आज कितनी व्याकुल, कितनी अकेली हूं मां । कोई नहीं है संग मेरे , घर में अकेले रहूं मां। ममता को मैं जानू न, साहस मेरा खोया है मां। धैर्य कहां से लाऊं , तुम बिन घर सूना है मां। क्या अच्छा है क्या बुरा है कोई बतलाए न मां। जुबां से कुछ कहूं , पर किससे कहूं मां। हाल ये दिल का गम -ए- किस्सा किससे कहूं मां। सोच रही हूं , क्या गलती हुई जो तुम छोड़ गई मां। - seema yadav 🏆 " ""कोलेब प्रतियोगिता संख्या _ 2 विषय __ "माँ " 6 से 8 पंक्तियों में रचना लिखें यह सप्ताहिक प्रतियोगिता है। 🏆 प्रतियोगिता में भाग लेने के नियम एवं शर्तें __