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Vivek
समाज के चेहरे को जिसने नित दिन निखारी है । नर के बराबर कदमताल करती वो आज की नारी है । ©Vivek #नारी_सम्मान
~आचार्य परम्~
औरतों को अदाओं से ज्यादा मर्यादाओं में रहना चाहिए अन्यथा बाजारू और घरेलू औरतों में भेद करना कठिन हो जायेगा ©~आचार्य परम्~ #नारीशक्ति #नारी_सम्मान Archana Dagaonkar Poonam Awasthi KAM Aashima khan Geeta Modi
Dil Shayar badnaam
पानी सा अस्तित्व है नारी, जिस सांचे में डालो वैसी ही हो जाती है, ठंडी शीतल हवा के जैसी, हर रिश्ते को प्यार से सहलाती है, मां,बहन,प्रेयसी बनकर घर को महकाती है, समय आए तो चंडी,काली बन जाए, फिर भी समाज के ठेकेदारों से डर जाती है। ©Tanu #Women #Nari #नारीशक्ति #नारी_सम्मान #नारी_शक्ति_हमारी_शक्ति #नारीवाद
Sonal Panwar
अतुलनीय स्नेह से परिपूर्ण है नारी , सादगी,त्याग और सहनशीलता की मूरत है नारी ! धारा-सी रिश्तों को एकसाथ बांधे हुए बहती है नारी , रब के समान नवजीवन की जननी है वो नारी ! णमोकार और गायत्री मन्त्रों-सी पावनता लिए कभी तो नाश करती है दुष्टों का वो माँ दुर्गा बनकर कभी ! रिश्तों को एक माला में पिरोए रखती है नारी , या फिर ये कहें कि हर नारी में छिपी है एक असाधारण नारी ! ©Sonal Panwar असाधारण नारी 💯💫 #Nari #नारी #नारीशक्ति #narishakti #नारी_सम्मान #Women #womenempowerment #hindi_poetry #Poetry #Nojoto
Sonal Panwar
अतुलनीय स्नेह से परिपूर्ण है नारी , सादगी,त्याग और सहनशीलता की मूरत है नारी । धारा-सी रिश्तों को एक साथ बांधे हुए बहती है नारी , रब के समान नवजीवन की जननी है वो नारी । णमोकार और गायत्री मन्त्रों-सी पावनता लिए कभी तो नाश करती है दुष्टों का वो माँ दुर्गा बनकर कभी । रिश्तों को एक माला में पिरोए रखती है नारी , या फिर ये कहें कि हर नारी में छिपी है एक असाधारण नारी । ©Sonal Panwar असाधारण नारी 💯💫 #नारी #नारीशक्ति #नारी_सम्मान #Women #womenempowerment #Women_Special #womenday #hindi_poetry #हिंदी_कविता #नोजोटो
GRHC~TECH~TRICKS
****अपनी नारी शक्ति को पहचानें खुद नारी **** यह तो सिद्ध हो रहा इतिहास कि हर चोपड़ी बात उचित नहीं होती। अगर नारी को जन्म देने वाली मां जननी ही खुद ही एक नारी है । तो और यह ख़ुद ही नहीं क्यो नहीं जानती कि आज खुद के अन्दर जो है, मेधा,कीर्ति,श्री, वाक्, क्षमा, धृति,और श्री यै क्या है। आज तक किसी नारी शक्ति को इसका प्रमाण नहीं दिया है। यह जानकारी हो तो ये कहा से संबंधित हैं इतिहास में। खुद को नहीं पता औरों क्या बताएंगी इनके बारे में है की समस्त पृथ्वी की सुंदर जननी नारियों। और इतिहास गवाह इनके बारे में चर्चा करने से कतराते हैं । महापुरुष जैसे इन्सान तो इस पृथ्वी पर। समस्त पृथ्वी पर समस्त धर्मों में जननी रुपी नारियों। अगर आपको असली नारी शक्ति कि इनको पहचाना सिखिएं। एक बार इस शक्ति को उजागर करने वाले एक ही है। इतिहास में रू ब रू हो उस इतिहास से। क्या पता इस आत्मा का स्वरूप को देखकर लिखवाते जा रहा है वहीं इस शरीर की आत्मा के हाथ से। ©GRHC~TECH~TRICKS #नारीशक्ति #नारी #नारी_सम्मान #grhctechtricks #alone Sanjana Anshu writer Puja Udeshi Ankit verma 'utkarsh' Praveen Jain "पल्लव" vandna Divya Rani Madhu Sm@rt divi pandey Tejaswi Patil
Deepak singh
जींस टॉप में क्या माल लगती है नारी को बोलने वालो जींस टॉप तो आपके घर की नारी भी पहनती होगी क्या उन्हे भी गन्दी नजर से देखते हो ©Deepak singh #NationalSimplicityDay #नारी_सम्मान #नारी
Shivkumar
सृष्टि नियंता, जग निर्मात्री, कण-कण पोषिता नारी हूँ, हाँ मैं औरत, जग कल्याणी हूँ। सृष्टि रचयिता सृष्टि पालक सृष्टि संचालक की वामाग्नि हूँ, प्रकृति मैं, शक्ति भी मैं, मैं ही जग कि तारिणी हूँ। पीर-फकीर राजे-रंक मेरी कोख से जाए हैं रब के बाद धरा पर सबने रुप मुझसे ही पाये हैं। फिर भी हर युग में मुझे ताड़ना ही मिली, बनी संगिनी वन-वन भटकी, फिर महल से निकाली भी गयी मैं। जब-जब विपदा आन पड़ी सबपर सब मेरी शरण ही आये हैं शत्रु का संहार हो या अहम किसी का तोड़ना स्वं प्रभु ने ध्यान धर मुझे ही ध्याये हैं। अब भी सर्वशक्तिमना होकर भी ताड़ित होती हूँ, धर्म,कर्म,कर्तव्य पूर्ण कर भी प्रताड़ित हूँ मैं। रिश्तों की मर्यादा तोड़ ,स्वं मर्द गली,मौहल्ले,घर- बाजार, रौंद के अस्मत मेरी करता , मेरे ही जिस्म का व्यापार। धरा नापती, पाताल खोजती, नभ संचरण भी करती हूँ, धर्माधिकारिणी , सत्ताधारिणी भी मैं हूँ, हाँ मैं नारी हूँ, आज भी अस्तित्व अपना खोजती हूँ मैं। ©Shivkumar #कविताहिन्दी #नारी #नारी_सम्मान #नारी_शक्ति #हाँमैंहीनारी #नारीशक्ति #Nojoto
Poetry with Avdhesh Kanojia
बहुत किया विलाप रुदन न भर अश्रु के कूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। तेरे करुण रुदन से नहीं है किसी का हृदय पिघलता। भस्म न करेगी किसी पापी को तेरी श्वासों की शीतलता।। अबला नहीं बन तू सबला अब अपनी शक्ति को पहचान। जो रखे हाथ तेरे सम्मान पे रख दे उस पे तू कृपाण।। जो रखे कुदृष्टि तुझ पर अब कर डाल तू उसे कुरूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। जो घात लगाए बैठे हैं विधर्मी उनको भी तू पहचान। मीठी बातों में हैं जो फँसाते समझ तुझे नादान।। मंशा जिनकी है अशुद्ध संस्कृति का करना विस्तार। ले तलवार बनकर क्षत्राणी दे उनके सीने में उतार।। पापी को दण्डित करना भी है एक धर्म स्वरूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। बहुत किया विलाप रुदन न भर अश्रु के कूप। हे नारी न रो अबला बन धर काली का रूप।। #नारीशक्ति #नारी #नारी_सम्मान #नारीसाधनानिहारिका #नारीसम्मान #कविता #कविताएँज़िंदारहतीहैं #काव्यसंध्या