कौन डूबेगा किसे पार उतरना है 'ज़फ़र' फ़ैसला वक़्त के दरिया में उतर कर होगा ~ अहमद ज़फ़र मिलने की तरह मुझ से वो पल भर नहीं मिलता दिल उस से मिला जिस से मुक़द्दर नहीं मिलता ~नसीर तुराबी है आज रुख़ हवा का मुआफ़िक़ तो चल निकल कल की किसे ख़बर है किधर की हवा चले ~ इस्माइल मेरठी ©Raushni Tripathi है आज रुख़ हवा का मुआफ़िक़ तो चल निकल कल की किसे ख़बर है किधर की हवा चले ~ इस्माइल मेरठी