हमारी शख्शियत का अंदाज़ा तुम क्या लगाओगे मेरे दोस्त हम तो वो हैं जब हम कब्रिस्तान से होकर गुजरते है तो मुर्दे भी उठ कर बोलते हैं सलाम..भईया राजा