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एक रात जब मयखाने में बैठूंगा उस वक़्त मैं खुद जिक

एक रात जब मयखाने में बैठूंगा

उस वक़्त मैं खुद जिक्र करूँगा 
मेरी इन काली पीली लाल 
रक्त से रंगित इन आँखों का .... 

डरते है 
अचानक मेरी आंखों से

बच्चे, बुढे, स्त्रियाँ और कुत्ते.......  

एक रात जब मयखाने में बैठूंगा

उस वक़्त मैं खुद जिक्र करूँगा 
मेरी इन काली पीली लाल 
रक्त से रंगित इन आँखों का ....
एक रात जब मयखाने में बैठूंगा

उस वक़्त मैं खुद जिक्र करूँगा 
मेरी इन काली पीली लाल 
रक्त से रंगित इन आँखों का .... 

डरते है 
अचानक मेरी आंखों से

बच्चे, बुढे, स्त्रियाँ और कुत्ते.......  

एक रात जब मयखाने में बैठूंगा

उस वक़्त मैं खुद जिक्र करूँगा 
मेरी इन काली पीली लाल 
रक्त से रंगित इन आँखों का ....