चाय का तो साहब मजा ही कुछ और है आदत कहो या लगाव हम तो दोनों मंजूर है कभी अपनों संग ताज़ा करे मीठा एहसास कभी ढाबे पर साथीयों संग लुटाए मस्ती और प्यार हर कोई आज इस नशे में चूर है किसी के लिए दवा तो किसी के लिए दिल का सुकून है सुबह दोपहर शाम जपते माला रोज इसकी थकान मिटाए, सिर दर्द मिटाए और मिटाए सुस्ती लेमन चाय, ग्रीन चाय, मसाला चाय, करे रोग उपचार पर हमें तो भैया दूध वाली ही चाय पसंद है बेहिसाब मा के हाथ की चाय है ममता की धार, सुख, चैन और आंनद का खजाना होता है भरा अटूट प्यार और लगाव, इसीलिए हर रोज़ चाहता हर कोई इसको पाना बीबी कहती पीलो चाय, हो जाओ ऑफिस को तैयार उसकी फिक्र और परवाह ही तो है उसका अटूट प्यार साथी संग बैठ चाय का कप बनाता जीवन का हर लम्हा यादगार #NationalChaiDay Asha ✍