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ANIL KUMAR

#ख़ुदा/ख़ुदा #कुछपलदिलकेपास#अनिल कुमार "निश्छल" ख़ुदा के राजी होने से ही नहीं सारी क़ायनात किसी की होती खुद को भी राजी करना पड़ता है जहां में कुछ पाने के लिए अनिल कुमार "निश्छल"

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#ख़ुदा/ख़ुदा #कुछपलदिलकेपास#अनिल कुमार "निश्छल"
ख़ुदा के राजी होने से ही नहीं 
सारी क़ायनात किसी की होती
खुद को भी राजी करना पड़ता
है जहां में कुछ पाने के लिए 

अनिल कुमार
"निश्छल"

ANIL KUMAR

#मंजिल#साख#अनिल कुमार "निश्छल" #कुछपलदिलकेपास मयस्सर कहाँ हैं? यूँ ही मंजिलें किसी को; जमाने लग जातें हैं,लोगों को साख बनाने में।

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#मंजिल#साख#अनिल कुमार "निश्छल" #कुछपलदिलकेपास
मयस्सर कहाँ हैं? यूँ ही मंजिलें किसी को;
जमाने लग जातें हैं,लोगों को साख बनाने में।

ANIL KUMAR

"पापा तुम्हारी याद सताती है।" पापा मेरे कहाँ चले गए तुम लाड़ो की क्या याद न आती? मेरी आंखियां तरसी कितनी वर्षों हो गए आपसे बिछड़ें कितनी नन्ही थी आपकी लाड़ो

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 "पापा तुम्हारी याद सताती है।"

पापा मेरे कहाँ चले गए तुम
लाड़ो की क्या याद न आती?
मेरी आंखियां तरसी कितनी
वर्षों हो गए आपसे बिछड़ें

कितनी नन्ही थी आपकी लाड़ो

ANIL KUMAR

हम दिलों में बसे रहें यही दौलत ही काफी है हमारे लिए सिकंदर बनकर भी लोग आए और राख बनकर मिट्टी में दफ़न हो गए #अनिल_कुमार #निश्छल #कुछपलदिलकेपास #राख_हैं

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हम दिलों में बसे रहें यही 
दौलत ही काफी है हमारे लिए
सिकंदर बनकर भी लोग आए और 
राख बनकर मिट्टी में दफ़न हो गए


#अनिल_कुमार #निश्छल #कुछपलदिलकेपास  #राख_हैं

ANIL KUMAR

दफ़न जो दिल में कब से है मिरे वो कहानी सबको सुनानी है बहुत जिसके दम पे ही मुझमें रवानी है ऐसी सुहानी माँ की निशानी है बहुत #कुछपलदिलकेपास#अनिल_कुमार#निश्छल#कुछअनछुएपहलू

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 दफ़न जो दिल में कब से है मिरे
वो कहानी सबको सुनानी है बहुत

जिसके दम पे ही मुझमें रवानी है
ऐसी सुहानी माँ की निशानी है बहुत

#कुछपलदिलकेपास#अनिल_कुमार#निश्छल#कुछअनछुएपहलू

ANIL KUMAR

ठोकर जमाने की जब भी खाता हूं, माँ के आँचल में ही सदा सम्बल पाता हूँ। जब भी रुख़सत जिंदगी से होता हूँ, माँ के चरणों में ही सदा झुक जाता हूँ।

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 ठोकर जमाने की
जब भी खाता हूं,
माँ के आँचल में ही
सदा सम्बल पाता हूँ।
जब भी रुख़सत  
जिंदगी से होता हूँ,
माँ के चरणों में ही
सदा झुक जाता हूँ।

ANIL KUMAR

रब ने माँ को जब बनाया होगा खुद को कदमों पे ही पाया होगा रब ने मां___________ ममता का आँचल जब थमाया होगा

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 रब ने माँ को 
जब बनाया होगा
खुद को कदमों पे 
ही पाया होगा
रब ने मां___________

ममता का आँचल 
जब थमाया होगा

ANIL KUMAR

"सबका साथ जरूरी है" गुल कह बैठा गुलशन से, मेरे वजूद से तेरा वजूद है। मैं जब तक तेरे पहलू में हूँ, तब तक तू भी मौजूद है। आसरे से मेरे तुझमें जान है,

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 "सबका साथ जरूरी है"

गुल कह बैठा गुलशन से,
 मेरे वजूद से तेरा वजूद है।
  मैं जब तक तेरे पहलू में हूँ,
    तब तक तू भी मौजूद है।

आसरे से मेरे तुझमें जान है,

ANIL KUMAR

गुलिस्तां का पोषण भी एक अदावत है यारों हर गुल को गढ़ना भी एक कलावत है यारों बाग़बान का हुनर भी जाया नहीं कभी होता सदियां गुजारता है ये

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 गुलिस्तां का पोषण भी 
एक अदावत है यारों
हर गुल को गढ़ना भी
एक कलावत है यारों

बाग़बान का हुनर भी 
जाया नहीं कभी होता
सदियां गुजारता है ये

ANIL KUMAR

बूँद-बूँद पसीने की जब मिट्टी में मिल जाती है चींख-चींख गगनचुम्बियां श्रम आभास कराती हैं रचनाकार बन जाता जब ब्रम्ह आभास कराती हैं भू में भूधर-सी इमारतें

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 बूँद-बूँद पसीने की जब
मिट्टी में मिल जाती है
चींख-चींख गगनचुम्बियां
श्रम आभास कराती हैं

रचनाकार बन जाता जब
ब्रम्ह आभास कराती हैं
भू में भूधर-सी इमारतें
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