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sarthaktrivedi0592
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Sarthak Trivedi

software engineer by profession, student of HINDI language, nature lover और इन सबके बाद अपने आप के लिए कवी और लेखक

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Sarthak Trivedi

Beautiful Moon Night जब कभी तुम आफिस से देर से आओगी तो तुम्हारे लिए एक कप चाय मैं भी बना दुंगा बस तुम मेरी उस चाय की मिठास बन जाना

रोज सुबह तुम देर से भी सो कर उठोगी तो चलेगा बस छुट्टी वाले दिन मुझे जल्दी मत जगाना 

मुझे दिक्कत नही तुम्हारे किसी मेल फ्रेंड से बस तुम किसी कमबख़्त को अपना बेस्टफ्रेंड मत बनाना 

मेरी बहनों की हर ख्वाहिश को तुम पूरी करते जाना तुम्हारी भी सब ख्वाहिश मुझे बताना 

मैं सब कुछ संभाल लूंगा तुम बस हर पल मेरा साथ निभाना

मैं रख लूंगा तुम्हारे माँ पापा का खयाल बस तुम मेरे माँ पापा को दिल से अपनाना

हम मिल कर बनाएंगे अपनी और अपनों की खुशियों का आशियाना 

मैं बना दूंगा तुम्हारे लिए एक कप चाय तुम बस मेरी उस चाय की मिठास बन जाना

©Sarthak Trivedi #beautifulmoon
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Sarthak Trivedi

पहले मिलते ही थे बात करने के लिए
अब जब मिलते है तब बात कर लेते है

©सार्थक😊

©Sarthak Trivedi
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Sarthak Trivedi

कुछ भी अब उस वक्त जैसा नही रहा
दरमियाँ हमारे कुछ ऐसा वैसा नही रहा
मिलते है कहीं तो हाल चाल पूछ लेते है
रिश्ता हमारा अब पहले जैसा नही रहा

©Sarthak Trivedi
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Sarthak Trivedi

झाँककर देखोगे कभी मेरे अंदर तो पाओगे मेरा मन काँच के टुकड़ों की तरह बिखरा पड़ा है जहाँ हर एक टुकड़े का आकार अलग है कोई टुकड़ा बडा है कोई टुकड़ा छोटा है कोई टुकड़ा खुशी का है तो कोई टुकड़ा दर्द का, किसी टुकड़े पर बैचेनी लिखी है तो किसी पर उन्माद, कोई टुकड़ा एक दम शांत है और कोई टुकड़ा बहुत ही परेशान कहीं बहुत गुस्सा है तो कहीं बहुत प्यार, कोई टुकड़ा जीत है तो कोई टुकड़ा हार, एक टुकड़ा आत्मविश्वास का है तो दूसरा टुकड़ा एक दम निराश, मन के किसी कोने में एक टुकड़ा भरा हुआ है भावनाओं से वहीं दूसरा टुकड़ा बिल्कुल ही निराश और निष्ठुर और इन सब के बाद भी कितने ही टुकड़े ऐसे बिखरे पड़े है जिन्हें हाथ से समेटो तो हाथ मे चोट लग जाए फिर भी इतने सारे जज़्बातों को मन मे छुपाता हूँ कोई जब पूछता है हाल तो मन में उन टुकड़ो को समेट कर अच्छा बताता हूँ और सिर्फ चेहरे से मुस्कुराता हूँ फिर दोबारा बिखर जाता हूँ

सार्थक😊

©Sarthak Trivedi #मन
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Sarthak Trivedi

अंग्रेजी काम की भाषा है आनी ही चाहिए नही आती तो सीखनी चाहिए लेकिन काम की भाषा सिर्फ काम तक सीमित रहनी चाहिए और जिन्हें हिंदी बोलने लिखने में शर्म आती है मुझे उनकी भारतीयता पर शर्म आती है क्योंकि हिंदी सम्मान की भाषा है हिंदी हमारा गर्व है हिंदी हमारी पहचान है जब स्वामी विवेकानंद शिकागो सम्मेलन में हिंदी में बोलते है मेरे प्यारे भाइयो और बहनों तब हिंदी का गर्व महसूस कीजिए जब देश के प्रधानमंत्री अमेरिकी संसद में जाकर हिंदी में बोलते है तब हमारी पहचान पर गर्व महसूस कीजिए और जब विश्व के बड़े नेता बड़े खिलाड़ी या वैश्विक पहचान रखने वाले लोग जब अपने बच्चो के नाम भारतीय नामो पर रखते है भारतीय उत्सवों में हिंदी में बधाई देते है इसका मतलब दुनिया हमे सम्मान की नज़रों से देखती है हमारे इस सम्मान को महसूस कीजिए जी 20 सम्मेलन में अमेरिकी दल की एक महिला जब धाराप्रवाह हिंदी बोलती है तब ये गर्व ये पहचान ये सम्मान और बढ़ जाता है क्योंकि तब हमारी भाषा वैश्विक हो जाती है आज हमें उन सभी लोगो का धन्यवाद करना चाहिए जिनके प्रयासों से हमारी हिंदी भाषा वैश्विक हो रही है

सार्थक😊

आप सभी को हिंदी दिवस की अनेक शुभकामनाएं

©Sarthak Trivedi #Hindidiwas
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Sarthak Trivedi

हिंदी के हृदय में प्रेम है तिरंगा 
उर्दू के दिल मे मुहब्बत है तिरंगा 
अंग्रेजी के हार्ट में भी लव है तिरंगा 
शौर्य शांति और ऊर्जा का प्रतीक तिरंगा 
अशोक चक्र के गुणों से परिचित तिरंगा
हर हिंदुस्तानी की पहचान तिरंगा
मेरे देश का अभिमान तिरंगा 
तीन रंगों से सजा पूरा हिंदुस्तान तिरंगा 
मेरे घर तिरंगा तेरे घर तिरंगा 
सबके घर तिरंगा हर घर तिरंगा 
घर घर तिरंगा घर घर तिरंगा

स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🇮🇳🇮🇳
सार्थक😊

©Sarthak Trivedi #तिरंगा #स्वतंत्रतादिवस #स्वाधीनतादिवस #भारत_माता_की_जय
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Sarthak Trivedi

कृष्ण चाहिए प्रेम में तो मिलेंगे वो राधा में
देखोगे गर रुक्मणी में तो मिलेंगे वो विरह में 
ढूंढा तो मीरा ने भी कृष्ण को प्रेम और विरह में 
मगर मीरा के हिस्से कृष्ण आए भी तो प्रतीक्षा में

सार्थक😊

©Sarthak Trivedi #Krishna #meera #Radha #Rukmani #RadhaKrishna
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Sarthak Trivedi

बारिश और यादों में ज्यादा फर्क नही होता है बारिश हर रोज नही आती ठीक वैसे ही तुम्हारी याद भी हर रोज नही आती लेकिन जब आती है तो फिर पूरा भीगा जाती है शुरुआत में पानी की बूंदों सी तुम्हारी याद भी जम जाती है फिर जब पानी की बूंदे बौछारो में बदलती है तो तुम्हारी यादों की भी बौछारें पड़ने लगती है लेकिन ये बौछारें कभी कभी तेज़ बारिश में बदल जाती है और फिर कभी कभी तो ये बारिश तबाही ले आती है और जब बारिश तेज होती है तो जमी हुई बूंदों को बहा ले जाती है ठीक उसी तरह  तुम्हारी यादों की बौछारें जब तेज बारिश में बदल जाती है तब वह उन जमी हुई यादों को भी बहा ले जाती है और कभी कभी तो मंजर तबाही वाला हो जाता है लेकिन जैसे तबाही अपने निशान छोड़ जाती है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादे भी अपने निशान छोड़ जाती है वैसे ऐसा नही है कि मै कोशिश नही करता कार के शीशे पर बूंदे गिरे तो उसे वाइपर से साफ किया जा सकता है बौछारे पड़े तो वाइपर की गति को बढ़ाया जा सकता है लेकिन जब बहुत तेज बारिश हो तो वाइपर काम नही करता और हमे बारिश के रुकने का इंतजार करना पड़ता है ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बूंदों और बौछारों पर तो वाइपर काम कर जाता है लेकिन जब तुम्हारी याद भी तेज बारिश की तरह आने लगती है तो वाइपर काम नही करता और मुझे उस बारिश के रुकने के इंतजार में कहीं ठहरना पड़ता है लेकिन कभी कभी बारिश रुक रुक कर होती है और बारिश की तरह तुम्हारी याद भी कभी कभी रुक रुक कर आती है जैसे बारिश शुरू हुई मैं ठहर गया था बारिश बंद हुई मैं चल पड़ा ठीक वैसे ही तुम्हारी यादों की बारिश में मैं पूरा भीग जाता हूँ तो ठहर जाता हूँ सूखने लगता हूँ कि दोबारा बारिश शुरू हो जाती है और मै दोबारा भीग जाता हूँ इस तरह तुम्हारी याद में मैं कई बार बूंदों सा जम जाता हूँ कई बार बौछारों सा बरस कर संभल जाता हूँ तो कभी कभी तेज़ बारिश की तरह तुम्हारी यादों में बह जाता हूँ तो कई बार यादों के तूफान के उफान को शांत कराता हूँ इस तरह कई बार चलती रुकती बारिश की तरह तुम्हारी यादों की बारिश में भीगता हूँ और सूखता हूँ 

सार्थक😊

©Sarthak Trivedi #Drops #yaadein #baarish #tum
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Sarthak Trivedi

मेरे द्वारा लिखी एक छोटी सी काल्पनिक कहानी है जिसके पात्र है नयन और नैना जहाँ नयन नैना से काल्पनिक संवाद करते हुए कह रहा है कि

तुम जब अपने सारे काम खत्म कर के रात को अपने बिस्तर पर जाती हो और जैसे ही अपना मोबाइल उठती हो तो तुम्हे सोशल मीडिया पर मेरी कविता शायरी या फिर मेरी तस्वीरें दिख जाती है या फिर कभी कभी जब तुम सोने की कोशिश कर रही होती हो और अधकचरी नींद में जब अचानक ही तुम्हे मेरा ख़याल आ जाता है तब तुम परेशान होकर करवटें बदलती रहती हो और यह  सोचती हो कि क्या सबकुछ पहले जैसा नही हो सकता और मैं जानता हूँ कि उस वक़्त तुम्हारा मन इतना व्याकुल हो जाता है कि तुम उसी समय मुझसे बात करना चाहती हो लेकिन खुद को रोक देती हो और फिर तुम पुरानी यादों को याद करते करते सो जाती हो लेकिन सुबह होते ही तुम्हे ये सारी बातें बेमानी लगती है और फिर तुम ही नही चाहती हो को सबकुछ पहले जैसा हो जाए वैसे अभी रात है और अभी भी तुम करवट बदलते हुए यही सोच रही हो कि सबकुछ पहले जैसा हो जाए और यह भी सोच रही हो कि यह सब बातें मुझे कैसे पता तो इसका जवाब है कि जब तुम करवटें बदलती हो तो नींद मुझे भी नही आती मैं भी चाहता हूँ कि सबकुछ पहले जैसा हो जाए और तुम तो सिर्फ रात में चाहती हो जबकि मैं तो दिन रात चाहता हूँ कि सबकुछ पहले जैसा हो जाए

सार्थक😊

©Sarthak Trivedi #Hum #short_Story
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Sarthak Trivedi

आज फिर मन मे उथल पुथल सी हो रही थी तो सोचा फिर से नदी से वार्तालाप की जाए आज मैं फुर्सत में भी था तो सोचा देर तक नदी से बात करूंगा लेकिन नदी मुझसे इस बात पर नाराज थी कि आज मैं उससे मिलने देर से गया था मैं नदी को मना रहा था लेकिन नदी मुझसे इतनी नाराज थी कि तेज तेज बहने लगी पर मैं यह भी जानता था कि नदी मुझसे ज्यादा देर तक नाराज़ नही रह सकती मैं बैठा रहा और वो शांत हो कर मुझसे बोली बताओ क्या बात है मैंने बोला कोई खास बात नही है आज बस यूं ही तुम्हारे किनारे पर बैठकर तुमसे बातें करने चला आया लेकिन तुम्हारी अद्भुत छटा देखकर मेरे अंदर की सारी उथल पुथल शांत हो गई क्या खूबसूरत छटा बिखेरी है आज तुमने एक तरफ तुम्हारा तट है जहाँ मैं बैठा हूँ दूसरी तरफ तुम बह रही हो ऊपर आकाश में चाँद और तारे तुम्हारे जल में अपना प्रतिबिंब देख रहे है फिर मैंने नदी से कहा कि मैं इस अद्भुत दृश्य को देखकर सबकुछ भूल गया हूँ अब बस तुम्हारे तट पर बैठकर तुमसे मौन संवाद करना चाहता हूँ और नदी ने मुझे अकेला छोड़ दिया मैं नदी को देखकर मन ही मन नदी से संवाद कर रहा हूँ कि आज मैंने तुमसे ज्यादा बात तो नही की लेकिन बिना बात किये भी तुमने मुझसे पुर्ण बात कर ली और मेरे मन को असीम शांति का अनुभव कराया मैंने नदी से कहा कि तुम्हारी एक खास बात है कि तुम कभी भी मुझे खाली हाथ नही लौटाती चाहे तुम मुझसे बात करो ना करो जब भी मैं तुमसे मिलता हूँ तुम हमेशा मुझे सुकून देती हो और इस तरह मैं नदी से मौन संवाद करते करते ही घर लौट आया लेकिन मेरी नदी से वार्तालाप अभी भी जारी है मुझे पता है जब भी मुझे जरूरत होगी नदी हमेशा मेरे साथ है

सार्थक😊

©Sarthak Trivedi #नदी
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