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Pankaj Premi

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स्वर्गीय आनन्द राज आनन्द

हां हमरा गर्व हेऽ खूद के बिहारी होवे पऽ 
बिहार स्थापना दिवस के हार्दिक बधाई एवं ढ़ेरों शुभकामनाएं
#बिहार_दिवस

©Anand Raj Anand #Likho #anandarjak #Bihar_diwas

Divu

मेहनत के मामले में हमारी रुदारी है ।
सहलता भी हमारी कइयों पर भारी है ।
हंस हंस के सब टाल देते हैं प्यार से ,
सबको हंसाना हमारी जिम्मेदारी है ।
हां , हम बिहारी हैं ।

.

©Divu #Likho #Bihar_diwas #divu_poetry

Rkg Gupta

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(Slip_of_tongue)@kaviya_kashyap

जहा के लोगन ना माने हार,
ऐसा ही तो है अपना बिहार।।

दिमाग की जहा कोई लिमिट नहीं
सोच सोच निकले कोई ना कोई जोगार,
ऐसा ही तो है अपना बिहार।।

गुस्से मे भले करले तोर-फार
मगर मजाल है जो कोई 
उंगली भी दिखादे हमे,
क्यों कि डायरेक्ट गोली से करते है बात,
ऐसा ही तो है अपना बिहार।।

भाषा से है पहचान हमारी,
लालू नीतीश की अनबन सारी,
अपनी अपनी सबकी कहानी ,
उलझना ना हमसे क्युकी 
रोंद देते है हम बिहारी ।।

पाटलिपुत्र है जिसकी राजधानी,
संस्कार सभ्यता के हम अभिमानी,
जहा से निकली है मशहूर कहानी,
कोई भूल नहीं पता हमे
ऐसे है हम बिहारी।।

©(Slip_of_tongue)@kaviya_kashyap #bihar #Bihar_diwas

vishwajeet vishal

गर मैं इश्क़ कहूँ, तुम दशरथ माँझी और फगुनिया समझना
 मैं छ्ठ कहूँ ,  तुम ढलते सूरज का पुजारी समझना
मैं गणित कहुँ, तुम आर्यभट्ट और आनंद कुमार समझना

मैं अखण्ड भारत कहूं तो तुम चन्द्रगुप्त समझना
मैं प्रतिशोध कहूं तुम चाणक्य समझना

मैं ज्ञानी कहूं तुम महावीर और बुद्ध समझना
मैं आजादी कहूं तुम चम्पारण सत्याग्रह समझना

और अगर

मैं इन सभी शब्दों का सार कहूँ तो तुम 
बिहार 
समझना...!!
#बिहार_दिवस
#Bhiar is our turu lob...

©vishwajeet vishal #Bihar_diwas

Shashi Nandan

माना बिहार अब नेताओं की जागीर बन गई है 
चारा-सृजन-रिजल्ट घोटालों से हर सरकार लूट ले गई है ।
जनता की बुनियादी जरुरत उनसे महरुम हो गई है 
सरकारी बाबू की कोठी चका-चक गुलज़ार हो गई है ।।
अनुग्रह-राजेन्द्र-जयप्रकाश की स्मृतियाँ भुल बैठे हैं 
सामाजिक-सद्भावना, आपसी सौहार्द खो बैठे हैं ।
खुदीराम, कुंवर सिंह, सप्त-भाई जैसे बिहारी बलिदान देते हैं 
कुछ असामाजिक-अनैतिक लोग बिहार को बदनाम करते हैं ।।
छोड़ो ना !
रहने देते हैं,
जो बीत गया उसे जाने देते हैं ।
अब धर्म-जात-पात, द्वेष-कलेश का मैल साफ़ करते हैं 
आहिस्ता हिं सही !
भ्रष्टाचारमुक्त-प्रेमपूर्ण बिहार रचते हैं 
आओ, मिलकर नया बिहार रचते हैं
आओ, मिलकर नया बिहार रचते हैं ।।

✍Shashi Nandan✍ #bihar_diwas #bihar_day #bihar_divas

Shashi Nandan

माना बिहार बाढ़ में बह जाती है, ढह जाती है
धरती सुखाढ़ में सुख जाती है, फसल मर जाती है।
प्रकृति का कोप यहाँ क़हर बन कर गिरता है 
किसान-मजदूर, फसलहिन-बेरोजगार भूखा मरता है ।।
यहाँ की हवा भी जहरीली, अब धुँध से भर गई है 
शहर इसके विश्व-पटल पर प्रदूषण से पट गई है ।
खेत-खलिहान, नदी-नाला प्लास्टिक से लद गई है 
पेड़ों की कटाई, अकाल-मौत की खबर लाई है ।।
छोड़ो ना !
रहने देते हैं 
जो बीत गया उसे जाने देते हैं ।
अब पर्यावरण का बच्चे-जैसा ख्याल रखते हैं 
आहिस्ता हिं सही !
प्रदूषणमुक्त-हरियालीपुर्ण बिहार रचते हैं
आओ मिलकर नया बिहार रचते हैं ......

✍Shashi Nandan✍ #bihar_diwas #bihar_divas #bihar_day

Shashi Nandan

माना बिहार शौर्य-वीर्यता-साहस का प्रतिक था
चंद्रगुप्त, अशोक, धर्मपाल, आदी का प्रराक्रम था ।
धर्म, अर्थ, राजनीति का साम्राज्य दूर तक फैला था
पलट कर आँख दिखाने का, हिम्मत किसी को ना था ।।
कण-कण में मन-मन में मातृभक्ती का वास था
अजातशत्रु, समुद्रगुप्त, पुष्यमित्र वीरों का निवास था ।
वज्जि ने इस धरा को गणतंत्र का पाठ पढ़ाया था
मगध ने अविजय साम्राज्य का परचम लहराया था ।।
छोड़ो ना !
रहने देते हैं,
जो बीत गया उसे जाने देते हैं ।
अब आत्मनिर्भरता का स्वाद फिर से चखते हैं 
आहिस्ता हिं सही !
डरमुक्त-हिम्मतपुर्ण बिहार रचते हैं 
आओ, मिलकर नया बिहार रचते हैं.......

✍Shashi Nandan✍ #bihar_diwas #bihar_day #bihar_divas

Shashi Nandan

माना बिहार ज्ञान की भूमि थी
चाणक्य, आर्यभट्ट, पाणिनि की कर्मभूमि थी ।
विज्ञान, गणित, खगोल, वाणिज्य का लहर था
महान-विशाल-परिपूर्ण विश्वविद्यालय का शहर था ।।
बुद्ध, महावीर का ज्ञान से भरा प्रवचन था
अंधकार से प्रकाश में लाना उनका जतन था ।
दिनकर, नागार्जुन, बेनीपुरी की कलम धारधार थी
अवचेतन मस्तिष्क पर चेतना की प्रहार थी ।।
छोड़ो ना !
रहने देते हैं,
जो बीत गया उसे जाने देते हैं ।
अब ज्ञान-रुपी बीज को फिर से बोते हैं 
आहिस्ता हिं सही !
अन्धकारमुक्त-ज्ञानपुर्ण बिहार रचते हैं 
आओ, मिलकर नया बिहार रचते हैं........

✍ Shashi Nandan✍ #bihar_diwas
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