सुनो....हाँ तुम्हे ही कह रहा हूँ तुम्हे तो खैर याद होगा नहीं लेकिन कुछ साल पहले इंदौर की उस बहुत तेज़ बारिश में लगभग रात दस बजे जहाँ तुम और मैं उस एलआइजी चौराहे पर बारिश से बचने की कोशिश में थे फिर भी भीग गए थे और सामने टपरी पर चाय भुट्टे और मूंग के पकौड़े उस लम्हे को और खूबसूरत बना रहे थे और तुम्हे भुट्टे तो मुझे पकौड़े और चाय और करीब ला रहे थे तुम बादलों के गरजने और बिजली के चमकने के डर से मेरे और भी करीब आ रही थी आज फिर बहुत तेज़ बारिश हो रही है और इत्तेफ़ाक देखो वक़्त भी लगभग रात दस बजे का ही है मैं आज भी इंदौर के उसी एलआइजी चौराहे पर भीगने से बचने की नाकाम कोशिशे कर रहा हूँ वैसे ही बादल गरज रहे है वैसी ही बिजली चमक रही है सामने वही मूंग के पकौड़ो भुट्टे और चाय की टपरी है अगर कुछ नहीं है तो वो हो....तुम सार्थक😊 ©Sarthak Trivedi #ShortStory #barish #chai