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कवि राहुल पाल 🔵
तेरी फ़िक्र है तेरी फ़िक्र में ,खुद को अश्क़ में सराबोर कर बैठे है , तू न सही तेरी यादों को दिल मे महफ़ूज कर बैठे है , जिन्हें रंजिश थी , हमारी सीरत की सूरत से कभी ... आज उनकी सूरत को आंखों की तस्वीर बनाये बैठे है !! जिसकी खुशियों के ख़ातिर हम अपनो को रुलाये बैठे है, वो आज आज हमे ही ख़ुद के अक्स से मिटाये बैठे है , रूह का सौदा किया था जिनकी वफ़ाओं के बदले कभी, मिलेंगे किसी मोड़ पर इस आश में पलके बिछाएं बैठे है !! (( "राहुल "))) #फ़िक्र #nojotohindi #nojotoapp #nojotonews #nojoto #rahul तेरी फ़िक्र में ,खुद को #अश्क़ में #सराबोर कर बैठे है , तू न सही तेरी #यादों को दिल मे #महफ़ूज कर बैठे है , जिन्हें #रंजिश थी , हमारी #सीरत की #सूरत से कभी ... आज उनकी सूरत को आंखों की #तस्वीर बनाये बैठे है !! जिसकी #खुशियों के #ख़ातिर हम अपनो को #रुलाये बैठे है, वो आज आज हमे ही ख़ुद के #अक्स से #मिटाये बैठे है , रूह का #सौदा किया था जिनकी #वफ़ाओं के बदले कभी,
कवि राहुल पाल 🔵
चरणों की धूल धूल तेरे चरणों की माँ , मेरी खुशियों की है लकीर बनी , जिसने माँ को शीश नवायें उसकी बिगड़ी तक़दीर बनी ! हर रिश्तों में यहाँ मोल लगा पर माँ जैसा अनमोल नही है , माँ की ममता का इस जग में आज भी कोई तोल नही है ! पार हुए है भवसागर से वो जिसने माँ को सिर्फ पूजा है , दान ,धर्म ,पुण्य ,तीर्थ भी माँ से बढ़कर कोई न दूजा है ! सुर ,असुर, मुनि ,मानव सबने माँ को ही सर्वोच्च माना है , तेरे वात्सल्य प्रेम की कमी को यतीम बच्चो ने जाना है ! जिन चरणों की सेवा में निरन्तर सुख की धारा बहती है , वह घर भी उपवन लगता है , जिस घर मे माँ रहती है ! माँ की महिमा गाते आये है , युगों युगों से ये वेद पुराण , धन्य धरा हुई है जननी ,मैं करता हूँ तुम्हे कोटि कोटि प्रणाम ! ((( "राहुल " ))) #Pooja #nojotohindi #nojotoapp #nojoto #nojotonews #rahul धूल तेरे चरणों की माँ , मेरी खुशियों की है लकीर बनी , जिसने माँ को शीश नवायें उसकी बिगड़ी तक़दीर बनी ! हर रिश्तों में यहाँ मोल लगा पर माँ जैसा अनमोल नही है , माँ की ममता का इस जग में आज भी कोई तोल नही है ! पार हुए है भवसागर से वो जिसने माँ को सिर्फ पूजा है , दान ,धर्म ,पुण्य ,तीर्थ भी माँ से बढ़कर कोई न दूजा है !
कवि राहुल पाल 🔵
मैं रोता हूँ ...जब बिकते देखता हूँ ... पिता के स्वाभिमान को माँ के अभिमान को स्त्रियों के सम्मान को मैं रोता हूँ ..जब व्यापक देखता हूँ .. क़लमकार दहशतगर्द कामो को कवि राहुल पाल आतंकी नामो को भ्रष्टाचार के नारों को मैं रोता हूँ.. जब प्रसार देखता हूँ .. दोस्ती के खंजर को बिगड़ते मंजर को लूटते जऱ को मैं रोता हूँ ..जब लिप्त देखता हूं व्यसन मे ग्रसित गलियों को मुरझाती कलियों को घूमते हत्यारों को राहुल मैं रोता हूँ ..जब लाचार देखता हूँ फाँसी पर लटकते किसान को शहीद होते जवान को तिरंगे के अपमान को #cry #nojotoapp #nojotonews #nojotohindi #nojoto मैं रोता हूँ ...जब बिकते देखता हूँ ... पिता के स्वाभिमान को माँ के अभिमान को स्त्रियों के सम्मान को मैं रोता हूँ ..जब व्यापक देखता हूँ .. दहशतगर्द कामो को आतंकी नामो को
कवि राहुल पाल 🔵
आंधी चली है विरति की ,सुख न रहेंगे संग ! डोर तोड़ अनजान पथ ,उड़कर चली पतंग !! स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई नात ! जैसे पंछी आद्र विटप से ,पतझड़ में उड़ जात !! चलनी चलत समाज की , दौलत ,रूप निथार ! धर्म निकले जात है ,अधर्म को मिला अधिकार !! राजनीति के जातं में पिसता ,जवान औ किसान ! धर्म ,जाति,वर्ण और वर्ग में उलझा आज इंसान !! मन्दिर ,मस्जिद की मंजिले ,कितनी आलीशान ! मुझे मिला घर नही ,प्रभु तुझे इतना बड़ा मकान !! #सामाजिक_समालोचना #आंधी चली है #विरति की ,सुख न रहेंगे #संग ! #डोर तोड़ #अनजान पथ ,उड़कर चली #पतंग !! #स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई #नात ! जैसे #पंछी आद्र #विटप से ,#पतझड़ में उड़ जात !!
कवि राहुल पाल 🔵
आंधी चली है विरति की ,सुख न रहेंगे संग ! डोर तोड़ अनजान पथ ,उड़कर चली पतंग !! स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई नात ! जैसे पंछी आद्र विटप से ,पतझड़ में उड़ जात !! चलनी चलत समाज की , दौलत ,रूप निथार ! धर्म निकले जात है ,अधर्म को मिला अधिकार !! राजनीति के जातं में पिसता ,जवान औ किसान ! धर्म ,जाति,वर्ण और वर्ग में उलझा आज इंसान !! मन्दिर ,मस्जिद की मंजिले ,कितनी आलीशान ! मुझे मिला घर नही ,प्रभु तुझे इतना बड़ा मकान !! #सामाजिक_समालोचना #आंधी चली है #विरति की ,सुख न रहेंगे #संग ! #डोर तोड़ #अनजान पथ ,उड़कर चली #पतंग !! #स्वार्थ के ही सब सगे ,बिन स्वार्थ न कोई #नात ! जैसे #पंछी आद्र #विटप से ,#पतझड़ में उड़ जात !!
कवि राहुल पाल 🔵
तन्हाई सितारों की चाहत अब किसे है जहाँ में , सब चाँद के इश्क़ में मशरूफ चाहते है ! हम वो है जो अपनो में ख़ुद को तन्हा पाते है, इसलिए हमें चाँद नही अब सितारे भाते है !! न कोई शिकवा न गिला न शिकायत है उनसे, भले ही वो ले गए उस तन्हाई की डगर पर ! अहसान हो गया है मुझपर इन गमो का साहिब शुक्र है ये अपना बनाकर अब मुझे नही सताते !! ((("राहुल "))) #तन्हाई #सितारों की #चाहत अब किसे है #जहाँ में , सब #चाँद के #इश्क़ में #मशरूफ चाहते है ! हम वो है जो अपनो में ख़ुद को #तन्हा पाते है, इसलिए हमें चाँद नही अब सितारे #भाते है !! न कोई #शिकवा न #गिला न #शिकायत है उनसे, भले ही वो ले गए उस #तन्हाई की #डगर पर ! #अहसान हो गया है मुझपर इन #गमो का साहिब
कवि राहुल पाल 🔵
मेरे आँसू भी मेरी वफ़ाओं के वफ़ादार निकले, देखा हमे जब महफ़िल तन्हा,बेहिसाब निकले उन्हें न थी कभी इस दिल से दिल्लगी शायद, एक हम हर मयखाने में उनके तलबगार निकले!! ((("राहुल"))) मेरे #आँसू भी मेरी #वफ़ाओं के #वफ़ादार निकले , देखा हमे जब #महफ़िल #तन्हा , #बेहिसाब निकले उन्हें न थी कभी इस #दिल से #दिल्लगी शायद , एक हम हर #मयखाने में उनके #तलबगार निकले !! ((( "राहुल "))) #nojotohindi #nojoto #nojotonews #rahul #kavi_rahul_pal #don't_copy_my_work
कवि राहुल पाल 🔵
चमन लिख रहा हूँ ,नमन लिख रहा हूँ , शहीदो के लिए रोता सदन लिख रहा हूँ ! तुम्हारी शहादत से आज जिंदा है हम सब तुम्हारे हवाले ये गुल वतन लिख रहा हूँ !! चमन लिख रहा हूँ ,नमन लिख रहा हूँ ..... खूबसूरत मंजर को ,मोहब्बत के खंजर को मुस्कुराती कलियों को,चहकती गलियों को आतंक के दहन को ,परिवार के सहन को इनके आला सौंदर्य का कथन लिख रहा हूँ !! चमन लिख रहा हूँ ,नमन लिख रहा हूँ .... महकती हवाओ को, झूमती लताओं को , नदियों और झरनों को ,हिमालय के चरणों को , बहकती फिजाओ को ,चारो दिशाओं को इनके चैतन्य का मैं मनन लिख रहा हूँ !! चमन लिख रहा हूँ , नमन लिख रहा हूँ.. खुशियों में बचपन को ,बुढ़ापे में पचपन को जवानी में जोश को , प्रौढ़ में होश को कुर्ती और कमीज को ,सावन के तीज को आंखों के काजल को ,पाँव के पायल को इनका जीवन मे समाये गहन लिख रहा हूँ चमन लिख रहा हूँ,नमन लिख रहा हूँ ..... किसानों के खेत को ,नदियों में रेत को समरूपता की राहों को,धर्म निरपेक्ष चाहो को अर्पण की खोज को ,निष्कपट बोझ को दया के भाव को ,भवसागर की नाव को मानव मूल्यों का "राहुल" समन लिख रहा हूं !! चमन लिख रहा हूँ ,नमन लिख रहा हूँ ... #नमन_लिख_रहा_हूँ.. चमन लिख रहा हूँ ,नमन लिख रहा हूँ , शहीदो के लिए रोता सदन लिख रहा हूँ ! तुम्हारी शहादत से आज जिंदा है हम सब तुम्हारे हवाले ये गुल वतन लिख रहा हूँ !! चमन लिख रहा हूँ ,नमन लिख रहा हूँ ..... खूबसूरत मंजर को ,मोहब्बत के खंजर को
कवि राहुल पाल 🔵
संगमरमर के जैसी तेरी काया है, तेरा दिल है मगर पत्थरों की तरह! चोट तेरी वफाओं का जो हल्के लगे , फिर टूट जाऊंगा मैं आईने की तरह !! तेरा दिल है मगर ... तेरी बातें शहद जैसी मुझको मीठी लगे तेरा मन है मगर काले घन की तरह.. विष पिलाओ जो होठों से वो सोम लगे आज झूमता चल रहा मैं मतंग की तरह !! ((("राहुल"))) #तेरा_दिल_है_मगर_पत्थरों_की_तरह (शब्दार्थ - घन =बादल ,सोम=अमृत,मतंग=हाथी ) संगमरमर के जैसी तेरी काया है, तेरा दिल है मगर पत्थरों की तरह! चोट तेरी वफाओं का जो हल्के लगे , फिर टूट जाऊंगा मैं आईने की तरह !! तेरा दिल है मगर ... तेरी बातें शहद जैसी मुझको मीठी लगे
कवि राहुल पाल 🔵
इज़हार इज़हार-ए-वतन ★★★★★★★★★★★★★★★★★ चलो आज इश्क़ अपना मैं इज़हार करता हूँ , हां मैं भी बर्षो से इसपे ऐतबार करता हूँ ! ये वतन मेरी मिट्टी ,मेरा धर्म, मेरा ईमान है , मोहब्ब्त एक है मेरी वतन से प्यार करता हूँ !..1 जिनसे सरहदे ,देश की माँ -बहने सुरक्षित है आज , उन वीर जवानों को साष्टांग दण्डवत प्रणाम करता हूँ ! मैं भी लिपट जाऊ हिमालय की गोद मे तिरंगे के संग , शहादत वतन के लिए हो यही दुआ हर बार करता हूँ !! ((( "राहुल"))) #इज़हार #इज़हार_ए_वतन #मोहब्बत_वतन_के_लिए #nojotohindi #nojoto #rahul #kavi_rahul_pal #dont_copy_my_work #copyright_issue Radhey Ray Priya Rana Pulkit Bairagi Ayushi bansal SnehaD Gupta ( writer)