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Mohammad Arif (WordsOfArif)
ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ दुशवारियों का सबब बहुत है मगर मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ हो सके तो याद हमें भी करना तुम अपने ख्वाबों में तुझे यार लिख रहा हूँ दुश्वारिया घेर लिया है मुझे इस कदर तुझे मैं अपना पुराना प्यार लिख रहा हूँ तू चाहे तो मिल सकता है मुझसे आरिफ़ क्योंकि मैं तुझे अपना हमसफ़र लिख रहा हू ©Mohammad Arif (WordsOfArif) ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ दुशवारियों का सबब बहुत है मगर मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ हो सके तो याद हमें भी करना तुम अपने ख्वाबों में तुझे यार लिख रहा हूँ
Mohammad Arif (WordsOfArif)
सच बात यही है हर बार मुस्कुराता हूँ कितना भी गम हो फिर भी अपने आप को समझाता हूँ है मुसीबत अभी तू थोड़ा सा सब्र तो कर एक दिन गम के बादल छठ जायेंगे इसीलिए हंसता हूँ ©Mohammad Arif (WordsOfArif) सच बात यही है हर बार मुस्कुराता हूँ कितना भी गम हो फिर भी अपने आप को समझाता हूँ है मुसीबत अभी तू थोड़ा सा सब्र तो कर एक दिन गम के बादल छठ जायेंगे इसीलिए हंसता हूँ #Shayar #writer #wordsofarif #follow #quote #Arif911
Mohammad Arif (WordsOfArif)
आप हमारे दयार में तसरीफ लाईएं मुहब्बत का जाम आंखों से पिलाईएं बहुत हो चुका है मसवरा हम दोनों में चलों अब एक दूसरे से हाथ मिलाईएं #WordsOfArif ©Mohammad Arif (WordsOfArif) आप हमारे दयार में तसरीफ लाईएं मुहब्बत का जाम आंखों से पिलाईएं बहुत हो चुका है मसवरा हम दोनों में चलों अब एक दूसरे से हाथ मिलाईएं #wordsofarif #Shayari #urdu #Hindi #Love #Nojoto
Mohammad Arif (WordsOfArif)
भटकना इस उमर में अच्छा नहीं लगता नया आशियाना अब अच्छा नहीं लगता ढूंढ लेते है मंजिलें सभी यहां पर मगर इस उमर में लम्बा सफ़र अच्छा नहीं लगता ©Mohammad Arif (WordsOfArif) भटकना इस उमर में अच्छा नहीं लगता नया आशियाना अब अच्छा नहीं लगता ढूंढ लेते है मंजिलें सभी यहां पर मगर इस उमर में लम्बा सफ़र अच्छा नहीं लगता #wordsofarif #Shayari #urdu #Hindi #writer #Arif
Mohammad Arif (WordsOfArif)
दौरें हुकूमत तुम्हारा है कुछ भी करो हमने तो दिलों में मुहब्बत जिंदा किया है तारीखें उठाकर देख लो तुम हमारी गरीबों पे आज भी मुहब्बत फ़िदा किया है ©Mohammad Arif (WordsOfArif) दौरें हुकूमत तुम्हारा है कुछ भी करो हमने तो दिलों में मुहब्बत जिंदा किया है तारीखें उठाकर देख लो तुम हमारी गरीबों पे आज भी मुहब्बत फ़िदा किया है #Shayari #urdu #Hindi #wordsofarif #writer #fourlinepoetry #Arif
Mohammad Arif (WordsOfArif)
HAPPY FRIENDSHIP DAY #WordsOfArif Happy Friendship Day #Happy #Friendship #day #Love #Quote #Arif
Mohammad Arif (WordsOfArif)
हंसने वाले मुझ पर हंसते बहुत है मतलबी रिश्ते वाले हमसे मिलते बहुत है अब उन्हें कौन बताए प्यार क्या है दिल से अपने लगाने वाले रोते बहुत है कुछ वक्त गुजरा अपना मुफलिसी में मैंने देखा तेरे दिल में मोहब्बतें बहुत है दुश्वारियों का पता नहीं चलता अब क्यूंकि मुझसे मिलने वाले चाहते बहुत है इक जमाना हुआ अपनों से बिछड़े हुए बेमतलब चाहने वाले हमें दिखते बहुत है सवालों जवाबों का दौर जारी रहा आरिफ अपनों का हिसाब किताब मिलाते बहुत है हंसने वाले मुझ पर हंसते बहुत है मतलबी रिश्ते वाले हमसे मिलते बहुत है अब उन्हें कौन बताए प्यार क्या है दिल से अपने लगाने वाले रोते बहुत है कुछ वक्त गुजरा अपना मुफलिसी में मैंने देखा तेरे दिल में मोहब्बतें बहुत है
Mohammad Arif (WordsOfArif)
हर सुबह एक नया मुसीबत नजर आता है जिन्दगी की राहों में खराब हालत नजर आता है मुश्किलें कम होने की नाम नहीं ले रही है हर रोज मुल्क में नया दास्तान नजर आता है बात बस यही है इंसान खुदा को भूल गया है गुरुर बहुत है बुरा हालतें मंजर नजर आता है अपनी गलती का एहसास होता नहीं है शायद हालत बद से बद्तर होता दिखता नजर आता है अच्छा काम नहीं कर सकते तो अच्छा बोलों मुल्क की हालत देखकर मुझे डर नजर आता है दास्तानों में भी नाम नहीं लिया जायेगा आरिफ ये कैसा फैलता रोग चारों ओर मगर नजर आता है हर सुबह एक नया मुसीबत नजर आता है जिन्दगी की राहों में खराब हालत नजर आता है मुश्किलें कम होने की नाम नहीं ले रही है हर रोज मुल्क में नया दास्तान नजर आता है बात बस यही है इंसान खुदा को भूल गया है गुरुर बहुत है बुरा हालतें मंजर नजर आता है
Mohammad Arif (WordsOfArif)
नफरतों का बीज कब तक बोओगे प्यार की होली तुम सब कब खेलोगे इतना सब कुछ हो रहा है फिर भी मुहब्बत की बात तुम हमसे कब करोगे देखना तुम्हें भी एक दिन शर्म आयेगी नफरतों के बीच हम कब तक जिओगे दुश्वारियां इतनी है की भूख से मर रहे है गरीबों को खाना कब तुम सब खिलाओगे अपनी गलती मान क्यूं नहीं लेते तुम बेवजह हंसना एक दिन सब पछताओगे गरीबों की आह लगेगी तुम्हें एक दिन आरिफ भूलकर भी तुम भुला न पाओगे नफरतों का बीज कब तक बोओगे प्यार की होली तुम सब कब खेलोगे इतना सब कुछ हो रहा है फिर भी मुहब्बत की बात तुम हमसे कब करोगे देखना तुम्हें भी एक दिन शर्म आयेगी नफरतों के बीच हम कब तक जिओगे
Mohammad Arif (WordsOfArif)
आज फिर उन से मेरा आमना सामना हुआ नज़रे मिली आँखों ही आँखों में बात हुआ मगर लफ्जों से कोई गुफ्तगू तक नहीं हुआ आज फिर उन से मेरा आमना सामना हुआ नज़रे मिली आँखों ही आँखों में बात हुआ मगर लफ्जों से कोई गुफ्तगू तक नहीं हुआ #shayari #urdu #hindi #nojoto #quotes #love #wordsofarif #Arif