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KISHAN KORRAM
दिल के दहलीज़ पर जब से तन्हाई ने दस्तक दी है दुनिया का शोर अब कहाँ मुझे आवाज़ आता हैं ©® #Kishan_Korram
KISHAN KORRAM
कलाई पर जब पहला धागा बाँधा जाता है वो धागा बहन के प्रेम की निशानी होता है बहन यश, किर्ती,स्वास्थ्य की प्रार्थना करती है भाई, बहन की रक्षा का आजीवन प्रण लेता है हर बरस उस धागे की किमत बढ़ती जाती है जैसे उम्र की धारा वक्त के साथ बढ़ती जाती है रक्षाबंधन की डोरी की यह एक पहचान होती है दूर भले हो भाई-बहन खुशियों की सौगात लाती है ©® #Kishan_Korram 03 August, 2020 #Happy Rakshabandhan कलाई पर जब पहला धागा बाँधा जाता है वो धागा बहन के प्रेम की निशानी होता है बहन यश, किर्ती,स्वास्थ्य की प्रार्थना करती है भाई, बहन की रक्षा का आजीवन प्रण लेता है हर बरस उस धागे की किमत बढ़ती जाती है जैसे उम्र की धारा वक्त के साथ बढ़ती जाती है
KISHAN KORRAM
"डर लगता हैं इन रातों से और रातों के इन स्वप्नों से जो ढलती रात के साथ दिनभर का चैन-ओ-सुकून छिन लेती हैं" ©® #Kishan_Korram #Night "डर लगता हैं इन रातों से और रातों के इन स्वप्नों से जो ढलती रात के साथ दिनभर का चैन-ओ-सुकून छिन लेती हैं" ©® #Kishan_Korram
KISHAN KORRAM
"तुम्हारें मिज़ाज में नाराज़गी ठीक नहीं बैठती ये मेरे चहरे पर भी उदासी की सिलवटे ले आती हैं" ©® #Kishan_Korram #footsteps "तुम्हारें मिज़ाज में नाराज़गी ठीक नहीं बैठती ये मेरे चहरे पर भी उदासी की सिलवटे ले आती हैं" © #Kishan_Korram
KISHAN KORRAM
ज़िंदगी को ज़िंदगी करने ख़ुद को नदी के एक छोर से दूसरे छोर पर रखता ये तकदीर तू फिर क्यों मुझे पीछे ढ़केलने में लगी रहती हैं ©® #Kishan_Korram ज़िंदगी को ज़िंदगी करने ख़ुद को नदी के एक छोर से दूसरे छोर पर रखता ये तकदीर तू फिर क्यों मुझे पीछे ढ़केलने में लगी रहती हैं ©® #Kishan_Korram
KISHAN KORRAM
"दुनिया की भागदौड़ में तंदुरूस्ती साथ रखा करो मर्ज़ के छूने से पहले अपना ख़्याल तुम रखा करो" ©® #Kishan_Korram #world_health_day "दुनिया की भागदौड़ में तंदुरूस्ती साथ रखा करो मर्ज़ के छूने से पहले अपना ख़्याल तुम रखा करो" ©® #Kishan_Korram
KISHAN KORRAM
★🕯️आज एक दीप जला मानव 🕯️★ हैं विनाश पथ पर विपत्तियों के काले बादल चारों ओर अब घनघोर अँधेरा हैं जकड़ न ले तुझको ये पकड़ अपने हौंसलों को एक प्रयास तू कर मानव आज एक दीप जला मानव !! सड़के, चौहराहे, घर की डहरी सूनी पड़ी हैं हारी हर ज़िंदगी हैं इस पराजय को विजय करने अंतर्मन से विचार कर एक प्रयास तू कर मानव आज एक दीप जला मानव !! युध्द क्षेत्र में अदृश्य शत्रु को ध्वस्त करने हेतु धर्म-जाति को ख़त्म कर भारतगान वंदन कर एक प्रयास तू कर मानव आज एक दीप जला मानव !! ✍️©® #Kishan_Korram ★🕯️आज एक दीप जला मानव 🕯️★ हैं विनाश पथ पर विपत्तियों के काले बादल चारों ओर अब घनघोर अँधेरा हैं जकड़ न ले तुझको ये पकड़ अपने हौंसलों को एक प्रयास तू कर मानव
KISHAN KORRAM
★ मेरी दीदी ★ दो स्त्रीयाँ हैं मेरे जीवन में जो श्रेष्ठ मुझे बनाती हैं एक माँ हैं और एक बड़ी दीदी जो जीना मुझे सिखाती हैं बच्चपन तो माँ के साथ ही बिता शिक्षण दीदी की छत्रछाया में हैं छोटा हूँ मैं सबसे लाड़ला मैं दीदी का हूँ गलतियों पर वह डाँटती नहीं बस समझाती हैं सुबह-सुबह जब नींद से आँखें ना खुले तो समय वह 7 को 8 बजे बताती हैं कॉलेज की बस ना छुटे मेरी इसलिए झटपट छुटिकियों में सारे काम निपटाती हैं टिफिन बना कर तैयार रखती छूट ना जाये कुछ सामान याद से मुझे याद दिलाती हैं अकारण देर हो जाए लौट आने में तो बेचैन हो वह फोन मुझे लगाती हैं पैसों की कभी कमी महसूस नहीं की मैंने दीदी पहले ही बिन कहे पैसे बटुयें में रख देती हैं थोड़ी भी तबियत बिगड़े मेरी तो वह खान-पान सारी सेवायें करती हैं मेरे जीवन का प्यारा तोहफा हैं मेरी प्यारी ममता दीदी जो माँ सी ममता भरभर मुझ पर लुटाती हैं हाँ! वह दीदी हैं मेरी,हाँ! वह दीदी हैं मेरी जो माँ सी ममता भरभर मुझ पर लुटाती हैं ✍️©® #Kishan_Korram ★ मेरी दीदी ★ दो स्त्रीयाँ हैं मेरे जीवन में जो श्रेष्ठ मुझे बनाती हैं एक माँ हैं और एक बड़ी दीदी जो जीना मुझे सिखाती हैं बच्चपन तो माँ के साथ ही बिता शिक्षण दीदी की छत्रछाया में हैं
KISHAN KORRAM
"तुम पढ़ भी लो कभी करीब से मैं खुली किताब हूँ हो बंदगी तुम्हारी तो मैं प्यास का एहसास हूँ" ✍️©® #Kishan_Korram "तुम पढ़ भी लो कभी करीब से मैं खुली किताब हूँ हो बंदगी तुम्हारी तो मैं प्यास का एहसास हूँ" ✍️©® #Kishan_Korram