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Neeraj Vats
हर कोई अपने हिस्से की मेहनत करता है हर किसी को अपनी मेहनत मंजूर है। कुछ होते हैं कुदाल, फावड़े के तो कुछ हम जैसे कलम के मजदूर है।। #International_labour'Day ©Neeraj Vats #internationalLabourDay #मजदूरदिवस #Labourday #Labour_Day हर कोई अपने हिस्से की मेहनत करता है हर किसी को अपनी मेहनत मंजूर है। कुछ होते हैं कुदाल, फावड़े के तो कुछ हम जैसे कलम के मजदूर है।।
#internationallabourday #मजदूरदिवस #Labourday #Labour_Day हर कोई अपने हिस्से की मेहनत करता है हर किसी को अपनी मेहनत मंजूर है। कुछ होते हैं कुदाल, फावड़े के तो कुछ हम जैसे कलम के मजदूर है।।
read moreAbhiJaunpur
world labour day #244 जिंदगी मजदूरी करते हुए गुजर रही है! लोग मालिक समझकर ताने मार रहे है!! सबका मालिक ईश्वर है भाई! आपको जो जिम्मेदारी मिली है!! उसे ईमानदारी से निभाएं!!! ©AbhiJaunpur #मजदूरदिवस #Labourday #Labour_Day Khushi soni Anjali Yadav अहिरानी Lucknow Swati Bhanu Priya Sethi Ji Nîkîtã Guptā Pushpa Rai... Åãfrēēñ sana naaz Anshu writer
#मजदूरदिवस #Labourday #Labour_Day Khushi soni Anjali Yadav अहिरानी Lucknow Swati Bhanu Priya Sethi Ji Nîkîtã Guptā Pushpa Rai... Åãfrēēñ sana naaz Anshu writer
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world labour day This year, "the focus is on ensuring safety and health at work in a changing climate." ©AbhiJaunpur #Labourday #Labour_Day #AbhiJaunpur
#Labourday #Labour_Day #AbhiJaunpur
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world labour day भारत में मजदूर दिवस को मनाने की शुरुआत 1923 में सबसे पहले चेन्नई में हुई थी भारत में यह दिन हर साल 01 मई को मनाया जाता है। इस दिन पब्लिक हॉलीडे भी होता है। ©AbhiJaunpur #Labourday #Labour_Day #AbhiJaunpur #Nojoto Sm@rty divi P@ndey Nîkîtã Guptā Ritu Tyagi Pushpa Rai... sana naaz
#Labourday #Labour_Day #AbhiJaunpur Sm@rty divi P@ndey Nîkîtã Guptā Ritu Tyagi Pushpa Rai... sana naaz
read moreAndaaz bayan
जीवन जीने की कला काम को काम समझने की फुर्सत कहां काम को कम करने की हिम्मत कहां। जीना है रोज ऐसे ही मेहनत करके क्योंकि पापी पेट को बिन रोटी के गुजारा कहां।। ©Andaaz bayan #Labourday #Labour_Day Anupriya Yogendra Nath Yogi Dr.UMESH ARSHAAN Mukesh Poonia MS_HINDUSTANI
#Labourday #Labour_Day Anupriya Yogendra Nath Yogi Dr.UMESH ARSHAAN Mukesh Poonia MS_HINDUSTANI
read moreHINDI SAHITYA SAGAR
मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते भूखे बच्चे, कैसे करे सबूरी... जुड़ा साथ है पेट ये पापी, न करे काम की चोरी.. बस इसीलिए, मजदूरी, बड़ी जरूरी... ©HINDI SAHITYA SAGAR #Labourday #Labour_Day #मजदूर #मजदूरदिवस मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते भूखे बच्चे, कैसे करे सबूरी... जुड़ा साथ है पेट ये पापी,
#Labourday #Labour_Day #मजदूर #मजदूरदिवस मजबूर है मजदूर ये, करता है मज़दूरी.. भूख से रोते भूखे बच्चे, कैसे करे सबूरी... जुड़ा साथ है पेट ये पापी,
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भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में 1 मई 1923 में हुई। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1 मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी। यही वह मौका था जब पहली बार लाल रंग झंडा मजदूर दिवस के प्रतीक के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। ©Abhijaunpur #boat #Labourday #Labour_Day
SHIVA KANT(Shayar)
परिश्रम से मिलेगा जो कुछ भी तुम चाहते हो, करते रहो परिश्रम निरंतर अगर कुछ बनना चाहते हो..! परिश्रम का फल मिलेगा तुम्हें तुम्हारे यूँ अभ्यास से, कभी भी तुम न घबराना अपने इस प्रयास से..! परिश्रम ही मनुष्य को जगत में महान बनाता है, करते फिर सब इज्जत हैं जो परिश्रम को अपनाता है..! ये कर्म है मेरा कह कर जो कर्त्तव्य अपना निभाता है, एक दिन सफल व्यक्तित्व बन असफलता को हराता है..! करते रहो निरंतर परिश्रम जब तक मुकाम न पाओ, प्रयास करो तब तक जीवन में श्रेष्ठ न तुम कहलाओ ..! परिश्रम ही एक दिन यूँ तुमको जीवन में विराट बनाता है, परिश्रम करने से आख़िर तू क्यों घबराता है..! परिश्रम से ही संसार में लोगो ने अपना नाम किया, ज़माने के तानों ने भी झुक कर फिर उनको सलाम किया..! ©SHIVA KANT #walkalone #Labour_Day
pankaj mishra
#Labour_Day रोटी - चमड़ी की यारी हो गयी एक आग से एक धूप से काली हो गयी ईंटे कुछ ऐसी दहकी धरती पसीने की प्यासी हो गयी रोज़ - रोज़ की यही कहानी हो गयी ज़िंदगी चूल्हे सी पुरानी हो गयी कितने सूरज ,कितने चाँद कितनी किरणों के आघात माथे पर लिख गए सब वार आंखों में तैरती हम सब की हार रोटी - चमड़ी की यारी हो गयी एक आग से एक धूप से काली हो गयी ©pankaj mishra