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Best भंडार Shayari, Status, Quotes, Stories

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Shubham Bhardwaj

Anamika

#शब्द #भंडार Anuup Kamal Agrawal को समर्पित 🙏🙏

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   है इनके पास शब्दों का जाल
 नाम  जिनका अनूप कमाल अग्रवाल। #शब्द 
#भंडार 
Anuup Kamal Agrawal को समर्पित 🙏🙏

Abhijeet

अब दुनियाँ से क्या डर है, माँ जब तेरी गोद में सर है माँ, है ना माँ! निःस्वार्थ, निश्छल तेरा प्रेम है माँ मंदिर में भगवन, मेरा भ्रम है माँ, तुम चारों धाम से क्या कम है माँ, मेरा संसार तुम्हारे भर है माँ #Poetry #Quotes #Hindi #Stories #Mother #maa #wordporn #quoteoftheday #wordswag #poem #qotd #poetrycommunity #nojotohindi #NojotoFamily #Nojotoहिंदी #poemofnojoto

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अब दुनियाँ से क्या डर है, माँ
जब तेरी गोद में सर है माँ, है ना माँ!

निःस्वार्थ, निश्छल तेरा प्रेम है माँ
मंदिर में भगवन, मेरा भ्रम है माँ,
तुम चारों धाम से क्या कम है माँ,
मेरा संसार तुम्हारे भर है माँ

अब दुनियाँ से क्या डर है, माँ
जब तेरी गोद में सर है माँ, है ना माँ!

तेरी आँचल की सुख साया में
रक्त अभीसिंचित मेरी काया है माँ
तेरे ममता की घनी छाया में
मेरे हर सुख का सागर है माँ

अब दुनियाँ से क्या डर है, माँ
जब तेरी गोद में सर है माँ, है ना माँ!

तु असीमित प्रेम की भंडार है 
निर्मल स्नेह की पुकार है, माँ 
तु आदि शक्ति की अवतार है 
करुणामय स्वभाव की भंडार है, माँ

अब दुनियाँ से क्या डर है, माँ
जब तेरी गोद में सर है माँ, है ना माँ!

~अभिजीत अब दुनियाँ से क्या डर है, माँ
जब तेरी गोद में सर है माँ, है ना माँ!

निःस्वार्थ, निश्छल तेरा प्रेम है माँ
मंदिर में भगवन, मेरा भ्रम है माँ,
तुम चारों धाम से क्या कम है माँ,
मेरा संसार तुम्हारे भर है माँ

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 16 - राजस त्याग दु:खमित्येव यत्कर्म कायक्लेशभयात्यजेत्। स कृत्वा राजसं त्यागं नैव त्यागफलं लभेत्।। (गीता 18।8)

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|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
16 - राजस त्याग

दु:खमित्येव यत्कर्म कायक्लेशभयात्यजेत्।
स कृत्वा राजसं त्यागं नैव त्यागफलं लभेत्।।
(गीता 18।8)

Rekha Pandey

धन्य हो नारी तेरा जीवन कष्ट सहती टू अनेक है फिरभी तुझमे ममता इतनी ह्रदय तेरा नेक है ना समझ आया मुझे तुलना करू किससे तेरी सागर की गहराई से तोलू

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 धन्य  हो नारी तेरा जीवन 
कष्ट सहती टू अनेक है 
फिरभी तुझमे ममता इतनी 
ह्रदय तेरा नेक है 

ना समझ आया मुझे 
तुलना करू किससे  तेरी 
सागर की गहराई से तोलू


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