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अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C0tzbA8L_H2/?igsh=eXltc3ZobWp6Z2tq #देवी #हिंदी #दैवीशक्ति #चमत्कार #आश्चर्य #जांच #रहस्य #Instagram #Facebook #अदनासा #पौराणिककथा

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Vinay Suryawanshi (Tej Vinay)

#क्यूं सोचता है कि लोग क्या कहेंगे #उम्मीद की उड़ान #साहस#बेकिक्रा #उसूल#आश्चर्य #अनुभव की कलम से

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"क्यूं सोचता है तू,की लोग क्या कहेंगे
कहने दे जिसे जो कहना है"।
"पंखों में भर के साहस ,
भर ले उम्मीद की उड़ान तू"।
"क्यूं जीता है डरकर और सिकुड़कर तू,
करके खुदकी पहचान साहस से तू जी"।
"निरंतर अभ्यास और प्रिय प्रयास से,
दे जा अपने सामर्थ्य का प्रमाण तू ;
क्यूं सोचता है कि लोग क्या कहेंगे"।
"क्यूं जीता है दुनिया के दोहरे मापदंडों और
उसूलों पर,अपनी जिंदगी अपने उसूलों पर तू जी"।
"उलझकर लोगो के कहे-अनकहे सवालों में
क्यूं रहता है परेशान;
होकर दुनियादारी से अनजान,
बेफिक्रा अपनी मस्ती में तू जी"।
"वजूद (अस्तित्व)खुद का कुछ ऐसा तू बना,
की देखकर तेरी अभिव्यक्ति विरोधक भी आश्चर्य 
से भर जाए"।
@Tej Vinay




     #क्यूं सोचता है कि लोग क्या कहेंगे
#उम्मीद की उड़ान
#साहस#बेकिक्रा
#उसूल#आश्चर्य
#अनुभव की कलम से

Aamir Qais AnZar

At any moment life will surprise you.. Life is so full of unpredictable beauty and strange surprises. Sometimes that beauty is too much to handle. When someone says something or writes something or plays something that moves you to the point of tears, maybe even changes you. Collab with Democrats & Dissenters and sprinkle your words of wisdom on this #dndwow prompt. ❤️ #6wordlovestory #जीवनकीसच्चाई #आश्चर्य #surprisesoflife #6wordlife #6wordlifestory #6wordpoem Collaborating with Democrats &

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जीवन में, आश्चर्य ही जीवन है।
Surprise in life, is life itself. At any moment life will surprise you.. Life is so full of unpredictable beauty and strange surprises. Sometimes that beauty is too much to handle. When someone says something or writes something or plays something that moves you to the point of tears, maybe even changes you.

Collab with Democrats & Dissenters and sprinkle your words of wisdom on this #DnDwow prompt. ❤️

#6wordlovestory #जीवनकीसच्चाई #आश्चर्य #surprisesoflife #6wordlife #6wordlifestory #6wordpoem 
Collaborating with Democrats &

Raushan

प्रकृति भी अपने हिसाब से चलती है
स्थितयों को वो अपने सहूलियत से चलाती है
कभी आपको खूब हंसने का मौका देती है
कभी सांस लेने की मोहलत तक नहीं देती
हम सोचते ही रह जाते हैं शायद अब या,
इसके बाद 
पर कभी एकसाथ तो कभी एक के बाद एक  
नए-नए आश्चर्य से कभी अचंभित तो कभी आतंकित कर जाती है
न शिकायत करने की मोहलत न ही रुसबाई का मौका।
        🍁
 #प्रकृति #आश्चर्य #yqdidi #yqhindi

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 3 – अकुतोभय हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार देह दैत्यों में भी कम को प्राप्त है। किंतु स्वभाव से उसका वर्णन करना हो तो एक ही शब्द पर्याप्त है उसके वर्णनके लिये - 'भोला!' वह दैत्य है, अत: दत्यों को जो जन्मजात सिद्धियां प्राप्त होती हैं, उसमें भी हैं। बहुत कम वह उनका उपयोग करता है। केवल तब जब उसे कहीं जाने की इच्छा हो - गगनचर बन जाता है वह। अपना रूप भी वह परिवर्तित कर सकता है, जैसे यह बात उसे स्मरण ही

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
3 – अकुतोभय

हिरण्यरोमा दैत्यपुत्र है, अत: कहना तो उसे दैत्य ही होगा। उसका पर्वताकार देह दैत्यों में भी कम को प्राप्त है। किंतु स्वभाव से उसका वर्णन करना हो तो एक ही शब्द पर्याप्त है उसके वर्णनके लिये - 'भोला!'

वह दैत्य है, अत: दत्यों को जो जन्मजात सिद्धियां प्राप्त होती हैं, उसमें भी हैं। बहुत कम वह उनका उपयोग करता है। केवल तब जब उसे कहीं जाने की इच्छा हो - गगनचर बन जाता है वह। अपना रूप भी वह परिवर्तित कर सकता है, जैसे यह बात उसे स्मरण ही

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 2 – ग्रह-शान्ति 'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
2 – ग्रह-शान्ति

'मनुष्य अपने कर्म का फल तो भोगेगा ही। हम केवल निमित्त हैं उसके कर्म-भोग के और उसमें हमारे लिये खिन्न होने की कोई बात नहीं है।' आकाश में नहीं, देवलोक में ग्रहों के अधिदेवता एकत्र हुए थे। आकाश में केवल आठ ग्रह एकत्र हो सकते हैं। राहु और केतु एक शरीर के ही दो भाग हैं और दोनों अमर हैं। वे एकत्र होकर पुन: एक न हो जायें, इसलिये सृष्टिकर्ता ने उन्हें समानान्तर स्थापित करके समान गति दे दी है। आधिदैवत जगत में भी ग्रह आठ ही एकत्र होते

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 1 - धर्मो धारयति प्रजाः आज की बात नहीं है। बात है उस समय की, जब पृथ्वी की केन्द्रच्युति हुई, अर्थात् आज से कई लाख वर्ष पूर्व की। केन्द्रच्युति से पूर्व उत्तर तथा दक्षिण के दोनों प्रदेशों में मनुष्य सुखपूर्वक रहते थे। आज के समान वहाँ हिम का साम्राज्य नहीं था, यह बात अब भौतिक विज्ञान के भू-तत्त्वज्ञ तथा प्राणिशास्त्र के ज्ञाताओं ने स्वीकार कर ली है। पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुवप्रदेश में बहुत बड़ा महाद्वीप था अन्तःकारिक। महाद्वीप तो वह आज भी है।

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
1 - धर्मो धारयति प्रजाः

आज की बात नहीं है। बात है उस समय की, जब पृथ्वी की केन्द्रच्युति हुई, अर्थात् आज से कई लाख वर्ष पूर्व की। केन्द्रच्युति से पूर्व उत्तर तथा दक्षिण के दोनों प्रदेशों में मनुष्य सुखपूर्वक रहते थे। आज के समान वहाँ हिम का साम्राज्य नहीं था, यह बात अब भौतिक विज्ञान के भू-तत्त्वज्ञ तथा प्राणिशास्त्र के ज्ञाताओं ने स्वीकार कर ली है।

पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुवप्रदेश में बहुत बड़ा महाद्वीप था अन्तःकारिक। महाद्वीप तो वह आज भी है।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 12 - भगवान ने क्षमा किया ऊँट चले जा रहे थे उस अन्धड़ के बीच में। ऊपर से सूर्य आग बरसा रहा था। नीचे की रेत में शायद चने भी भुन जायेंगे। अन्धड़ ने कहर बरसा रखी थी। एक-एक आदमी के सिर और कपड़ों पर सेरों रेत जम गयी थी। कहीं पानी का नाम भी नहीं था और न कहीं किसी खजूर का कोई ऊँचा सिर दिखायी पड़ रहा था। जमाल को यह सब कुछ नहीं सूझ रहा था। उसके भीतर इससे भी ज्यादा गर्मी थी। इससे कहीं भयानक अन्धड़ चल रहा था उसके हृदय में। वह उसी में झुलसा जा रहा था।

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
12 - भगवान ने क्षमा किया

ऊँट चले जा रहे थे उस अन्धड़ के बीच में। ऊपर से सूर्य आग बरसा रहा था। नीचे की रेत में शायद चने भी भुन जायेंगे। अन्धड़ ने कहर बरसा रखी थी। एक-एक आदमी के सिर और कपड़ों पर सेरों रेत जम गयी थी। कहीं पानी का नाम भी नहीं था और न कहीं किसी खजूर का कोई ऊँचा सिर दिखायी पड़ रहा था। जमाल को यह सब कुछ नहीं सूझ रहा था। उसके भीतर इससे भी ज्यादा गर्मी थी। इससे कहीं भयानक अन्धड़ चल रहा था उसके हृदय में। वह उसी में झुलसा जा रहा था।

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12 ।।श्री हरिः।। 11 - महत्संग की साधना 'मेरी साधना विफल हुई।' गुर्जर राजकुमार ने एक लम्बी श्वास ली। वे अपने विश्राम-कक्ष में एक चन्दन की चौकी पर धवल डाले विराजमान थे। ग्रन्थ-पाठ समाप्त हो गया था और जप भी पूर्ण कर लिया था उन्होंने। ध्यान की चेष्टा व्यर्थ रही और वे पूजा के स्थान से उठ आये। राजकुमार ने स्वर्णाभरण तो बहुत दिन हुए छोड़ रखे हैं। शयनगृह से हस्ति-दन्त के पलंग एवं कोमल आस्तरण भी दूर हो चुके हैं। उनकी भ्रमरकृष्ण घुंघराली अलकें सुगन्धित तेल का सिञ्च

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 12

।।श्री हरिः।।
11 - महत्संग की साधना

'मेरी साधना विफल हुई।' गुर्जर राजकुमार ने एक लम्बी श्वास ली। वे अपने विश्राम-कक्ष में एक चन्दन की चौकी पर धवल डाले विराजमान थे। ग्रन्थ-पाठ समाप्त हो गया था और जप भी पूर्ण कर लिया था उन्होंने। ध्यान की चेष्टा व्यर्थ रही और वे पूजा के स्थान से उठ आये।

राजकुमार ने स्वर्णाभरण तो बहुत दिन हुए छोड़ रखे हैं। शयनगृह से हस्ति-दन्त के पलंग एवं कोमल आस्तरण भी दूर हो चुके हैं। उनकी भ्रमरकृष्ण घुंघराली अलकें सुगन्धित तेल का सिञ्च

Madanmohan Thakur (मैत्रेय)

पुछिए!क्या पुछना है आपको! मै बस आपसे चंद सवाल करुंगी!जिसके जबाब पुरा देश सुनना चाहता है! ठीक है,आप जो भी सवाल करेंगी,मै समुचीत उत्तर देने का प्रयाश करुंगा!राजीव निर्णायक स्वर मे बोला!                                राजीव का इतना बोलना था कि कैमरे की फोकश उस पर हो गई!आपने कितनी पढाई की है राजीव बाबु! सुचिता का पहला प्रश्न था! बी काँम,मगध युनिवर्सिटी से! आगे भी पढाई जारी है? हां मै पी एच डी के लिए अप्लाई कर चुका हूं! पर सुनने मे आया है कि आपको शीट नही मिली!इस लिए पुरे सिस्टम को हीं सवालो के कटघङे

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पुछिए!क्या पुछना है आपको!
मै बस आपसे चंद सवाल करुंगी!जिसके जबाब पुरा देश सुनना चाहता है!
ठीक है,आप जो भी सवाल करेंगी,मै समुचीत उत्तर देने का प्रयाश करुंगा!राजीव निर्णायक स्वर मे बोला!
                               राजीव का इतना बोलना था कि कैमरे की फोकश उस पर हो गई!आपने कितनी पढाई की है राजीव बाबु! सुचिता का पहला प्रश्न था!
बी काँम,मगध युनिवर्सिटी से!
आगे भी पढाई जारी है?
हां मै पी एच डी के लिए अप्लाई कर चुका हूं!
पर सुनने मे आया है कि आपको शीट नही मिली!इस लिए पुरे सिस्टम को हीं सवालो के कटघङे
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