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"कुछ चीज़ें माँगने से , उनकी कीमत खत्म हो जाती है।
माँगा हुआ सम्मान, डर से मिल सकता है पर दिल से नही,
अगर दिल से होता, तो कभी माँगना ही नही पड़ता।
माँगा हुआ प्यार, वो रूहानियत ला ही नही सकता,
अगर प्यार नही है, तो नही है,
जबरदसती वाला प्यार, तो एक मजबूरी है।
कभी ना माँगे, आदर या प्यार,
अच्छा नही ये, जबरदसती का बुखार।
जो प्यार और आदर दिल से होता है,
वह इंसान कभी भी ना खोता है।"