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Shubham Bhardwaj

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CalmKazi

भार #Yuna Series 5 और भी पढ़ें #CalmKaziShorts पर #calmkaziwrites #yqbaba #yqdidi #Hindi #हिंदी #शब्द #रूह #भरे

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मेरे शब्दों को यूं न तौला करो,
ये भरे जो मेरी रूह से है । भार

#YuNa Series #5 
और भी पढ़ें #CalmKaziShorts पर

#CalmkaziWrites #YQBaba #YQDidi #Hindi #हिंदी #शब्द #रूह #भरे

Rahul Chhawal

#भरे बाज़ार में अक्सर 
खाली हाथ ही लौट आता हूं 
पहले पैसे नही थे 
अब ख्वाहिश नही रही...
#__shayri_ki_duniya_

✍️Mr.S@ur@bh Aw@sthi (Suryaa)

✍️दिल 💞की क़लम से...#कुछ #दर्द #भरे #अल्फ़ाज़

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Zindagi quotes  ✍️अरे यार..✍️
✍️अब हम कहां उस शख्स के लिए, मायने रखते है,, 
मेरी हर छोटी- सी गलती पे भी, वो अब , मेरे सामने आइने रखते हैं//
                                💞ds... ✍️दिल 💞की क़लम से...#कुछ #दर्द #भरे #अल्फ़ाज़

✍️Mr.S@ur@bh Aw@sthi (Suryaa)

दिल की कलम से ...#कुछ #दर्द #भरे #अल्फ़ाज़

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आखिरी बार मेरी आंखे, तुम्हें जी भर के देखना चाहंती है,
हर जन्म में तेरा साथ मिले ,
 ये कह कर 
मेरी सांसे मेरा साथ छोड़ना चाहती है।
           ds... दिल की कलम से ...#कुछ #दर्द #भरे #अल्फ़ाज़

Sna

स्वच्छ भारत दिलों में नफरत भरे बैठे हैं ........
और भारत को स्वच्छ बनाने जा रहे,
रगों में हैवानियत भरे बैठे हैं ........
और गलियों को स्वच्छ बनाने जा रहे,
खून में दौड़ता है नंगा नाच वासनाओं का.....
औऱ हर घर को स्वच्छ बनाने जा रहे।
द्वेष, ईर्ष्या और लालच मिटाकर ,
करो सफाई अपने अंतर्मन की पहले.....
प्रेम, सदभावना और अहिंसा भरकर ,
करो भराई अपने अंतर्मन की पहले।
ये देश नहीं उस गांधी जिसने अहिंसा का पाठ पढ़ाया,
ये देश नहीं उस शास्त्री का जिसने जय जवान का नारा लगवाया।
ये देश हो गया चोरों का......
ये देश हो गया लुटेरों का......
आओ मिलकर इन चोरों को पीटें,
आओ मिलकर इन लुटेरों को घसीटें।
भारत को उस भारत सा बनाएंजो है देश
महात्मा गाँधी का।
जो है देश लाल बहादुर शास्त्री का।
जय हिंद #SwacchBharat

मलंग

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....चुनावी गड्डा...
एक गड्डा करे ,तो दूजा गड्डा भरे!
नेता मेरे देश के, ये कैसी बात करे...!!
रोडों के गड्ढे भरे नहीं
जाने वो कौन से गड्ढे हैं
भर रहे थे तुम जिनको
वो तो अमीरों के अड्डे हैं!
कुछ पैसे देकर किसानों को
यूँ झुनझुना पकड़ा दिया
पंचवर्षीय योजनाओं को
रस्ता पहले ही दिखला दिया
गऊ माता रस्ता ताक रही
उसे सर पे कब बिठाओगे
वो कट के अब भी बिक रही
उसे वो मान कब दिलाओगे
हुआ राम का वनवास ना पूरा
तुम अज्ञात वास पूरा कर आये
विदेश की धरती पर क्यों
नूरा कुश्ती कर आये
देख बाहुबली आज भी
क्यूँ हर गरीब डरे
नेता मेरे देश के
 ये कैसी बात करे.....!!
बेरोजगारी जोरों पर है
ना विश्वास ओरों पर है
अच्छे दिन रास ना आये
पैसा अब भी पास ना आये
विकास रस्ता भूल चुका है
शहरी झूला झूल चुका है
निर्धन अब भी रोजगार ताके
गरीब खाली बटुवा  झांके
अंतरिक्ष उड़ान से उसे क्या लेना
झूठी शान से उसे क्या लेना
वो तो  दो वक्त की रोटी चाहे
अच्छा भविष्य सुरक्षित बेटी चाहे
कारोबार काहे ठप कराया
काला धन भी वापस ना आया
नोट बंदी काले नोट बंद कर ना पाई
महिलाओं ने भी जमा पूँजी गवाँई
चोर चौकीदार की बात पर 
अब हर चौकीदार डरे
नेता मेरे देश के, ये कैसी बात करे।
एक गड्डा करे, तो दूजा गड्डा भरे
नेता मेरे देश के, ये कैसी बात करे।

यह किसी के विरुद्ध नहीं लिखा गया है कृपया इसे एक आलोचना के रूप में ही लिया जाये।
प्रजातंत्र में आलोचना जरूरी है जो उसे सही रास्ता दिखाती है।
रचयिता:- बलवन्त रौतेला (B.S.R.)
                   रूद्रपुर  04/04/2019
                               7:52 am

pari gupta

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मोहब्बत है क्या चीज़ दर्द भरे दिल को सुकून तथा सुकून भरे 
दिल को दर्द दे दे.....
वो चीज है मोहब्बत.........🖤

Kranti Thakur

#ख़त #poem

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ख़ामोशी भरे उन बातोँ का
उन तन्हा तन्हा रातों का
हिसाब भला हम क्या देंगे
अबके तुमने ख़त लिख्खा तो
ज़वाब भला हम क्या देँगे।

उन अश्कों की बरसातों का
वो मायूसी भरे लम्हातों का
वो होली के फ़ीके रंगों का
उन धूमिल परे उमंगों का
हिसाब भला हम क्या देंगे
अबके तुमने ख़त लिख्खा तो
ज़वाब भला हम क्या देँगे।

वो अंतर्मन के सूनेपन का
उन राह ताकती अँखियन का
वो गुज़रे बीते सालों का
उन तेरे मासूम सवालों का
हिसाब भला हम क्या देंगे
अबके तुमने ख़त लिख्खा तो
ज़वाब भला हम क्या देँगे।





ये जो थोड़ी सी दूरी है
मेरी भी मज़बूरी है।
कई बार ख़यालों में जाके
सोचा था तुमसे मिल करके
सारे मशले सुलझा लेंगे।
अबके तुमने ख़त लिख्खा तो
ज़वाब भला हम क्या देँगे।

मेरे इस बोझिल से मन से
दीवाल टंगी उस दर्पण से
कहीँ झाँकती तेरे नैनन में
कुछ प्रश्न तुम्हारे टोकेंगे
हम मौन खड़े फिर सोचेंगे
गर अबके तुमने ख़त लिख्खा तो
ज़वाब भला हम क्या देँगे।। #ख़त

Anurag Srivastava Srivastava

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खुशहाली मे एक बदहाली मैं भी हूँ और तू भी हैं, हर निगाह पर एक सवाली मैं भी हूँ और तू भी हैं,,दुनिया कुछ भी अर्थ लगाये हम दोनो को मालूम हैं, भरे भरे में खाली खाली मैं भी हूँ और तू भी हैं।
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