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laxman dawani
2122 2122 2122 212 खेल दिल का जब सियासत से ये खेला जायेगा इश्क तब तब हुस्न के हाथों से मारा जायेगा बेबसी समझो इसे या की मुहब्बत ये मेरी दिल में तुम हो दिल ये तुम ही पे लुटाया जायेगा मुद्दतो से इन लबो पे गीत आये ही नहीं अब बुला कर उन्हें महफ़िल को सजाया जायेगा सोचते क्यों हो मेरी इस ज़िन्दगी के बारे में ज़िन्दगी के साथ जो होगा वो देखा जायेगा बेवफा है बेवफा ही रहने दो उनको यहाँ साथ मुश्किल में मगर उनका निभाया जायेगा ये दिलो के खेल कभी हमको समझ आये नहीं यूँ बसा के दिल में फिर दिल से निकाला जायेगा खेलते दिल से खिलौना हो समझ कर तुम मेरे ये खिलौना तेरे ही हाथो से तोडा जायेगा ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 20/1/2017 ©laxman dawani #alone #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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1222 1222 122 हमारे चश्म जो पुरनम हुये है जुदाई में तेरी हमदम हुये है मिले है दर्द जो भी मोहब्बत के यहाँ पर कब किसी के कम हुये है जिसे चाहा उसी ने ठोकरें दी जहाँ के जुल्म भी हरदम हुये है सहे है ज़ख्म हँसकर दिल पे मैंने सितमगर के सितम क्या कम हुये है मिला कब साथ हमको रौशनी का जला के खुद को हम पूनम हुये है अज़ल जब ज़िन्दगी का आ गया ये तभी दिलबर के घर मातम हुये है ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 20/1/2017 ©laxman dawani #hangout #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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122 122 122 122 न ढूंढो मुझे अपने परछाइयों में बसा हूँ तेरे दिल कि गहराइयों में गुजरती रही साय ज़ुल्फो में मेरी तेरे हुस्न की यार रानाइयों में अहद इश्क का कर गया गर्क उल्फत सितम सहते है हम ये तन्हाइयों में जलाया मुझे मेरे अपनों ने ही था कहाँ दम चिरागों की रोशनाइयों में सबा कह रही दास्ताँ दर्द की अब रही गूँजती आहें शहनाइयों में छुपा बैठे है सीने में दर्दे उल्फत कभी सुन ले आकर ये चौपाइयों में ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 19/1/2017 अहद - प्रतिज्ञा सबा - ठंडी हवा ©laxman dawani #paper #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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1222 1222 1222 2 नई दुल्हन सि हमको वो सजी लगती है गुलाबों की महकती पाँखुड़ी लगती है करो ना प्यार से इन्कार अब तुम भी बिना तेरे ये हर ख़ुशी बुरी लगती है गुजर सकती नहीं ये जिन्द बिन तेरे मुझे ये ज़िन्दगी अपनी थमी लगती है टिकी है नज़रें हमपे अब जमाने की जहाँ देखो वहीँ नज़रे घिरी लगती है सभी करते बातें यहाँ मुहब्बत की जुबाँ से उनके ये बातें बनी लगती है न कर वादे वफ़ा की बातें अब हमसे ये बातें अब हमें मीठी छुरी लगती है करूँ जो कोशिशें समझाने की उनको मिरी हर बात उन्हें क्यों बुरी लगती है ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 18/1/2017 ©laxman dawani #Morningvibes #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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1222 1222 1222 1222 चमन वीरान है दिल का , मिरे तुम आके महकाना तरसती है निगाहें दीद को तुम आके दे जाना लगी है यूँ नज़र मेरी मुहब्बत पर ज़माने की मुझे कहते है दुनियाँ मैं में हूँ खुद से ही बैगाना तिरी चाहत में फिरता हूँ जहाँ की ठोकरें खाकर कहाँ तक ठोकरें हम खायें अब आकर ये समझाना गुजारूँ कैसे मैं ये ज़िन्दगी बिन तेरे तन्हा अब तरीका जीने का हमको कभी आकर ये बतलाना बहा कर आँसु तुमने भी कही थी बात ये हमको जमाना चाहे ठुकराये मगर तुम ना यूँ ठुकराना तड़फती रूह को तुम और तड़फाओ न जाने जां तिरे कदमो में ही है आज भी तेरा ये परवाना ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 18/1/2017 ©laxman dawani #Lights #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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2122 2122 212 फूल था दिल का खिला पहली दफा जब हुआ था सामना पहली दफा छाई रहती थी यूँ दिल में बैचेनी वो सुकूँ दिल का लगा पहली दफा कर गई घायल अदा उनकी मुझे तीर नज़रों का चला पहली दफा नज़रे नज़रो से मिली थी उनके जब उनमे खुदा था दिखा पहली दफा झील सी आँखों में तूफाँ था छुपा उन निगाहों में डुबा पहली दफा इस कदर सुरूर था मुझपे चढ़ा छा गया था वो नशा पहली दफा कितने अरमां दिल के बाकी है अभी जग उठा है हौसला पहली दफा अँधेरे छाये थे जीवन में मेरे दीप ख़ुशी का जला पहली दफा ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 18/1/2017 ©laxman dawani #flowers #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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1222 1222 122 जहाँ का हर सितम हंस के सहा है रहो तुम खुश यही मेरी दुआ है भरोसा कर न गैरो पे यहाँ तुम दिलो को दर्द गैरो से मिला है बसी है दिल में अब मूरत तुम्हारी मेरे दिल में तेरा ही बुतकदा है दिखाई दे रहे जो दाग मुझमें मुहब्बत का मिला हमको सिला है शफक तो आज भी दीदार का है बना कर फासला तुमने रखा है तड़फता ही रहूँ चाहत में उसकी खजालत में यही मेरे लिखा है ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 17/1/2017 शफक - जूनून खजालत - भाग्य ©laxman dawani #covidindia #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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2122 1212 22 ज़िन्दगी दर्द से यूँ हारी है हर नफ़स ज़िन्दगी पे भारी है चुपके से आते है ये रातों को दर्द की मुझसे ऐसे यारी है गुजरेगी आज रात फिर तन्हा रात फिर आज की ये भारी है कह रहे बहते अश्कआँखों के दर्द से जंग अब भी जारी है आ गया वक्त मौत का शायद किसकी साँसों पे ताबेदारी है हँसके बाहों में वो समा लेगी मौत तो इश्क की पुजारी है मौत को हम गले लगा लेंगे मौत तो ज़िन्दगी से प्यारी है ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 16/1/2017 ©laxman dawani #shadesoflife #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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1222 1222 1222 1222 संजो रख्खे हैं जो सपने उन्हें बतला नहीं सकता कलेजा चीरकर अपना तुम्हे दिखला नहीं सकता तुझे चाहा तुझे पूजा तेरी ही बन्दगी की है किसी भी और के आगे ये सर झुका नहीं सकता यूँ मिलती है मसर्रत जो तुम्हे ये दिल दुखाने में कभी में दिलकिसी का ऐसे तो दुखा नहीं सकता बसी है मेरे साँसों में महक कुछ इस कदर तेरी छुपाना चाहूं भी तो मैं कभी छुपा नहीं सकता न होना तुम खफा हम से कभी भी ऐ मेरे हमदम जुदा होके में तुमसे ज़िन्दगी महका नहीं सकता करूँ मैं कैसे तुमसे झूठे वादे हम सफर मेरे जमी पर चाँद तारे तोड़ कर में ला नहीं सकता ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 16/1/2017 ©laxman dawani #alone #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge
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12122 12122 ये दर्दे दिल बेशुमार आये चाहत में होके शुमार आये दिखा नहीं कोई तेरे जैसा नज़र में मेरी हज़ार आये मुद्दत से है आरजू मेरी भी मेरे लिये गम गुसार आये फिगार है तेरे चाहतो में कभी हमें भी करार आये इनायतें बक्श दे हमें भी दहर में मेरी बहार आये सुखन लिखी मैंने नाम तेरे यूँ सुर दे अपने बयार आये ( लक्ष्मण दावानी ✍ ) 15/1/2017 फिगार - घायल दहर - दुनियाँ सुखन - कविता ©laxman dawani #Dullness #Love #Life #romance #Poetry #gazal #experience #poem #Poet #Knowledge