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हैं तितलियाँ जो तेरे यादों की, ज़िद्दी है तेरी तरह


हैं तितलियाँ जो तेरे यादों की, ज़िद्दी है तेरी तरह, 
वो पता तेरी है पूछती, खता मेरी है पूछती ...

पर कैसे उसको समझाऊँ, चाँद की हो नूर तुम,
मेरे पास भी नहीं तुम, ना ही हो मुझसे दूर तुम ...
 poem by kumar sonal

हैं तितलियाँ जो तेरे यादों की, ज़िद्दी है तेरी तरह, 
वो पता तेरी है पूछती, खता मेरी है पूछती ...

पर कैसे उसको समझाऊँ, चाँद की हो नूर तुम,
मेरे पास भी नहीं तुम, ना ही हो मुझसे दूर तुम ...
 poem by kumar sonal
kumarsonal5759

Kumar Sonal

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