#क्या कयामत हुई शब-ए-फ़ुर्क़त मे,
वो क्या गई! जान आ गई मेरी आफत मे l
कोई जाए, जा के समझाये उसे रिश्ता-ए-उल्फ़त,
विरह की आग मे क्यूँ जला गए वो मेरी मोहब्बत l
आसान नहीं होता बिछड़ कर महबूब से जीना,
कर के याद हंसी लम्हों को, विरह की आग मे जलना l
मोहब्बत करने वालों को क्यूँ जीना परता है फ़ुर्क़त मे, #OpenPoetry
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खामोशी और दस्तक
8,9,8,8,8,7,8,7,8,6,8.......
#dilsere#writersnetwork#DU#hindvindiछुप के दस्तक दे गया जो दिल पे
दिल पे दस्खत कर गया वो भरी महफ़िल में ....
महफ़िल में गाए दिल बस उसी का तराना
तराना उसी का हर शक्स की जुबां पे ..........
जुबां पे सभी के बस उसकी ही नज्में
नज्में उसी की बनी जीने का बहाना
बहाना दिल ढूंढे हो दिदार कैसे फ़िर उसका #हिन्दी#yqhindi