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kathputli qoute in hindi, kathputli jaisi zindgi, insaan ya kathputli#कठपुतली Wallpaper.
95 Stories
"" "जिंदगी के रंगमंच में एक घटना घट गई वक्त के धागों में फिर नई कठपुतली सज गई।"
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"जिंदगी के रंगमंच में एक घटना घट गई वक्त के धागों में फिर नई कठपुतली सज गई।"
#Nojoto#कठपुतली#Waqt#Love#Nojotohindi#Nojotowodhindiquotes#Nojotoquotes
"" "वो बुलंदियां किस काम की हैं जनाब की इंसान ऊँचाई पर चढ़ जाए और इंसानियत नीचे उतर जाए।"
"वो बुलंदियां किस काम की हैं जनाब की इंसान ऊँचाई पर चढ़ जाए और इंसानियत नीचे उतर जाए।"
#S.R motivation quotes
"" "कठपुतली नाचती अनवरत न थकान,न धाव,न निशान,न पहचान बस यूँ ही नाचना जीवन भर कर्म ,धर्म, चुनौती, नियति की कसौटी पर। खुशियों के नकाब पहने बेबसी के लिबाज ओढे़ उतरना प्रतिदिन अपने मंच पर अनवरत निरंतर सतत् । बागडोर किसी के हाथ में , कहानी किसी के हाथ में, और तालियाँ किसी के हाथ में। पारुल शर्मा #NojotoQuote"
"कठपुतली नाचती अनवरत न थकान,न धाव,न निशान,न पहचान बस यूँ ही नाचना जीवन भर कर्म ,धर्म, चुनौती, नियति की कसौटी पर। खुशियों के नकाब पहने बेबसी के लिबाज ओढे़ उतरना प्रतिदिन अपने मंच पर अनवरत निरंतर सतत् । बागडोर किसी के हाथ में , कहानी किसी के हाथ में, और तालियाँ किसी के हाथ में। पारुल शर्मा #NojotoQuote"
कठपुतली नाचती अनवरतन थकान,न धाव,न निशान,न पहचान बस यूँ ही नाचना जीवन भरकर्म ,धर्म, चुनौती, नियति की कसौटी पर।खुशियों के नकाब पहने बेबसी के लिबाज ओढे़उतरना प्रतिदिन अपने मंच परअनवरत निरंतर सतत् ।
"" "अपने परिवार और गाँव से दूर शहर मैं व्यथित मज़दूर भव्य इमारतों को बनाने वाला एक तम्बू मैं सोता है हर दिन की कमाई से ही तो भरण-पोषण होता है पर आज ये कैसा मंजर है पुरुषार्थ मैं कोई कमी नहीं है ना छींण हुआ कोई बल है बस कुदरत से लाचार सा होकर पल -पल मरता हर पल है कुछ चुनावी माहौल मैं अपनापन जताते हैं पर विपदा मैं कहीं छुप से जाते हैं किसी की विवसता का आकलन क्या करें कोई सब अपनी स्वार्थ की नीति चलाते हैं (सचिन चमोला )"
"अपने परिवार और गाँव से दूर शहर मैं व्यथित मज़दूर भव्य इमारतों को बनाने वाला एक तम्बू मैं सोता है हर दिन की कमाई से ही तो भरण-पोषण होता है पर आज ये कैसा मंजर है पुरुषार्थ मैं कोई कमी नहीं है ना छींण हुआ कोई बल है बस कुदरत से लाचार सा होकर पल -पल मरता हर पल है कुछ चुनावी माहौल मैं अपनापन जताते हैं पर विपदा मैं कहीं छुप से जाते हैं किसी की विवसता का आकलन क्या करें कोई सब अपनी स्वार्थ की नीति चलाते हैं (सचिन चमोला )"
#कठपुतली
"" "ना रख किसी से इतनी उम्मीद कि तेरी उम्मीद ही तेरे दर्द का कारण बन जाए अपने जख्मों पर तू खुद ही मरहम लगा उम्मीद ना कर कि कोई और लगाएगा दुनिया है प्यारे मुट्ठी में नमक लिए घूमते हैं लोग तेरे जख्मों पर कोई नमक छिड़क जाएगा संभल कर चलना सीख ले फासले भी जरूरी है अपने और लोगों के बीच जो ज्यादा करीब आएगा वही तेरी पीठ में छुरा घोंप जाएगा"
"ना रख किसी से इतनी उम्मीद कि तेरी उम्मीद ही तेरे दर्द का कारण बन जाए अपने जख्मों पर तू खुद ही मरहम लगा उम्मीद ना कर कि कोई और लगाएगा दुनिया है प्यारे मुट्ठी में नमक लिए घूमते हैं लोग तेरे जख्मों पर कोई नमक छिड़क जाएगा संभल कर चलना सीख ले फासले भी जरूरी है अपने और लोगों के बीच जो ज्यादा करीब आएगा वही तेरी पीठ में छुरा घोंप जाएगा"
ना रख किसी से उम्मीद दुनिया है प्यारे....#bobby_sadeyes #merayalfaz #2words #Memories #pod #igpoetry
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