ये सर्द मौसम.. ये गीली बारिशें..
तेरा ताबिश भीगा बदन ..
और ये माहौली जवानी ...
हाए, मैं शर्म से पानी पानी...!!
वो कतरा गिरा जब गेसू से चश़्म तक ..
साँसें भीगे मेरी जले लब-ए-शफ़क..
तौबा ये सीने की जलन ...
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असाध्य रोगी
#Friendship#Yaari#Yaad#memory#Childhood
चलो ना यादों के पन्नों से वो दिन बटोर लाए,
दिल के हर ज़ख़्म को खेल के मैदान ए मिट्टी से भर आए।
तुमने तो कहा था हम दोस्त है हमेशा,
तो क्यों नाराज़ होता है तू जरा सा,
आज फिर वो कट्टी मिल्ली का खेल खेल आए।
चलो ना यादों के पन्नों से वो दिन बटोर लाए, #कविता