Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best पैराशूट Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best पैराशूट Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about

  • 2 Followers
  • 31 Stories
    PopularLatestVideo
dc7b87dd815e43cd6d2ac26d15a2fe12

VED PRAKASH 73

#पैराशूट
d34548cd10a078be90fa0d1c252dd185

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 8 - सुहृदं सर्वभूतानाम् 'सावधान!' हवाईजहाज के लाउडस्पीकर से आदेश का स्वर आया। यह अंतिम सूचना थी। वह पहले से ही द्वार के सम्मुख खड़ा था और द्वार खोला जा चुका था। उसकी पीठ पर हवाई छतरी बँधी थी। रात्रि के प्रगाढ़ अंधकार में नीचे कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। केवल आकाश में दो-चार तारे कभी-कभी चमक जाते थे। मेघ हल्के थे। वर्षा की कोई सम्भावना नहीं थी। बादलों के होने से जो अंधकार बढा था, उसने आश्वासन ही दिया कि शत्रु छतरी से कूदने वाले को देख नह

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 9 || श्री हरि: || 8 - सुहृदं सर्वभूतानाम् 'सावधान!' हवाईजहाज के लाउडस्पीकर से आदेश का स्वर आया। यह अंतिम सूचना थी। वह पहले से ही द्वार के सम्मुख खड़ा था और द्वार खोला जा चुका था। उसकी पीठ पर हवाई छतरी बँधी थी। रात्रि के प्रगाढ़ अंधकार में नीचे कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। केवल आकाश में दो-चार तारे कभी-कभी चमक जाते थे। मेघ हल्के थे। वर्षा की कोई सम्भावना नहीं थी। बादलों के होने से जो अंधकार बढा था, उसने आश्वासन ही दिया कि शत्रु छतरी से कूदने वाले को देख नह

undefined Views

d34548cd10a078be90fa0d1c252dd185

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 8 - सुहृदं सर्वभूतानाम् 'सावधान!' हवाईजहाज के लाउडस्पीकर से आदेश का स्वर आया। यह अंतिम सूचना थी। वह पहले से ही द्वार के सम्मुख खड़ा था और द्वार खोला जा चुका था। उसकी पीठ पर हवाई छतरी बँधी थी। रात्रि के प्रगाढ़ अंधकार में नीचे कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। केवल आकाश में दो-चार तारे कभी-कभी चमक जाते थे। मेघ हल्के थे। वर्षा की कोई सम्भावना नहीं थी। बादलों के होने से जो अंधकार बढा था, उसने आश्वासन ही दिया कि शत्रु छतरी से कूदने वाले को देख नहीं सकेगा। हवाई जहाज बहुत ऊपर चक्कर लगा रह #Books

|| श्री हरि: || 8 - सुहृदं सर्वभूतानाम् 'सावधान!' हवाईजहाज के लाउडस्पीकर से आदेश का स्वर आया। यह अंतिम सूचना थी। वह पहले से ही द्वार के सम्मुख खड़ा था और द्वार खोला जा चुका था। उसकी पीठ पर हवाई छतरी बँधी थी। रात्रि के प्रगाढ़ अंधकार में नीचे कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा था। केवल आकाश में दो-चार तारे कभी-कभी चमक जाते थे। मेघ हल्के थे। वर्षा की कोई सम्भावना नहीं थी। बादलों के होने से जो अंधकार बढा था, उसने आश्वासन ही दिया कि शत्रु छतरी से कूदने वाले को देख नहीं सकेगा। हवाई जहाज बहुत ऊपर चक्कर लगा रह #Books

undefined Views


About Nojoto   |   Team Nojoto   |   Contact Us
Creator Monetization   |   Creator Academy   |  Get Famous & Awards   |   Leaderboard
Terms & Conditions  |  Privacy Policy   |  Purchase & Payment Policy   |  Guidelines   |  DMCA Policy   |  Directory   |  Bug Bounty Program
© NJT Network Private Limited

Follow us on social media:

For Best Experience, Download Nojoto

Home
Explore
Events
Notification
Profile