🏻हमारा जीवन, हमारी संस्कृति एवं संस्कारों का आधार हमारी मातृभाषा है। मातृभाषा हमें गढ़ती एवं रचती है। 
*सभी को अंतर्राष्ट्रीय #मातृभाषा_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।*

©Ravi #worldlanguageday

बनवारी जाटव!

बचपन में लड़खड़ाते, गिरते, उठते तुतलाते हुए जिस भाषा में कंठ की प्रथम ध्वनि निकली उस आइए उस मातृ भाषा और भारत की राजभाषा का अधिकाधिक सम्मान और प्रयोग करें।
क्योंकि भारतेंदु हरिश्चन्द्र जी ने कहा था कि,
निज भाषा उन्नति अहै,
सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा ज्ञान के,
मिटत न हिय को सूल।

हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई💐 #हिंदी 
#मातृभाषा_दिवस 

#HindiDiwas2020

वेदों की दिशा

।। ओ३म् ।।

तिस्रो वाच ईरयति प्र वह्निरृतस्य धीतिं ब्रह्मणो मनीषाम् । 
गावो यन्ति गोपतिं पृच्छमानाः सोमं यन्ति मतयो वावशानाः ॥

पद पाठ
ति꣣स्रः꣢ । वा꣡चः꣢꣯ । ई꣣रयति । प्र꣢ । व꣡ह्निः꣢꣯ । ऋ꣣त꣡स्य꣢ । धी꣣ति꣢म् । ब्र꣡ह्म꣢꣯णः । म꣣नीषा꣢म् । गा꣡वः꣢꣯ । य꣣न्ति । गो꣡प꣢꣯तिम् । गो । प꣣तिम् । पृच्छ꣡मा꣢नाः । सो꣡म꣢꣯म् । य꣣न्ति । म꣡त꣢यः । वा꣣वशानाः꣢ ॥

कोई विरले ही रससिद्ध कवि अभिधा, लक्षणा, व्यञ्जनावाली गद्य, पद्य, उभय रूप वाणी को प्रयुक्त करते हुए सात्त्विक, शान्तरसमय ब्रह्मस्तोत्रों को रचकर अपनी वाणी को कृतकृत्य करते हैं ॥

Rarely, the poet, Abhidha, Lakshana, Vyjjnavali prose, Padya, using the utterance of the vowel form, make his voice thankful by creating sattvik, shantarasamaya brahmastotras.

( सामवेद मंत्र ८५९ ) #वेद #ऋग्वेद #कवि #मातृभाषा #मातृभाषा_दिवस

Kumar sanskar

मेरी माटी , मेरा देश
मेरी भाषा मेरा परिवेश।
हिंदी के बिन सब अवशेष।।

#मातृभाषा दिवस की 
आप सभी को कोटि कोटि शुभकामनाएं। #NojotoQuote #मातृभाषा_दिवस

साहिर

 #मातृभाषा 
#मातृभाषा_दिवस 
#मातृभाषा_हिंदी_दिवस


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