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हर तरफ है धुँआ धुँआ, ज़िन्दगी सुलगती जाती है| देख

हर तरफ है धुँआ धुँआ, 
ज़िन्दगी सुलगती जाती है|
देख मेरा हाल ऐसा मौत मंद मंद मुस्कराती है||
हर कश्मकश की कश में वो मुझमे समाती है,
हौले हौले मुझे फिर जलाती है| 
ज़िन्दगी के इस पाषाण को,
जाने क्यों वो खंड खंड बिखराती है||
देख मेरा हाल ऐसा मौत मंद मंद मुस्कराती है|| #canibreath
हर तरफ है धुँआ धुँआ, 
ज़िन्दगी सुलगती जाती है|
देख मेरा हाल ऐसा मौत मंद मंद मुस्कराती है||
हर कश्मकश की कश में वो मुझमे समाती है,
हौले हौले मुझे फिर जलाती है| 
ज़िन्दगी के इस पाषाण को,
जाने क्यों वो खंड खंड बिखराती है||
देख मेरा हाल ऐसा मौत मंद मंद मुस्कराती है|| #canibreath